Showing posts with label ConsumerCourtDelhi. Show all posts
Showing posts with label ConsumerCourtDelhi. Show all posts

Monday, 6 February 2017

File consumer complaint in Delhi Consumer Forum डेल्ही उपभोक्ता फोरम

Delhi Consumer Forum

आपकी मेहनत से पैसे आपके पास आते है | जब आप बाजार से किसी वस्तु को खरीदते है तो दरअसल आप अपनी मेहनत के बदले वह वस्तु खरीद रहे होते है | अगर आप चाहते है की आपकी मेहनत के कमाई व्यर्थ न जाये तो आपको काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी | माना की बाजार मुनाफे पर चलता है पर, आजकल अधिक मुनाफे के चक्कर में दुकानदार, कंपनी, डीलर या सर्विस प्रवाइडर्स आपको धोखा दे सकते हैं और धोखा भी दे रहे है जिनसे आप अनजान है | हो सकता हो आपको अधिक मूल्य में भी अच्छी चीज़ न मिल पाए या भी हो सकता है खरीद हुआ वस्तु ख़राब निकल जाये या उसमे कोई कमी निकल जाये जिसके वजह से आप उस वस्तु का उपयोग नही क्र पाए.  तो आप खामोश क्यों रहे आपको चुप नही बैठना चाहिए यह आपका मौलिक अधिकार है की आपको उचित न्याय मिले|

डेल्ही (Delhi) में आज कल ऐसे कैसे तो रोज देखने को मिल रहे है जहाँ पर हर उपभोक्ता उचित न्याय और छतिपूर्ति के लिए भटक रहा है | आपके मन में यही सवाल उठ रहा होंगे का कहा करे इसकी शिकायत डेल्ही में (Where to file consumer complaint in Delhi)  

आप ऑनलाइन उपभोक्ता फोरम या भी डेल्ही उपभोक्ता कोर्ट में दुकानदार , मैन्युफेक्चर्र , डीलर या फिर सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।

कौन कर सकता है शिकायत ?

1. पीड़ित कंस्यूमर (The Victim Consumer)
2. कोई फर्म , भले ही यह रजिस्टर्ड न हो (Any firm, either it is register or not)
3. कोई भी व्यक्ति , भले ही वह खुद पीड़ित न हुआ हो (Any perosn can file a complaint insted he is not victim)
4. को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों को कोई भी समूह (Group of people or co-operative society)
5. कंस्यूमर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस (After a death of consumer the heir can file a complaint)

आपको शिकायत के साथ डॉक्युमनेट्स की कॉपी भी देनी होंगी जो आपका समर्थन करे | इसमें कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स वैगरह शामिल है | डेल्ही उपभोक्ता फोरम (Delhi Consumer Forum) में शिकायत की तीन कॉपी जमा करनी पड़ती है | जिसमे एक कॉपी आपके विरोधी पार्टी के लिए होती है | उपभोक्ता खुद ही या किसी वकील के माध्यम से शिकायत दर्ज क्र सकता है | शिकयत करने के साथ साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ता है |  डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा। उपभोक्ता कई प्रकार से पीड़ित हो सकता है इस लिए हर मामले के फीस अलग अलग होती है |

आपको शिकायत के साथ डॉक्युमनेट्स की कॉपी भी देनी होंगी जो आपका समर्थन करे | इसमें कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स वैगरह शामिल है | डेल्ही कांसुमेर फोरम में शिकायत की तीन कॉपी जमा करनी पड़ती है | जिसमे एक कॉपी आपके विरोधी पार्टी के लिए होती है | उपभोक्ता खुद ही या किसी वकील के माध्यम से शिकायत दर्ज क्र सकता है | शिकयत करने के साथ साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ता है |  डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा। उपभोक्ता कई प्रकार से पीड़ित हो सकता है इस लिए हर मामले के फीस अलग अलग होती है |

कहां करें शिकायत? (Where to file a Complaint?)

अगर आपकी शिकायत 20 लाख रुपये  या उससे कम की है तो आप Delhi District consumer court में क्र सकते है  |  यदि आपकी शिकायत20 लाख रुपये से ज्यादा और एक करोड़ रुपये से कम की है तो आप Delhi State consumer court में कर सकते है | यदि आपकी एक करोड़ रुपये से ज्यादा के शिकायत है तो आपके मामलो की सुनवाई Delhi National consumer court में होंगी |

