Thursday 2 February 2017

What are Basic Consumer Rights by Consumer Protection Act 1986 उपभोक्तओं के मौलिक अधिकार

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उपभोक्ता बाजार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।बिना उपभोक्ता के बाजार की कोई परिभाषा नहीं है और न ही वाणिज्यिक  का कोई अस्तित्व है | उपभोक्ता देश के अर्थव्यवस्था को बनाये रखने में सहायत है | लेकिन इसके बावजूद अनगिनत निम्न कोटि की गुणवत्ता से युक्त कई उत्पादों को निरंतर उपभोक्ता तक पहुचाया जा रहा है | उपभोक्ताओं में जानकारी की कमी की वजह से कंपनी के मालिक लोग इसका आसानी से फायदा भी उठा रहे है | ये सब सिर्फ काले धन कामे में लगे हुए है जिन्हें उपभोक्ता के सहूलियतों से कोई भी मतलब नही है और इसी कारण उपभोक्ताओं का निरंतर शोषण हो रहा है | आज की दुनिया में हर तीसरा आदमी आपने साथ हुए धोखेधड़ी से परेशान है | ये सब इसलिए है क्योकि उन्हें अपने मौलिक अधिकारों के विषय में पर्याप्त जानकारी नही है | हम उन मौलिक अधिकारों के विषय में बात कर रहे जो 1986 उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गए थे | किसी भी वास्तु के खरीद के पहले प्र्तेक ख़रीददार को आपने मौलिक अधिकारों की जानकारी होने अनिवार्य है तभी वो आज की दुनिया में अपने साथ होने वे धोखेधड़ी से बच सकते है |

उपभोक्ताओं के ये मौलिक अधिकार कुछ इस प्रकार है: 
चुनने का अधिकार :  आज कल कम्पटीशन का दौर है जहाँ पे आपको कई तरह की चीज़े कई तरह के दामो में उपलब्ध होती है | बहुत से लोग होते है जो उच्च दाम लगा के भी अछि वस्तु को नही खरीद पते है | वही कुछ लोग होते है कम दाम में भी अच्छी से अच्छी वस्तु को चुन लेते है | यहाँ पर आपको अधिकार है की आपभी मोल भाव करके अच्छी वस्तु को प् सकते है | दूकानदार से आप हमसे उसके विक्रय मूल्य पर ही ले या फिर उसके एमआरपी मूल्य पर ही ले | यदि एमआरपी मूल्य से अधिक दाम पर कोई सामान बेचता है तो वह उपभोक्ताओं का गुनहगार है |

सुरक्षा का अधिकार :  आप सभी उपभोक्ताओं को अपनी सुरक्षा का अधिकार है | आप ऐसे कोई भी वस्तु न खरीदे जिससे आपको स्वस्थ को कोई नुकसान हो| किसी भी पदार्थ की  समाप्ति तिथि के बाद उसका सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है | अगर आपको अपनी सुरक्षा चाहिए तो कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी समाप्ति अवधी जरूर देखे| ये आपका मौलिक अधिकार है 

सूचना का अधिकार : आपको किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और सेवाओं की लेने का अधिकार है अगर आपको कोई भी दूकानदार पूरी जानकारी नही देता है तो वह उपभोक्ताओं का गुनहगार है  |

सुनने का अधिकार : हर उपभोक्ता अधिकार है की वह अपनी रूचि के अनुरूप ही पदार्थ खरीदे और को दुकानदार के द्वारा दिए गए आश्वासन को भी सुने | यदि आपको कोई  गलत तरीके से बता कर वस्तु को खरीदने के लिए उत्शहित करता है तो वह आपका गुनहगार है  |

निवारण का अधिकार : उपभोक्ताओं को आपने साथ हुई धोखेधड़ी और नुक्सान के लिए आवाज उठाने का अधिकार है और  क्षतिपूर्ति के बारे में पूछने का पूरा अधिकार रखता है |   

शिक्षा का अधिकार : सही शिक्षा उपभोक्ताओं के संरक्षण में होती है| एक भारतीय  नागरिक के रूप आपको सभी मामलो की उचित जानकारी होनी चाहिए और और आप इसके विषय में जानकारी लेने का हुक भी रखते है |

अगर आपको लगता है कि आपके साथ धोखधड़ी या भी की कंपनी या उत्पाद निर्माता ने आपको आपके मूल्य के बदले में उचित वस्तु प्रदान नही की है तो आप इसकी शिकायत ऑनलाइन उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum Online) में कर सकते है |


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