दहेज़ निरोधक कानून (Dowry Prohibition Law)
- ससुराल में महिलाओ को सुरक्षित वातावरण मिले इसलिए कानून के पुख्ता प्रबंध है |
- दहेज़ प्रतारण से बचने के लिए 1986 में आईपीसी की धारा 498-A का प्रावधान किया गया है |
- इसे दहेज़ निरोधक कानून कहां गया है |
- यदि किसी महिला को दहेज़ के लिए मानसिक, शारीरिक या अन्य किसी तरीके से प्रताड़ित किया जाता है तो महिला की शिकायत (complaint) इस धारा में केस दर्ज किया जा सकता है |
- यह गैरजमानती अपराध है |
- दहेज़ के लिए ससुराल में प्रताड़ित करने वाले तमाम लोगो को आरोपी बनाया जा सकता है |
जानिए क्या सजा मिलती है है इस कानून के अंतर्गत
- इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात 7 तक की सजा का प्रावधान है |
- अगर शादीशुदा महिला की मौत शादी के सात साल के अंदर संदिग्घ परिस्थितयो में है तो आईपीसी धारा 304-B के तहत केस दर्ज किया जाता है |
- दहेज़ निरोधक कानून की धारा-8 तहत दहेज़ देना और लेना सांग्ये अपराध है |
- दहेज़ की मांग करना धारा-4 के तहत जुर्म है | शादी से पहले लड़का दहेज़ की मांग करता है तो इस धारा में केस दर्ज किया जा सकता है |
- दहेज़ देने के मामले में धारा-3 के तहत मामला दर्ज हो सकता है और इस धारा में जुर्म साबित होने पर कम से कम 5 साल तक की सजा का प्रावधान है |
******
इस वीडियो को जरूर देखे |
No comments:
Post a Comment