Monday 13 May 2019

Legal Rights of a Landlord in India (जानिए भारत में एक मकान मालिक के कानूनी अधिकार क्या है हिंदी में )

consumer compalint
अगर कोई किरायेदार किसी प्रॉपर्टी पर चाहे वह माकन हो, दूकान हो अथवा कोई अन्य प्रॉपर्टी हो और वह लम्बे समय से जैसे कि 20, 40, या फिर 50 वर्ष से रह रहा है तो क्या उसका मालिक बन सकता है या नहीं | 

अभी तक ऐसा कोई भी कानून नहीं है अगर एक किरायेदार किसी प्रॉपर्टी पर लम्बे समय से रह रहा है तो वह उसका मालिक बन सकता है | हमारे कानून में एक सरल सा नियम है कि किरायेदार हमेशा किरायेदार ही रहता है | अगर किसी व्यक्ति ने कोई भी प्रॉपर्टी किराये पर ली है | तो वह हमेशा किरायेदार ही रहेगा चाहे वह कितने ही समय से रह हो | अगर उस क्रियेदार को मालिक बनना है तो उस प्रॉपर्टी को उसे खरीदना पड़ेगा | 


कैसे सारे केस ऐसे सामने आये है जिसमे किरायेदार ने प्रॉपर्टी के मालिक होने का दावा कोर्ट (court) में किया और वो जीत भी गए | लेकिन उसका मुख्य कारण यह होता है मकान मालिक को अपनी प्रॉपर्टी कि देख रखने में लापरवाही और उस पर ध्यान न देना रहा है | 

जानते है ऐसा क्या करे कि किरायेदार आपकी प्रॉपर्टी को खुद की प्रॉपर्टी होने का दावा न कर सके |

  • सबसे पहले तो आपको यह बात ध्यान में रखना चाहिए अगर आपके पास उस प्रॉपर्टी के मान्य डॉक्यूमेंट नहीं है तब आपको उस प्रॉपर्टी को भूल कर भी किराये पर नहीं देनी चाहिए | क्योकि जिन प्रॉपर्टी के मान्य डॉक्यूमेंट नहीं होते है तो उसका मालिक हो होता है जिसका उस प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा होता है और डाक्यूमेंट्स लोग कब्ज़ा करने के लिए बनवा लेते है | 
  • आपको प्रॉपर्टी को किराये पर देने से पहले एक मान्य रेंट एग्रीमेंट (Rental Agreement) बनवा लेना चाहिए |
  • आपको जिस चीज से खतरा लग रहा हो या फिर आपको भविष्य में किसी प्रकार की सम्भावना लगती है तो उन बिन्दुओ को आपने रेंट एग्रीमेंट (Rental Agreement) में नियम और शर्तें के रूप में लिख देना चाहिए | जैसे कि किराया कब बढ़ाया जायेगा, कितना बढ़ाया जायेगा, और किराया देने का समय क्या रहेगा आदि | 
  • अगर आपका रेंट एग्रीमेंट (Rental Agreement) एक्सपिरे हो जाता है तो आपको तुरंत नया रेंट एग्रीमेंट (Rental Agreement) का नवीकरण करना चाहिए | और उसमे नियम और शर्तें को नए सिरे से लिखा जाना चाहिए | 
  • आपको अपने माकन की तरफ से बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना चाहिए | आपको अपने मकान और किरायेदार पर पूरी नज़र रखनी चाहिए | आपको जब भी लगे की माकन को किरायेदार से खली करा लेना चाहिए वैसे ही तुरंत माकन को खाली करवा ले | 



किन आधार पर माकन मालिक माकन को खाली करवा सकता है | 

1. अगर किरायेदार ने पिछले 4 से 6 महीने से किराया अदा नहीं किया हो | 
2. किरायेदार ने जानबूझ कर माकन में किसी प्रकार का नुक्सान किया हो | 
3. किरायेदार ने माकन में किसी तरह का कोई नया निर्माण करवा लिया हो |
4. किरायेदार ने बिना मालिक के अनुमति के मकान के किसी भाग का कब्जा किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया हो | 
5. किरायेदार ने माकन मालिक के हक को मांनने से इंकार कर दिया हो | 
6. किरायेदार माकन का इस्तेमाल रहने के बजाय दूसरे उद्देश्य से उसमे काम कर रहा हो |
7. अगर किसी किरायेदार को उसकी नौकरी के कारण उसको रहने दिया गया हो और उसकी नौकरी ख़त्म हो गयी हो |
8. माकन मालिक को किसी भी प्रकार पर पुनर्निर्माण की जरुरत हो | 

किरायेदार को किसी भी प्रॉपर्टी से कैसे हटाए |

1. सबसे पहले आपके एक वैध कारण होना चाहिए |
2. आपको उसको एक महीने की नोटिस पीरियड देना होता है |
3. इसमें आप पुलिस की मदद नहीं ले सकते है इसलिए आपको जरूरत पड़ने पर सिविल कोर्ट (civil court) में भी जाना पड़ सकता है |

Content source and all credit goes to Ishan LLB

If you are looking for a solution of consumer complaint then file online complaint against the company at Voxya consumer forum online.


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