वसीयत में क्या क्या होना चाहिए?
वसीयत करना वाला व्यक्ति वसीयत में ये बताता है की उसकी मौत के बाद उसकी सम्पति किसको मिलेगी |
वसीयत करने वाले व्यक्ति के नाम जो भी सम्पति हो, कैश हो, गहने, बैंक में जमा रकम, पीएफ, शेयर्स, किसी कंपनी में हिस्सेदारी, अपने पूर्जवों से मिलने वाली सम्पति, जो वसीयत करने वाले के नाम पे हो, खुद के कमाई हुई जमीन, दुकान, खेत, आदि वो सब वसीयत करने वाला व्यक्ति अपने वसीयत में लिख सकता है |
वसीयतनामा (Testament) लिखने के लिए किसी भी स्टाम्प पेपर की जरूरत नहीं होती |
यदि माता - पिता किसी को वसीयत नहीं करते है और अपनी चल-अचल सम्पति अपने नाम ही छोड़ देते है, तो उनके सभी उत्तराधिकारियों का सामान अधिकार उन सब चल-अचल सम्पति पर होंगा |
वसीयतनामा करने वाले व्यक्ति को वसीयतनामा (Testament) पर हस्ताक्षर या अंगूठा करना जरूर होता है | वसीयतनामा को कभी भी ख़तम किया जा सकता है और एक बार रजिस्टर करने के बाद भी वसीयतकर्ता के द्वारा उसमे परिवर्तन किया जा सकता है |
वसीयत को कई बार लिखा जा सकता है पर अगर वसीयत करने वाले की मौत हो जाती है | तो जो आखरी में उसके द्वारा वसीयत लिखी गयी है वही मान्य होती है |
वसीयत को कैसे रजिस्टर करवाए -
वसीयत (Will) को दो तरीके से रजिस्टर कराया जा सकता है |
1. नोटेरी से रजिस्टर्ड : वसीयत को नोटेरी से रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है उसके लिए दो गवाह चाहिए होते है जिनके हस्ताक्षर वसीयतनामे पर करवाने होते है |
2. कोर्ट से रजिस्टर्ड : आप कोर्ट से भी वसीयत को रजिस्टर्ड करवा सकते है और उसके लिए आपको दो गवाह चाहिए होते है जिनके हस्ताक्षर वसीयतनामे पर करवाने होते है |
आपको वसीयतनामा (Testament) वकील से ही बनवाना चाहिए क्योकि आप वकील से वसीयतनामा बनवाएंगे तो उसमे कानूनी गलती नहीं होंगी और एक बार वसीयत रजिस्टर्ड हो गयी तो बार बार चेंज करवाने में तख़लीफ़ नहीं होंगी |
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete