Friday 29 June 2018

स्कूल, इंस्टिट्यूट, कॉलेज के खिलाफ शिकायत कहां दर्ज करे (Where to file a complaint against School, Institute, College)

consumer complaints
आज हम बात करेंगे कि क्या विद्यार्थी भी उपभोक्ता (consumer) होते है | विद्यार्थी (student) को उपभोक्ता (consumer) की श्रेणी में रखा जा सकता है या नहीं रखा जा सकता है | आज हम बात करेंगे स्कूल में दाखिले से सम्बंधित चीजों पर | यह तो हम सभी लोग जानते है कि किसी अच्छे स्कूल में दाखिला लेना कितना मुश्किल होता है | यह कभी कभी विद्यार्थी और उनके अभिवावक  के  लिए काफी कष्टदायक होते है | सबसे ज्यादा दिक्कत तब आती है जब एक से ज्यादा जगह पर फीस देकर हमे सीट को आरक्षित (reserve) करना पड़ता है | ऐसे में स्टूडेंट (student) एक से ज्यादा जगह फीस देके अपनी सीट को आरक्षित करते है मगर एडमिशन (admission) उन्हें किसी एक ही कॉलेज (college) में लेना होता है |  जब वो किसी एक कॉलेज में अपने प्रसंद के कोर्स में एडमिशन (admission) ले लेते है बाद में उन्हें दूसरे कॉलेजेस से अपनी फीस को वापस लेना होता है | तभी दिखाते होना शुरू हो जाती है | इंस्टिट्यूट (Institute) अपने नियम और शर्तो का हवाला देके फीस को वापस देने से मन कर देते है | तो अगर आपके साथ या आपके किसी जानने वाले के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो आपको क्या करना चाहिए|

आपको हमेशा ये याद रखना चाहिए कि एक स्टूडेंट भी एक उपभोक्ता (consumer) होता है | ऐसे में अगर आपको ऐसी कोई शिकायत (Grievance) होती है तो आप कंस्यूमर कोर्ट (Consumer Court) का सहारा ले सकते है | उपभोक्ता संरक्ष्रण अधिनियम में संशोधन करके वस्तुओ के साथ सेवाओं को भी कंस्यूमर कोर्ट का विषय बना दिया गया था |  इस संशोधन का 1993 में बहुत ही ज्यादा विरोध किया गया था पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि स्टूडेंट भी कंस्यूमर (consumer) होते है और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (Educational Institute) सेवाएं देने वाली एजेंसी है | सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के बेंच में 2003 उस्मानिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी vs स्टेट ऑफ़ कर्नाटक के मामले में हम फैसले लिए थे जिसमे कहा गया था कि एजुकेशनल इंस्टिट्यूट पुरे सेशन की फीस एक साथ नहीं ले सकते | या फिर एक साल की फीस एक साथ ली जा सकती है | 

दूसरा यह कि अगर स्टूडेंट इंस्टिट्यूट को छोड़ना चाहता है और उसके पास छोड़ने का उचित कारण है तो इंस्टिट्यूट को फीस के कुछ पैसे काट कर बाकी कि रकम स्टूडेंट को वापस करनी होंगी | 

तीसरा यह कि स्टूडेंट का ओरिजिनल सर्टिफिकेट कोई भी इंस्टिट्यूट नहीं रोक सकता है | इसी के साथ भी युजीसी (UGC) कुछ अधिसूचनाए जारी किये थे और  युजीसी (UGC) ने कहा था कि अगर स्डूडेंट कुछ कक्षाए
इंस्टिट्यूट या फिर कॉलेज से ले चूका है तो उसकी फीस से कुछ (1 हजार) रूपये काट कर बाकी के पैसे वापस करने होंगे | 

इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण फैसले आये थे | जो दो जजों कि बेंच के थे इसलिए तीन जजों कि बैंच का फैसला आज भी वैद्य है | जिसके अनुसार एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (Educational Institute) कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) के सामने उतरदायी होता है | 

2009 में के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के अनुसार परीक्षा बोर्ड (Examination Board) कंस्यूमर कोर्ट कि परिधि में नहीं आता है यह कहा गया था| लेकिन एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (Educational Institute) अगर स्टूडेंट को गलत इनफार्मेशन देता है यह उसे किसी तरह का झासा देता है या सेवा प्रदान करने में कमी करता है तो इस तरह के मामले के लिए वो कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) के सामने उत्तरदायी होगा| 

कोई भी स्टूडेंट किसी कॉलेज या इंस्टिट्यूट (college or institute) के खिलाफ किन बातो को लेके कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) में जा सकता है | 

1. स्कूल या कॉलेज कि व्यवस्था ठीक नहीं है |

2. पर्याप्त शिक्षक का ना होना |

3. सुविधाओं में कमी है |

4. कोर्स का समय पर शुरू नहीं किया जाना |

5. स्टडी मटेरियल का ना दिया जाना |

6. क्लास लेने के स्थान को बार बार बदल दिया जाना |

7. ओरिजिनल सर्टिफिकेट देने से इंकार करना |

8. संस्थान के बारे में गलत भ्रामक सूचना देना |

9. जॉब दिलाने का वादा करके उससे पूरा नहीं किया जाना |

10. कॉलेज छोड़ने पर फीस को वापस ना लौटना |

11. पुरे सत्र की फीस एक बार में एक साथ मांगना |

इस तरह की दिक्कते होने पर आप कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) में जा सकते है और अपनी शिकायत (complain) को दर्ज करा सकते है | आप अपनी शिकायत ऑनलाइन उपभोक्ता फोरम (complaint online consumer forum) के जरिये भी कर सकते है जहां पर जल्द से जल्द आपकी शिकायत (complain) का समाधान होगा | 

Thursday 28 June 2018

उपभोक्ता खरीद दिशानिर्देश हिंदी में (Consumer Buying Guidelines in Hindi)

Consumer Buying Guidelines In Hindi

अक्सर हम लोग कोई भी चीज़ खरीद लेते है बिना ये जाने की क्या वह चीज़ हमारे इस्तेलम की है या फिर उससे ओर भी अच्छी चीज़ ले सकते थे यह हो सकता है कभी कभी कि आप यह हो सकता है बिक्री व्यक्ति के द्वारा काफी उत्साहित करने पर या भी विक्रेता का कीमत में कमी करके अपने वस्तुओ को बेचने का तरीका कभी कभी इंसान को लेने पर मजबूर कर देता है | कितनी बार हमे यह महसूस होता है कि "काश मैने यह नहीं ख़रीदा होता|"

1. वैसे यहां कुछ दिशा निर्देशों जिनका का पालन करें, जिससे आप सुनिश्चित कर पाएंगे और आपको अपनी खरीदारी पर अफसोस नहीं करना पड़ेगा | 

2. आप दुकान पर पहुंचने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि आप कौन वास्तु वास्तव में चाहते है और क्या आप उस वास्तु कि लगत को उतने में सक्षम है या फिर नहीं |

3. कोई भी उत्पाद आप खरीदने से पहले आप उसके विषय में लोगो से जानकारी लेले और हो सके तो किसी जानकर व्यक्ति से संपर्क करे | आप अपने दोस्तों या फिर परिवार के सदस्य से भी जानकारी ले सकते है | 

4. किसी भी प्रकार के प्रलोभन और दबाब में या फिर आवेग में आके कोई भी वस्तु न खरीदे  और पूर्ण रूप से बचने कि कोशिश करे |

5. किसी भी उत्पाद को खरीदने का इरादा किया है आपने तो उसके विषय में खोजबीन जरूर कर ले | ऑनलाइन जाओ और मॉडल, ब्रांड और मूल्य का पता करिये । उत्पाद पर उपभोक्ता समीक्षाएं पढ़ें । एक उचित मूल्य आप भुगतान करने की उंमीद का पता लगाएं । अंत में, पता करे आपको किस कंपनी से ख़रीदना चाहिए |

6. यदि आप कंपनी के साथ अपरिचित है एक स्थानीय उपभोक्ता मामलों के कार्यालय या बेहतर व्यावसायिक ब्यूरो का उपयोग करें ।

7. कंपनियों की वापसी की नीति के बारे में पूछें| अगर कोई खरभि होती है तो क्या वो घर पे आकर ठीक करेंगे या फिर उनके पास वापस वस्तु लेके जाना होगा और इसमें कितने टाइम लगेगा |

8. आइटम की वारंटी (Warranty) की जांच करें । क्या यह पूरे आइटम या सिर्फ टुकड़े शामिल हैं? क्या वारंटी शिपिंग (Warranty Shopping) शामिल हैं? उदाहरण के लिए एक ३२ इंच की मरंमत के लिए टीवी भेजने महंगा हो सकता है ।

9. आप किसी भी समस्या या प्रश्न हैं, तो आप संपर्क कर सकते हैं और कंपनी से पूछ सकते है| आप निर्माता या फिर जहा से वस्तु खरीदा है उनसे संपर्क करना चाहिए |

10. यदि आप स्टोर वित्तपोषण (store finance) या किसी अंय कानूनी अनुबंध का उपयोग कर रहे है तो उसे सुनिश्चित और पढ़ें और सभी नियमों और शर्तों को समझना जरूरी हैं ।

11. जब आप घर जाओ, सुनिश्चित करें कि आपने जो खरीदारी की है उससे सम्बंधित सभी जरूरी कागजात है। आप सभी दस्तावेजों को मेल करके खुद से सुनिश्चित करे की और हो सके तो कंपनी को मेल करने के लिए कहे और उनकी प्रतिलिपि (Photocopy) आप अपने पास रखे | 

फिर भी अगर आपको लगता है कि किसी कंपनी ने आपके धोखा (fraud) किया है तो आप अपनी शिकायत  Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम (online consumer complaint forum) पर कर सकते है |

Tuesday 26 June 2018

मुसलमानों ने शुरू किया Airtel का बहिष्कार, एयरटेल को देनी पड़ी सफाई (Muslims starts boycott of Airtel, Clarification is given by Airtel India)