डेल्ही  कंस्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है।

उपभोक्ता फोरम (Delhi Consumer Forum) में शिकयत दर्ज करने की फीसः
  • एक लाख रुपये तक के मामले के लिए – 100 रुपये
  • एक लाख से 5 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 200 रुपये
  • 10 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 400 रुपये
  • 20 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 500 रुपये
  • 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 2000 रुपये
  • एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए – 4000 रुपये
डेल्ही उपभोक्ता फोरम (Delhi Consumer Forum) या डेल्ही उपभोक्ता कोर्ट (Delhi Consumer Court) पते के जानकारी आपको वोक्सय उपभोक्ता फोरम से ली जा सकती है |  


consumer complaint online

Thursday, 2 February 2017

What are Basic Consumer Rights by Consumer Protection Act 1986 उपभोक्तओं के मौलिक अधिकार

online consumer complaints

उपभोक्ता बाजार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।बिना उपभोक्ता के बाजार की कोई परिभाषा नहीं है और न ही वाणिज्यिक  का कोई अस्तित्व है | उपभोक्ता देश के अर्थव्यवस्था को बनाये रखने में सहायत है | लेकिन इसके बावजूद अनगिनत निम्न कोटि की गुणवत्ता से युक्त कई उत्पादों को निरंतर उपभोक्ता तक पहुचाया जा रहा है | उपभोक्ताओं में जानकारी की कमी की वजह से कंपनी के मालिक लोग इसका आसानी से फायदा भी उठा रहे है | ये सब सिर्फ काले धन कामे में लगे हुए है जिन्हें उपभोक्ता के सहूलियतों से कोई भी मतलब नही है और इसी कारण उपभोक्ताओं का निरंतर शोषण हो रहा है | आज की दुनिया में हर तीसरा आदमी आपने साथ हुए धोखेधड़ी से परेशान है | ये सब इसलिए है क्योकि उन्हें अपने मौलिक अधिकारों के विषय में पर्याप्त जानकारी नही है | हम उन मौलिक अधिकारों के विषय में बात कर रहे जो 1986 उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गए थे | किसी भी वास्तु के खरीद के पहले प्र्तेक ख़रीददार को आपने मौलिक अधिकारों की जानकारी होने अनिवार्य है तभी वो आज की दुनिया में अपने साथ होने वे धोखेधड़ी से बच सकते है |

उपभोक्ताओं के ये मौलिक अधिकार कुछ इस प्रकार है: 
चुनने का अधिकार :  आज कल कम्पटीशन का दौर है जहाँ पे आपको कई तरह की चीज़े कई तरह के दामो में उपलब्ध होती है | बहुत से लोग होते है जो उच्च दाम लगा के भी अछि वस्तु को नही खरीद पते है | वही कुछ लोग होते है कम दाम में भी अच्छी से अच्छी वस्तु को चुन लेते है | यहाँ पर आपको अधिकार है की आपभी मोल भाव करके अच्छी वस्तु को प् सकते है | दूकानदार से आप हमसे उसके विक्रय मूल्य पर ही ले या फिर उसके एमआरपी मूल्य पर ही ले | यदि एमआरपी मूल्य से अधिक दाम पर कोई सामान बेचता है तो वह उपभोक्ताओं का गुनहगार है |

सुरक्षा का अधिकार :  आप सभी उपभोक्ताओं को अपनी सुरक्षा का अधिकार है | आप ऐसे कोई भी वस्तु न खरीदे जिससे आपको स्वस्थ को कोई नुकसान हो| किसी भी पदार्थ की  समाप्ति तिथि के बाद उसका सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है | अगर आपको अपनी सुरक्षा चाहिए तो कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी समाप्ति अवधी जरूर देखे| ये आपका मौलिक अधिकार है 

सूचना का अधिकार : आपको किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और सेवाओं की लेने का अधिकार है अगर आपको कोई भी दूकानदार पूरी जानकारी नही देता है तो वह उपभोक्ताओं का गुनहगार है  |

सुनने का अधिकार : हर उपभोक्ता अधिकार है की वह अपनी रूचि के अनुरूप ही पदार्थ खरीदे और को दुकानदार के द्वारा दिए गए आश्वासन को भी सुने | यदि आपको कोई  गलत तरीके से बता कर वस्तु को खरीदने के लिए उत्शहित करता है तो वह आपका गुनहगार है  |

निवारण का अधिकार : उपभोक्ताओं को आपने साथ हुई धोखेधड़ी और नुक्सान के लिए आवाज उठाने का अधिकार है और  क्षतिपूर्ति के बारे में पूछने का पूरा अधिकार रखता है |   

शिक्षा का अधिकार : सही शिक्षा उपभोक्ताओं के संरक्षण में होती है| एक भारतीय  नागरिक के रूप आपको सभी मामलो की उचित जानकारी होनी चाहिए और और आप इसके विषय में जानकारी लेने का हुक भी रखते है |

अगर आपको लगता है कि आपके साथ धोखधड़ी या भी की कंपनी या उत्पाद निर्माता ने आपको आपके मूल्य के बदले में उचित वस्तु प्रदान नही की है तो आप इसकी शिकायत ऑनलाइन उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum Online) में कर सकते है |


consumer complaint online