2018 बीत चुका है लेकिन Supreme Court ने 2018 में ऐसे कैर सरे ऐतिहासिक फैसले दिए है जिन्हे इतिहास में हमेशा याद रखा जायेगा | इससे पहले ये Supreme Court के फैसले ऐतिहास में दर्ज हो आपको इन फेसलो के बारे में जानना जरूरी है |
मैं आपको 5 ऐतिहासिक फेसलो को बताने जा रही हूँ जिसके देश पूरी तरह से हिला के रख दिया |
1. पुराने पेट्रोल-डीजल वाहन प्रतिबंध (Old Petrol-Diesel Vehicle Restriction): Supreme Court ने आदेश दिया की Delhi NCR की सड़को पर 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहन अब नहीं चलेंगे | इसके साथ ही Supreme Court ने Pollution Control Board और Transaport Department को यह आदेश दिया कि वह वेबसाइट पर पुराने वाहन कि एक लिस्ट लगाए जिनसे यह पता चले कि कौन सा वाहन कितना पुराना है | इस आदेश के बाद से अब Delhi NCR की सड़को पर आप 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहन नहीं कहला सकते | अगर आप चलते हुए पकडे गए तो आपको भरी जुर्माना देना होगा |
2. सबरीमाला मंदिर (Sabrimala Temple) : केरल (Kerala) में एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है Sabrimala Temple | करीब 8 सौ साल पुराने इस मंदिर की काफी पुराणी यह मान्यता रही है कि इसमें 10 साल से लेकर 50 साल तक की महिलाओ को प्रवेश नहीं दिया जाता है | Supreme Court ने अपने फैसले में इस रोक को ख़तम कर दिया | Supreme Court के इस फैसले के बाद से 10 साल से लेकर 50 साल तक की महिलाये इसमें प्रवेश कर सकती है | लेकिन यह एक अलग बात है कि Supreme Court के इस फैसला का अभी तरह से पालन नहीं हुआ है | अभी भी वहां 10 साल से लेकर 50 साल की महिलाये को प्रवेश लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है |
3. आधार कार्ड (Aadhar Card) : सितम्बर 2018 से पहले हर जगह आधार कार्ड की मांग की जाती थी | बैंक में खता खोलना हो, एडमिशन लेना हो तो आधार कार्ड, एग्जाम के लिए आधार कार्ड, मोबाइल के नए कनेक्शन के लिए आधार कार्ड, यहाँ तक कि सभी प्राइवेट कंपनी भी आपसे वेरिफिकेशन के नाम पर आधार कार्ड ले रही थी | सितम्बर 2018 में Supreme Court ने अपना ऐतिहासिक फैसला दिया और आधार कार्ड की जरूरत को ख़त्म कर दिया | Supreme Court के इस फैसले के बाद से अब बैंक अकाउंट खोलने के लिए, नया सिम खरीदने के लिए या फिर किसी अन्य कार्य के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है आपको उसकी जगह कोई को डॉक्यूमेंट भी इस्तेमाल कर सकते है | आधार कार्ड के जरूरत सब्सिडी, सरकार किसी किसी योजना, और PAN card बनवाने के लिए ही पूर्ण रूप से मान्य है |
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4. व्यभिचार (Adultery): किसी भी पति पत्नी का शादी के बाद किसी दूसरे व्यक्ति से सम्बन्ध बनाने को व्यभिचार में परिभाषित किया गया है | इसको IPC SECTION 497 में बताया गया है | सितम्बर 2018 से पूर्व अगर कोई भी पति अपनी महिला के अलावा किसी और महिला से सम्बन्ध बनाता है तो यह IPC SECTION 497 के तहत अपराध था | इसमें पति के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया था | सितम्बर 2018 में Supreme Court ने ऐतिहासिक फैसला इस पर दिया और IPC SECTION 497 को असंवैधानिक कहा और इसको रद्द दिया | IPC SECTION 497 पर फैसला देते समय Supreme Court ने जहा कई सारी बाते कही वही यह भी कहा कि महिलाओ की सेक्सुअल आजादी पर रोक है इसलिए इसलिए इसको रद्द किया जाता है क्योकि महिलाओ को भी सेक्सुअल आजादी मिलनी चाहिए | अगर किसी का पति दूसरी महिला के साथ महिला की मर्जी से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है तो महिला का पति उस आदमी के खिलाफ को कोई केस दर्ज नहीं करा सकता है न ही उसको इसका अधिकार होगा | इसमें सिर्फ महिला का पति अपनी महिला से तलाक ले सकता है |
5. समलैंगिकता (Homosexuality) : Supreme Court का पांचवा बड़ा फैसला है समलैंगिकता पर | समलैंगिकता का मतलब है सामान लैगिक वाले व्यक्तियों का आपस में सम्बन्ध होना चाहे वह लड़की और लड़का | सितम्बर 2018 से पहले तक अगर को लड़का किसी दूसरे लड़के से या फिर कोई लड़की किसी दूसरी लड़की से आपसी सहमति से सम्बन्ध बनाता था तो यह IPC SECTION 377 के तहत यह एक अपराध था, जिसमे 10 साल तक की सजा के साथ साथ जुर्माने का प्रावधान भी था | लेकिन Supreme Court ने इस फैसले के बाद से समलैंगिकता पूरी तरह से वैध है | अब अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं हो सकता है और न ही उसे कोई सजा दी जाएगी |
इस अलावा भी Supreme Court ने कई सारे फैसले लिए है लेकिन यह पांच आपने आप में काफी महत्वपूर्ण है |
File Consumer Complaint At Voxya Consumer Complaint Forum Online To Resolve Complaints.
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