टेलीकॉम कंपनी एयरटेल (Telecom Company Airtel) को हिन्दू महिला की प्रतिनिधि की मांग स्वीकार करना, भारी पड़ गया|  दरअसल मोबाइल सर्विस (Mobile Service) को प्रदान करने वाला एयरटेल (Airtel) पर अपने कर्मचारी से भेदभाव करने का आरोप लगा है | कंपनी पर अरूप है कि कस्टमर (Customer) द्वारा मुस्लिम कर्मचारी (Muslim Employee) से बात से इंकार के बाद कंपनी ने उसे दूसरा कर्मचारी उपलब्ध कराया| जानकारी में मुताबिक पूजा सिंह नाम की एक ग्राहक (customer) ने ट्वीटर के जरिये एयरटेल dth (Airtel dth) के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की थी | इस पर जब कंपनी के एक ग्राहक सेवा प्रतिनिधि (customer care executive) ने उत्तर दिया | तो उन्होंने यह कह क्र बात करने से माना कर दिया कि वह मुस्लमान है | इस प्रतिनिधि को ट्वीट करते हुए पूजा ने कहा कि प्रिये शोहैब तुम एक मुस्लिम हो इसलिए हमे तुम्हारे काम करने के सिद्धांतो पर यकीन नहीं है | शायद पुराने ग्राहक सेवा का मतलब कुछ और हो पर मेरी यही अपील है मुझसे बात करने के लिए कोई हिन्दू प्रतिनिधि आये | धन्यवाद | 




इसके बाद गगनजोत नाम के एयरटेल प्रतिनिधि (Airtel executive) ने पूजा से बात की|  एयरटेल (Airtel) के इस कदम के बाद सोशल मीडिया पर एयरटेल की काफी आलोचना की जा रही है | 


कई ट्वीटर उसेर्स ने एयरटेल (Airtel) पर सवाल भी उठाये है | वही मामला सोशल मीडिया (social media) पर तूल पकड़ने के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उम्र अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने अड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया है | जिसमे उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मेने पूरी बात चीत पड़ी और मैं अपना नंबर पोर्ट करवा रहा हूँ|  साथ ही में एयरटेल dth कनेक्शन (Airtel Dth Conection) को भी बंद करवा रहा हूँ | 

वही एयरटेल (Airtel) ने इस मामले में सफाई देते हुए कहां कि इसे मजहब दिवंग न दिया जाये | एयरटेल (Airtel) का कहना है किसी भी उपभोक्ता और कर्मचारी के साथ जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती है |

अगर आपके पास किसी भी कंपनी के खिलाफ कोई भी शिकयत (complaint) है तो आप अपनी उपभोकता शिकयत को Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम (online consumer complaint forum) पर दर्ज करके अपनी समस्या का जल्द से जल्द निपटारा करे | Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) उपभोक्ता संरक्ष्रण (consumer protection) में जनहित मे जारी |

Content source: MFYNews Video

   

Friday 22 June 2018

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (Right to Information Act 2005) - RTI Act 2005 in Hindi Full Introduction

RIGHT TO INFOMATION

RTI के तहत सूचना लेने के महत्त्व 

1. ऐसी जानकारी जिसे संसद या विधानमंडल सदस्यों को देने से इंकार नहीं किया जा सकता, उसे किसी आम आदमी को देने से इंकार नहीं किया जा सकता | 

2. सिर्फ भरतीये नागरिक ही इस कानून का फायदा ले सकते है 

3. सरकारी महकमे में एक या ज्यादा अधिकारियो को पब्लिक इनफार्मेशन (Public Information) के रूप में अपॉइंट करना जरूरी है |

4. पब्लिक अपनी इनफार्मेशन (Information) किसी भी रूप में मांग सकती है | 

5. रेटेन्शन पीरियड तक की सूचना मांगी जा सकती है | 

6. RTI की फीस 10 रूपए है और BPL के लिए मुक्त  है |       

7. RTI की फीस कैश (cash), डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft), या फिर पोस्टल आर्डर (Postal Order) द्वारा दी जा सकती है | 

8. RTI के अंतर्गत मांगी गयी इनफार्मेशन (Information) के 30 दिन का निर्धारित टाइम दिया जाता है |

9. 30 दिन के बाद आपको बिना फीस के सारी इनफार्मेशन दी जानी है| 

10. RTI के दायरे में आने वाले इन सभी विभागों से आप इनफार्मेशन (Information) ले सकते है | जिनमे राष्ट्रपति (President), प्रधानमंत्री (Prime Minister),  राज्पाल और मुख्यमंत्री दफ्तर (Cheif Minister Office), संसद, विधानमंडल, सभी अदालते, तमाम सरकारी दफ्तर, सभी सरकारी बैंक (Government Banks),  सारे सरकारी अस्पताल (Government Hospital), पुलिस महकमा, सेना के तीनो अंग, पीएसयू, सरकारी बीमा कम्पनियाँ, सरकारी फ़ोन कंपनिया, सरकारी फ़ोन कंपनिया, सरकार से फंडिंग पाने वाले NGO, स्कूल और कॉलेज शामिल है |          

कौन सी  जानकारिया RTI के तहत नहीं ली जा सकती |

1. जिनके सार्वजानिक होने से देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो | 

2. दूसरे देश से भारत के जुड़े मामले की जानकारी |

3. थर्ड पार्टी यानि निजी संसथान से जुडी जानकारी |

RTI एप्लीकेशन कैसे लिखे ?

