ठाणे (Thane): 2009 में एक सड़क दुर्घटना में महिला के पति की मौत के लिए विधवा को 7.87 लाख रूपये बीमा कंपनी (Insurance company) को देना का आदेश उपभोक्ता अदालत (consumer court) ने दिया |
ठाणे जिले के उपभोक्ता निवारण फोरम (Thane District Consumer Dispute Redressal Forum) की अध्यक्ष स्नेहा म्हात्रे और सदस्य माधुरी विश्वरुपे ने कहा कि बीमा फर्म की सेवाओं में कमी के कारण बीमा कंपनी ने गलत कारणों का हवाला देते हुए दावेदार के दावे को खारिज कर दिया था, जिस वजह से दावेदार को मानसिक यातना से गुजरना पड़ा|
दावेदारी कर रही अचला मरदे ने फोरम (Forum) को बताया कि उसका पति रुद्रनिवास मरदे पालघर जिले के बोइसर की एक कंपनी ने काम करते थे | 24, 2009, दिसंबर में वह मोटरसाइकिल से जा रहे थे | विपरीत दिशा आती हुई दूसरी मोटरसाइकिल से टक्क्र की वजह से आदमी को इस दुर्घटना में काफी गंभीर चोटें आयी थी और अगले दिन इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी |
इस शख्स की मौत के बाद उसकी पत्नी ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (United India Insurance Company) के साथ 7.5 लाख रुपये का क्लेम दाखिल किया, क्योंकि उसके पति ने बीमा कंपनी से पॉलिसी ली थी । बीमा कंपनी ने उस शख्स की मेडिकल परीक्षा रिपोर्ट में दुर्घटना के समय एथिल एलकोहॉल का हवाला देते हुए दावे को खारिज कर दिया।
महिला ने अपने दावे में कहा कि दुर्घटना के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया था और इलाज के दौरान दावाओ से बहुत ही कम मात्रा में एथिल एलकोहॉल था जिसको बीमा कंपनी (Insurance Company) ने गलत तरीके से दर्शाया था | इसलिए इसका कोई भी निष्कर्ष निकाला जा सकता था कि मृतक ने शराब का सेवन किया था |
इस तरह के मामलों के बारे में अन्य अदालतों के विभिन्न न्याधीश का हवाला देते हुए दावेदार के वकील ने कहा कि बीमा कंपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और नीति में अपवर्जन खंड का लाभ उठाना चाहती है, जो कि अनुचित थी।वहां बीमा कंपनी द्वारा सेवाओं में एक कमी के कारण कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति और महिला के दवा को नहीं स्वीकारा गया , महिला के वकील ने कहा ।दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम (Forum) ने पिछले महीने बीमा कंपनी को फरवरी 2011 में दावा दायर करने की तिथि से छह प्रतिशत ब्याज सहित 7, 87500 (राशि का दावा और पॉलिसी पर संचयी बोनस) के साथ-साथ भुगतान करने का निर्देश दिया ।
इसी दुर्घटना के संबंध में दावेदार का पक्ष लेते हुए और उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) को निपटारा करते हुए महिला को 1 लाख रुपए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा क्लेम, 8,932 रूपये टू-व्हीलर की मरम्मत के शुल्क के रूप में, 20,000 रुपए मानसिक प्रताडन के लिए और 10,000 रुपए कानूनी खर्च के लिए महिला को ऐडा करने का आदेश दिया |
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