Friday 26 October 2018

नाइंसाफी का जवाब देने के लिए वकालात की, केस लड़ा और जीता (Consumer Win Consumer Case Against NIIT At District Consumer Protection Forum - Jodhpur Consumer Case)

consumer forum India

जोधपुर (Jodhpur): उपभोक्ता संरक्ष्रण मंच (consumer protection forum) के अध्यक्ष अतुल कुमार चटर्जी सदस्य श्रीमती जुबेदा कादरी और राजाराम सराफ ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में  एनआईआईटी (NIIT) पर मानसिक के लिए पीड़ा के लिए तीन लाख रुपये, दावा राशि एक लाख 23 हज़ार मय 9 प्रतिशत ब्याज सहित एवं 11,000 रुपये प्रतिवाद व्यय एक माह में देने का आदेश दिया है | प्रतिवादी जितेश मालवीय ने एनआईआईटी अभय चैम्बर जालोरी गेट में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (software engineering) कोर्स में एडमिशन लिया था |


दाखिले के समय एनआईआईटी (NIIT) के निर्देशक  मुकेश बंसल ने परिवादी को बताया कि उनके यहाँ तीन साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर (software engineering) का कोर्स कराया जाता था | जिसमे दो साल की क्लासरूम ट्रेनिंग (classroom training) और 1 साल की प्रोफेशनल प्रैक्टिस देश या विदेश की बड़ी आईटी कंपनी (IT company) में करवाई जाती है | बंसल ने परिवादी को सॉफ्टवेयर इंजीनियर (software engineering) के कोर्स की फीस एक लाख इकतालीस हज़ार नौ सौ ग्यारह रुपये बताई थी | बंसल ने जितेश को बताया अगर वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोर्स (software engineering course) में एडमिशन लेगा तो उसे 18 हजार का स्कॉलरशिप देगा जिससे उसकी फीस 1 लाख 23 हज़ार 9 सौ 11 रुपये हो जाएगी |      


मालवीय ने बंसल की लुभावनी बातो के झांसे में आकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स (software engineering course) में एडमिशन ले लिया | परिवादी का कहना था कि बंसल ने पुरे तीन साल की फीस एक साथ ले ली थी और जब प्रोफेशनल प्रैक्टिस (professional practice) का समय आया तो टालमटोल करने लगे | जब परिवादी ने बंसल से कई बार प्रोफेशनल प्रैक्टिस (professional practice) करवाने का निवेदन किया पर उसे प्रोफेशनल प्रैक्टिस (professional practice) का नहीं  करवाई गयी | तब मालवीय ने जिला उपभोक्ता संरक्षण मंच (district consumer protection forum) में परिवाद पेश किया एवं न्याय देने की अपील की | उसके साथ यही नाइंसाफी से जितेश निराश नहीं हुआ | उसने वकालात कर मामले की पैरवी खुद ने की |
       

एनआईआईटी (NIIT) के निर्देशक ने अपने बचाओ में अपने अधिवक्ता (advocate) के द्वारा उपभोक्ता फोरम (consumer forum) में तर्क दिया कि उसके द्वारा परिवादी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, आईसीआईसीआई  बैंक, और डिफेन्स इलेक्ट्रॉनिक्स एवं एडुकॉम्प कंपनी में नौकरी प्रदान की पर पर उसने जॉइन नहीं किया | इसलिए परिवादी की मामले को खारिज किया जाये | एनआईआईटी (NIIT) निर्देशक के अधिवक्ता ने जिला उपभोक्ता प्रोटेक्शन फोरम (district consumer protection forum) में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के निर्णय भी पेश किये | परिवादी जितेश मालवीय द्वारा भी जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम (district consumer protection forum) में सुप्रीम कोर्ट (court) के निर्णय को पेश किया | दोनों पक्षों को सुनने के बाद मंच के अध्यक्ष अतुल कुमार चटर्जी सदस्य श्रीमती जुबेदा कादरी और राजाराम सराफ ने अपने फैसले में एनआईआईटी (NIIT) पर 3 लाख रुपये की राशि मानसिक क्षति, 1 लाख 23 हज़ार रुपये मय 9 प्रतिशत ब्याज सहित एवं 11,00 रुपये परिवाद व्यय एक माह में देने का आदेश दिया |


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