सूचना पाने के लिए कोई तय प्रोफोर्मा नहीं है | सादे कागज पर लिख कर या टाइप करा कर 10 रुपये की फीस के साथ अपनी एप्लीकेशन सम्बंधित अधिकारी के पास जमा कर सकते है | 

आवेदक को सूचना मांगने के लिए कोई वजह या पर्सनल ब्यौरा देने की जरुरत नहीं है | उसे सिर्फ अपना पता देना होगा| 

RTI के तहत इनफार्मेशन देना कब मन किया जा सकता है |

1. एप्लीकेशन किसी दूसरे सूचना अधिकारी या फिर पब्लिक अथॉरिटी के नाम पर हो |

2. आप सही तरह से फीस का भुगतान न कर पाए हो |

3. आप गरीबी रेखा से जुड़े सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी नहीं दे पाए हो |

4. सरकारी विभाग के संस्थानों का गलत इस्तेमाल होने की आशंका हो |

यदि कोई अधिकारी आपको सूचना देने से माना करता है या फिर जानबूझ कर जानकारी देने में देर करता है या तथ्य छुपाने की कोशिश करता है | तो आप उसके लिए अपील कर सकते है | ऐसा करने वाले पर प्रतिदिन कर अनुसार 250 रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है |

RTI की मुख्य धाराएं

धारा 6(1) - RTI लिखने के धारा 

धारा 6(3) - आवेदन गलत विभाग में चला गया है तो सही विभाग में भेजने में धारा| जिसमे 5 दिन के  अंदर सही विभाग को आवेदन भेज दिया जायेगा |

धारा 7(5) - BPL धारको को आवेदन के लिए शुल्क नहीं देना होता है |

धारा 7(6) - आरटीआई (RTI) का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना निशुल्क दी जाएगी |

धारा 8 - वो सूचना नहीं दी जाएगी जिससे देश की सुरक्षा में खतरा हो |  

धारा 18 - कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकयत (complaint) सूचना अधिकारी को दी जाये |

धारा 19 (1) - RTI का जवाब ३० दिन में नहीं आता तो आप प्रथम अपील अधिकारी को कर सकते है |

धारा 19 (3) - प्रथम अपील का भी जवाब नहीं आता तो आप इस धारा की मदद से आप दूसरी अपील 90 दिन के अंदर कर सकते है | 


RTI की ऑनलाइन वेबसाइट जहां पर आप इनफार्मेशन प्राप्त कर सकते है - https://rtionline.gov.in/



RTI ऑनलाइन फॉर्म



Payment Mode RTI की फीस की लिए | 


अगर आपकी कोई शिकायत हो तो अपनी शिकयत (complaint) Voxya शिकायत फोरम (complaint forum) पर भी दर्ज कर सकते है |

Wednesday 20 June 2018

एयर इंडिया ने किया अमिताभ बच्चन का अपमान (Amitabh Bachchan Ji was insulted by Air India - Airlines Complaints )

सत्तर के दशक में शोले और जंजीर की सफलता ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को कामयाबी की शिखर पर पंहुचा दिया था | बॉलीवुड के साथ पुरे देश के उनकी प्रसद्धि अपने चरम सीमा पे थी | लेकिन उनकी ये ख्याति एयर इंडिया तक नहीं पहुंची थी | एक बार बिग बी एयर इंडिया (Air India) के विमान से पत्नी जाया बच्चन और बच्चे अभिषेक बच्चन और श्वेता बच्चन के साथ अमेरिका से वापस आ रहे थे | विमान जब लन्दन में एयरपोर्ट पर ईधन के लिए उतरा तो बिग बी और जाया बच्चन जी भी विमान से बहार निकल गए | वापस जो वो विमान में लोटे तो एयर इंडिया के अधिकारियो ने उनसे अपनी शीट खाली करने को कहां| कारण पूछे जाने पर उन्हें बताया गया ये शीट पहले से ही किसी और के नाम पर बुक है | अमिताभ (Amitabh) ने अपना टिकट अधिकारियो को दिखाते हुए कहां कि जब ये शीट पहले से ही बुक थी तो उनको क्यों आवंटित की गयी  | लेकिन अधिकारियो ने उन्हें जवाब देने के बजाये विमान से उतर जाने को या तो दूसरी शीट पर बैठने का विकल्प उनके सामने रखा | अमिताभ बच्चन () जी ने दूसरा विकल्प चुनन ही बेहतर समझा और सोते हुए बच्चो को उठा कर दूसरी शीट पर चले गए | सफर के दौरान उन्हें वो व्यक्ति भी मिला जिन्हे उनकी जगह शीट दे दी गयी थी | वो व्यक्ति अमिताभ (Amitabh) को जनता था | जब उसे पता चला कि ये शीट बिग बी खाली करवा के उन्हें दी गयी है तो वो काफी शर्मिंदा हुआ और अमिताभ जी (Amitabh Ji) से वापस उनकी शीट पर आने का अनुरोध किया लेकिन अमिताभ ने शुक्रियादा करते हुए कहां कि उन्हें दूसरी जगह भी कोई तकलीफ नहीं है | इसलिए वो आराम से अपनी यात्रा पूरी करे |

बातो ही बातो में अमित जी को पता चला कि उसने एयर इंडिया के अधिकारियो को मोटी रकम दे कर वो शीट हासिल की थी | क्योकि वो आधे घंटे पहले ही एयरपोर्र्ट (Airport) पंहुचा था और उन्हें मिल नहीं रही थी | सच्चाई जानने के बाद बिग बी हैरान रह गए | हमेशा की तरह विवादों से दामन बचा के रखने वाले बिग बी ने इस बार भी छुपी साधते हुए अपमान का ये घूट पी लिया | आज भी वो एयर इंडिया (Air India) के विमान से यात्रा नहीं करते है | 


अगर आपकी कोई यात्रा शिकायत शिकायते (Travel Complaints) है तो आप अपनी शिकायत (complaint) को Voxya कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम (consumer complaint forum) पर दर्ज करके जल्द से जल्द समाधान प् सकते है |

Content Source: Bollywood Aajkal Video





Must Watch This Video


Tuesday 19 June 2018

भारतीय चिकित्सा प्रणाली से लूट होने वाले वीडियो के पीछे आदमी को 50 करोड़ रूपये नोटिस की मिली (A man behind viral video against Indian medical system gets notice of Rs.50 crore)

consumer forum
कथित तौर पर मरीजों को गुमराह करके पैसे कमाने वाली गतिविधियों के लिए भारतीय डॉक्टरों पर हमला करने वाला वीडियो महज 10 दिनों में यूट्यूब पर 1,000,000 दृश्य हिट हो गया । विवेक बिंद्रा (Vivek Bindra), दिल्ली स्थित मोटिवेशनल स्पीकर & कॉरपोरेट ट्रेनर और इस वीडियो के पीछे आदमी पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सहित विभिन्न मेडिकल एसोसिएशनों ने हमले किए हैं ।

शनिवार को बिंद्रा (Bindra ) पर परोसे गए एक कानूनी नोटिस में आईएमए ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ' आपत्तिजनक ' वीडियो को तत्काल हटाने की मांग की है और इसके सदस्यों को हुई मानहानि के लिए हर्जाने के तौर पर 50 करोड़ रुपये का दावा किया है । बताया जाता है कि आईएमए ने देश भर में फैले 250,000 डॉक्टरों की बॉडी को लेकर भी राष्ट्रीय अखबारों में बिंद्रा से लिखित माफी मांगी है । मामले में बिंद्रा 21 जनवरी तक ये करने में विफल रहता है, आईएमए सिविल और क्रिमिनल कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा ।


बिंद्रा का वीडियो, भारतीय चिकित्सा प्रणाली (Indian medical system) की असलियत, डॉक्टरों और अस्पतालों को दिखाने का दावा कैसे अपने मरीजों को लूट, कैसे डॉक्टरों आयोगों, और इतने पर । आईएमए (IMA) ने दावा किया है कि डॉक्टरों को बिना किसी दस्तावेजी सबूत के हत्यारों के रूप में उल्लेखित किया गया है ।

नोटिस में कहाँ गया कि बिंद्रा को ' पूरी डॉक्टर बिरादरी को बदनाम करने का कोई अधिकार नहीं है '. इसने कहा कि बिंद्रा ने पैसे कमाने, झूठी सनसनी पैदा करने और लोकप्रिय बनने के कारण ऐसा किया है । दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा बिंद्रा पर भी नोटिस थमाया गया है और जयपुर मेडिकल एसोसिएशन (Jaipur Medical Association) द्वारा उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है ।

बिंद्रा का यह वीडियो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दो प्रमुख अस्पतालों--फोर्टिस (Fortis) और मेदांता (Medanta ) - में दो घटनाओं के बाद आया है जहां मरीजों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए 1,500,000 रुपये के बिल वसूले हैं । पिछले महीने राष्ट्रीय भेषज मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ((NPPA)) द्वारा एक अध्ययन में कहा गया कि फोर्टिस ने एक सात वर्षीय डेंगू रोगी के इलाज में प्रयुक्त उपभोग्य सामग्रियों और दवाइयों पर 1,700 प्रतिशत तक का मार्जिन लगाया जिसके बाद मृत्यु हो गई । अस्पतालों ने वसूलने के आरोपों से इनकार किया है|

बिंद्रा की वेब साइट उसे एक वैश्विक अधिनियम, एक परामर्श और प्रशिक्षण अकादमी का संस्थापक कहता है और यह ऑटोमोबाइल, आतिथ्य, खुदरा और बैंकिंग में शीर्ष नामों को अपने ग्राहकों के रूप में सूचीबद्ध करता है । यह भी कहना है कि बिंद्रा 500 से अधिक कॉरपोरेट घरानों और उद्यमियों और दस से अधिक प्रेरक पुस्तकों के लेखक के लिए एक विश्वस्त सलाहकार हैं ।

There are many Hospital complaints filed at Voxya consumer complaint forum online.

Content Cource: Business world

Thursday 14 June 2018

If anyone deny to take small coin of 1 rupee then action will be taken

Legal action will be taken if you deny or refuse to take small coin on Rs.1. We just got this story in the newspaper and accident of Faridabad and Palwal in Haryana.



Voxya is an online consumer forum for consumer protection across India. If you face any disputes related to your consumer rights then file a complaint against the company or brand or government organization at Voxya.

Wednesday 13 June 2018

माइक्रोमैक्स मामला: हैदराबाद उपभोक्ता अदालत में आदमी की हुई जीत ( Man Wins Consumer Court Case Against MicroMax)

consumer complaint
हैदराबाद (Hyderabad): उप्पल, हैदराबाद (Hyderabad) निवासी एन. राम बाबू ने एक दोषपूर्ण एलईडी टीवी (LED TV) की आपूर्ति करने और वारंटी अवधि के दौरान उसे फिक्सिंग नहीं करने और उससे ज्यादा वसूलने के लिए माइक्रोमैक्स (Micromax) के खिलाफ हैदराबाद उपभोक्ता फोरम (Hyderabad Consumer Forum) में अपना केस जीता है ।

श्री राम बाबू ने 16 मार्च, 2015  को Koti, हैदराबाद से ३२ इंच का माइक्रोमैक्स LED टीवी खरीदा था । छह महीने के भीतर ही टीवी (TV) ने परेशानी देना शुरू कर दिया । स्क्रीन पर छोटी रेखाएं दिखाई देने लगीं और चित्र विकृत हो गया ।

श्री राम बाबू ने कहा कि उन्होंने तुरंत कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट (official website) में उल्लेखित टोल-फ्री नंबर पर फोन किया. माइक्रोमैक्स (Micromax) के सर्विस कर्मियों ने टीवी को चेक किया, और यह कहकर छोड़ दिया कि वे बाद में शिकायतकर्ता से संपर्क करेंगे ।

एक सप्ताह के बाद उन्होंने श्री राम बाबू को सूचित किया कि टीवी को भौतिक क्षति पहुँचाने के कारण समस्या पैदा हुई. दोहराया ईमेल के बावजूद, माइक्रोमैक्स (Micromax) और उसके प्राधिकृत सेवा डीलर ने शिकायतकर्ता (complainant) को ध्यान नहीं दिया । 

उंहोंने कहा कि वे शिकायत (complaint) के रूप में दोष बाहरी नुकसान की वजह से किया गया था और वारंटी के तहत नहीं आया विचार नहीं होगा । कंस्यूमर फोरम (Consumer Forum) ने कहा कि उत्पाद के लिए कोई शारीरिक क्षति नहीं थी और यह एक आंतरिक समस्या थी । इसके बावजूद, माइक्रोमैक्स वारंटी (Micromax warranty) के तहत दोष को सुधारने में नाकाम रहने से पता चला कि वहां सेवा की कमी थी । 

फोरम (Forum) ने कंपनी को निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो तो भागों की जगह से मुक्त टीवी की मरंमत और ग्राहक (customer) द्वारा खर्च की लागत की प्रतिपूर्ति । फोरम (Forum) ने लागत के रूप में 2,000 रुपए के साथ-साथ श्री राम बाबू को 2,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया. कंस्यूमर फोरम (Consumer Forum) ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (Electric Products) के निर्माताओं के रूप में, कंपनियों के रूप में जल्द ही उपभोक्ताओं (consumers) की चिंताओं का पता करने के लिए और वारंटी अवधि के भीतर मुद्दों को सुलझाने और अतिरिक्त भुगतान पाने के लिए एक देरी का कारण नहीं की उम्मीद थी ।

Content source: deccanchronicle




Register complaints online at Voxya
consumer complaints forum for quick redressal.


