कंस्यूमर कोर्ट क्या है (What is Consumer Court?)
कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) सिविल न्यायालय (civil court) के समक्ष करवाई करने का सरल विकल्प है | सिविल न्ययालय में केस दर्ज करना मुश्किल होता है और उसकी सुनवाई में काफी समय लगता है पर कंस्यूमर कोर्ट की सुनवाई सरल होती है और उसका निर्णय भी जल्दी आता है |
कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) कंस्यूमर को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है | अगर किसी व्यक्ति ने किसी भी नामी कंपनी से या किसी दुकान से या ऑनलाइन या सरकारी कंपनी या किसी भी दूसरे तरीके से कोई सामान जैसे टीवी, फ्रीज़, स्पीड पोस्ट, या किसी दुकान से मोबाइल इत्यादि ख़रीदा और वो प्रोडक्ट की प्राइस कंस्यूमर से ज्यादा ली गयी हो या प्रोडक्ट ख़राब निकल गया या आपको प्रोडक्ट ख़राब क्वालिटी का दिया गया हो या किसी भी कारण कंस्यूमर को लगता है की कंपनी के द्वारा या दुकानदार या सरकारी कंपनी के द्वारा या उसके साथ धोखाधड़ी की गयी हो तो कंस्यूमर कोर्ट में केस दर्ज क्र सकता है |
कंस्यूमर कोर्ट तीन प्रकार के होते है (Three Types of Consumer Court) -
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC)
- राज्य विवाद निवारण आयोग (State Consumer Protection Act)
- जिला फोरम (District Forum) - जिला फोरम में 20 लाख लाख तक के मुवावजे का दावा पेश कर सकते है |
जिसकी फीस इस प्रकार है | (Fees of Consumer Courts)
- 1 लाख तक - 100 रूपए, डिमांड ड्राफ्ट से जिला फोरम के पक्ष में |
- 1 लाख से 5 लाख तक - 200 रूपए डीडी
- 5 लाख से 10 लाख तक - 400 रूपए डीडी
- 10 लाख से ऊपर के लिए - 500 रूपए डीडी
राज्य आयोग (State Commission)
- 20 लाख से ऊपर और 50 लाख से कम के लिए : 2000/-रूपए
- 50 लाख से ऊपर और 1 करोड़ रूपए तक के लिए : 4000/-रूपए
राष्ट्रीय आयोग (National Commission)
- 1 करोड़ रूपए से ऊपर के लिए - 5000/-रूपए
दिए गए विडियो को देखे और जाने कैसे वोक्सय कांसुमेर फोरम में शिकायत ( File Consumer Complaint ) दर्ज करे |
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