अहमदाबाद, गुजरात (Ahmedabad, Gujarat): हाल ही में अहमदाबाद, गुजरात (Ahmedabad, Gujarat) के शहर में एक जिला उपभोक्ता अदालत ने "यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी" नामक बीमा कंपनी को चिकित्सकीय उपचार के लिए एक सर्जन को मेडिकल क्लेम की लागत का भुगतान करने का आदेश दिया है । यह बयान अहमदाबाद (Ahmedabad) स्थित कंज्यूमर एजुकेशन ऐंड रिसर्च सोसायटी (CERC) ने कहा । यूनाइटेड इंडिया कंपनी ने उपभोक्ता (consumer) के इतने दोहराए गए अनुरोध के बाद चिकित्सा उपचार की लागत वहन करने से इंकार कर दिया|
गुजरात, अहमदाबाद (Ahmedabad, Gujarat) में रहने वाली दीपा सोनपाल ने 2002 में यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (United Insurance Company limited) से 2.75 लाख रुपए की सुरक्षा के साथ मेडिक्लेम प्रस्ताव हासिल किया था | युवती प्रीमियम का भुगतान 10 साल के लम्बे समय तक समय से करती रही | 2012 में, श्रेय अस्पताल अहमदाबाद (Shrey Hospital Ahmedabad) में, cyst (पुटी) निकासी और लेप्रोस्कोपिक गर्भाशय के लिए एक सर्जरी से गुजरना पड़ा |
डॉक्टर डॉ. मुकेश भविष्य ने सर्जरी के लिए 1 लाख रुपए का भुगतान करने करने को कहा और उसकी रसीद दीपा सोनपाल को दे दी | दीपा सोनपाल ने इंश्योरेंस कंपनी के सामने 1.19 लाख रुपए का क्लेम पेश किया ।
सबसे चौकाने वाली बात ये थी जब युवती मेडिकल क्लेम के प्रस्तवा रखा तब जब तीसरे पक्ष के प्रशासक, मेड हेल्थ केयर ने 14,571/- रुपया देने के लिए प्रस्तावित किया | कारण यह बताया कि उपभोक्ता द्वारा दी गयी चिकित्शा में उपयोग में हुई कुछ चीजों को हिस्सा उनके शर्तों के अनुसार देय नहीं था | जिसमे डॉक्टर की फीस भी शामिल थी |
उनकी व्यवस्था शर्तों के अनुसार, वास्तविक एक गर्भाशय या पूरे सुरक्षा के 25%, जो भी कम था पर अधिग्रहीत लागत, बीमा एजेंसी द्वारा भुगतान किया जाएगा । इन पंक्तियों के साथ, दीपा सोनपाल २.७५ लाख रुपए के 25% के भुगतान के लिए योग्य थी जो 65,740/- रुपए आती है । जबकि इंश्योरेंस कंपनी ने 14,571/- रुपये का भुगतान उपभोक्ता को किया था | जिसमे कंपनी ने 54,171/- रुपये की कटौती कर दी थी |
इस वजह से उपभोक्ता डॉक्टर की फीस देने में समर्थ नहीं थे और कई बार प्रयाश करने पर भी और उपभोक्ता को कंपनी द्वारा कोई भी लागत नहीं मिला और अतः उपभोक्ता को CERC (उपभोक्ता शिक्षा और अनुसंधान सोसायटी) और अहमदाबाद उपभोक्ता अदालत (Ahmedabad Consumer Court) में बीमा कंपनी (consumer company)के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करने पड़ी |
कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) ने दोनों पक्षों की दलीलो को सुना और उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) को आदेश दिया कि आदेश की तारीख के 30 दिनों के भीतर 9% ब्याज के साथ 54,171 रुपए देने का आदेश दिया । उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने भी विपरीत पक्ष को मानसिक प्रताड़ना और उपभोक्ता की समस्या को ध्यान रकते हुए उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति के रूप में 5000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया. साथ ही उपभोक्ता के मामले के लिए 3,000 रुपये देने को कहा ।
इस तरह कि कई शिकयतें और भी है जो कि वेस्या (Voxya) उपभोक्ता फोरम ऑनलाइन (consumer forums online) में दर्ज है और उचित सुनवाई के लिए अग्रसर है |
दिए गए विडियो को देखे और जाने कैसे वोक्सय कांसुमेर फोरम में शिकायत ( File Consumer Complaint ) दर्ज करे |
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