Tuesday 12 June 2018

गर्मी से परेशान युवक ने सूर्य देवता पर ठोका केस (Case Filed Against Sun Deity For Heat Troubled)

consumer forum
नई दिल्ली (New Delhi)(इएमएस): समाचार चौकाने वाला है| लेकिन यह जानकारी सच है | खाबड़ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर से आई है | जिसमे एक युवक ने गर्मी से तंग आकर सूर्य देवता पर केस  ठोक दिया | यह वाकया प्रवेश रावल की लीड रोल अभिनीत फिल्म  ओएमजी की तरह हो गया है | जानकारी के अनुसार फिल्म में बीमा क्लेम के लिए भगवान् पर केस ठोका था | ठीक उसी प्रकार मध्य प्रदेश में शाजापुर के रहने वाले इस शख्स ने इस बेहाल करने वाली गर्मी के लिए सूरज देवता को कसूरवार मानते हुए उनपर केस दर्ज क्र दिया | शिवपाल सिंह ने शाजापुर के थाने में शिकयत दर्ज (File Complaint)कराई है | भगवान के खिलाफ अपनी शिकायत में शिवपाल सिंह ने लिखा कि में विगत एक सप्ताह से आसमान से बरसती आग के कारण मानसिक और शरीरिक रूप से कष्ट सह रहा हूँ| इस गर्मी के कारण में दोनों ही तरह कि पीड़ा को सह रहा हूँ | जिसके लिए में श्रीमान सूर्य नारायण, निवासी बृहद को कसूरवार मानता हूँ | शिवपाल सिंह चाहते है कि उनकी इस शिकायत (complaint) पर एक्शन लेते हुए भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुसार कानूनी धाराओं में कार्यवाही की जाये | 

Content Source: Following Image 


consumer forum online



File a complaints against company at Voxya 

an online consumer complaint forum for a quick solution.

Thursday 7 June 2018

लीगल नोटिस क्या है और लीगल नोटिस कैसे भेजे (What is Legal Notice and How to send legal notice?)

legal notice
लीगल नोटिस (Legal Notice) के विषय में हम सभी जानते है | जब भी हम किसी ऐडवोकेट या फिर किसी वकील के पास जाते है तो ऐडवोकेट हमे बताता है कि केस या फिर मामला दर्ज करने से पहले एक लीगल नोटिस (Legal Notice) भेजा जाये | कुछ ग्राहक कहते है कि ये पैसे बनाने के लिए ऐडवोकेट लीगल नोटिस को डालने के लिए कहते है | उपभोक्ताओं को लगता है कि ऐडवोकेट या वकील केस कि अलग फीस लेगा और लीगल नोटिस के लिए अलग चार्ज करेंगे | कुछ लोग समझ जाते है और सही समझे है और लीगल नोटिस के लिए पैसे ऐडवोकेट को दे देते है | बहुत से लोग लीगल नोटिस के लिए मन कर देते है क्योकि वो लीगल नोटिस कि महत्व को नहीं जानते है | 

लीगल नोटिस होता क्या है ? (What is legal notice)

किसी भी प्रकार के क्लेम के लिए सूचना देना लीगल नोटिस (Legal Notice) में आता है | लीगल नोटिस (Legal Notice) में ये बनता होता अपने विपक्षी पार्टी को कि आप उनसे क्या चाहते है अगर विपक्षी पार्टी आपकी बात को अनसुना करता है या नहीं मानता है तो आप क्या एक्शन लेंगे | 


लीगल नोटिस भेजने के दो फायदे होते है एक तो उपभोक्ता को यानि कि आपको और दूसरा फायदा उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) को | 

उपभोक्ता को क्या फ़ायद होता है | (Benefits to Send Legal Notice)

उपभोक्ता को केस लगने के लिए समय निकलना पड़ता है क्योकि उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में छोटा सा भी छोटा केस कम से कम 6 महीने चलता है | कभी कभी कई ऐडवोकेट ने 10000 रूपये से 15000 रुपये के लिए सालो तक इंतेज़ार किया है जब उनको पूर्ण रूप से निवरण मिला| कभी कभी अधिवक्ता को कम पैसे के केस के लिए भी अडल्ट के चक्र लगाने पड़ते है और पेशी देनी पड़ती है | जिसमे कभी कभी उपभोक्ता (consumer) को काफी लागत भी लगनी पड़ सकती है | समय और अधिक लागत बचने के लिए विपक्षी पार्टी को लीगल नोटिस (Legal Notice) दी जाती है | जिसमे उपभोक्ता कभी कभी मात्रिपूर्वक अपना समस्या के समाधान उपभोक्ता अदालत के बाहर ही कर लेता है | 

लागल नोटिस देने के बाद उपभोक्ता 15 दिन बाद उपभोक्ता कोर्ट (consumer court) में अपनी शिकायत (complaint) दर्ज कर सकता है | ये 15 दिन इसलिए दिए जाते है ताकि विपक्षी पार्टी को पर्याप्त समय मिल जाये उपभोक्ता शिकयत के विषय में सोचने का|

अगर आप लीगल नोटिस (Legal Notice) किसी सरकारी डेपार्टमेंट से सम्बंधित पार्टी को दे रहे ह तो आप को कम से कम  60 दिन का इंतेज़ार करना पड़ता| यह इस लिए क्योकि सरकरी कामो में बहुत काम होता जिसके चलते ये समय दिया जाता है |

लीगल नोटिस(Legal Notice) के लिए किसी भी प्रकार लीगल सलाहकार की जरुरत नहीं है आप खुद ही रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिये लीगल नोटिस (Legal Notice) सेंड कर सकते है |

अगर आपको लीगल नोटिस (Legal Notice) को कंपनी तक भेजने में कोई दिक्कत हो रही है तो आप Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (complaint forum) के माध्यम से भी लीगल नोटिस भेज सकते है और उपभोक्ता शिकयत को उपभोक्ता अदलात (Conumer Court) में दर्ज कर सकते है |

Tuesday 5 June 2018

Mumbai Consumer Court Address in Maharashtra India

Online Consumer Forum
Mumbai is a capital of Maharashtra state and life of Mumbai city is busy due to this reason most of the people purchasing goods or services online. When a customer does not get appropriate goods or services as they paid then they start searching to file a consumer complaint to get a quick redressal of consumer complaints. When a consumer tries all its own efforts to resolve their dispute but unable to get any good response from the company then they start moving Mumbai consumer court. 

If you are also from Mumbai then you can also go to Mumbai, Maharastra Consumer Court to resolve your consumer complaint. We are going to share the address of Mumbai Consumer Court here: 


1. Central Mumbai District Consumer Court / Consumer Forum

New Govt. Building 2nd Floor, 
General Nagesh Road Near M. Gandhi Hospital 
Opp. M.D. Collage, Parel Mumbai 400012


2. Mumbai Suburban District Consumer Court/Consumer Forum

Administrative Building 3rd Floor, 
Near Chetana College Bandra (E) Mumbai 
400051


3. Mumbai Suburban Additional District Consumer Court/Consumer Forum

Administrative Building 3rd Floor, 
Near Chetana College Bandra (E) Mumbai 
400051


4. South Mumbai District Consumer Court/Consumer Forum

New Govt. Building 1st Floor, 
General Nagesh Road Near M. Gandhi Hospital 
Opp. M.D. Collage, Parel Mumbai 400012


Consumer can file consumer complaints online at Voxya Mumbai Consumer Forum Online to get quick redressal of consumer complaints in India. 



Friday 1 June 2018

सोशल मीडिया पर कैसे बात की शुरुवात करे (How To Start Chat On Social With Others)

consumer forum

सोशल मीडिया (Social Media) आज कल के लोगो को काफी लुभा रहा है | जहां पर लोगो से सीधे संपर्क में आते है और आपने जान पहचान के लोगो से जुड़ते है और बात करना चाहते है | अगर आपभी किसी से सोशल मीडिया (social media) पर बात करना चाहते है तो ये आपके लिए सही जगह है जहा पर आप जान सकते है कि कैसे किसी से बात करे| 

आत्मविश्वास (Confidence): किसी भी जह रहे अगर आपको किसी से भी बात करनी है या करना है तो आपके अंदर आत्मविश्वास होना बहुत जरुरी है | जब आपके अंदर आत्मविश्वास होंगे तो आप किसी को भी अपनी बात को अच्छे से समझा सकते है और बात भी कर सकते है |  

शुरुवात करे (Initiate Chat) : अगर आपको किसी से सोशल मीडिया पर बात करनी है तो सुरुवात भी कर सकते है | अगर आपके पास शुरुवात करने के लिए कुछ भी नहीं है तो आप को कुछ ऐसा ढूंढ़ना होंगा की आपके सामने वाला आपसे जिज्ञासावश खुद बात करना चाहे | आप इस तरह से मैसेज कर सकते है | उदाहरण: 

रोनित : और क्या  हाल  है  ... खुशखबरी  तो  मिल  गयी  होगी...
पायल : कैसी खुशखबरी और कौन सी खुश खबरी |
रोनित : खुशखबरी  येही कि अब  Voxya consumer forum online आपके मोबाइल में,  अभी डाउनलोड करे डाउनलोड VOXYA APP.

पायल : अच्छा तो यही खुशखबरी है वैरी फनी | क्या है Voxya 
रोनित : Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम है जहा पर उपभोक्ता अपनी शिकयत को दर्ज करके आसानी से और जल्द अपनी उपभोक्ता  समस्या का समाधान पा कर सकता है | 

और फिर इस तरह से आप बात शुरू कर सकते है|

आपसी रूचि (Common Interest) : आप बात करने के लिए ऐसी बातो को करे जिसमे आपके सामने वाली कि रूचि हो | जबरदस्ती किसी पर अपनी बात में थोपियेगा | आप जब किसी को सुनते है तो सामने वाले को ये लगता है की आप उसस्के विषय में जानते है |

इस तरह से आप अपनी बात को सोशल मीडिया पर कर सकते है | 

Copy complete message in hindi:


"Aur kya haal hai ... khushkhabri to mil gayi hogi...


Khuskhbari Yehi ki ab Voxya online consumer forum aapke mobile me, download VOXYA APP now.
Ab ise forwrd kijiye aur maze lijiye jaise mene liye!!
Jinke kabhi reply nhi aate aaj patak se reply ayenge😂😂😂😀😁😁 

"

आपको ये पोस्ट कैसा लगा प्लीज कमेंट करना न भूले |




File complaint at Voxya consumer forum India for quick redressal of consumer complaints.