Supreme Court की तरफ से लव मैरिज करने वाले युगल को एक बड़ी रहत दी गयी है | कोर्ट ने कहा कि अगर दो बालिग अपने मर्जी से शादी करते है तो कोई भी इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकता है | Court ने यह भी कहा कि जब केंद्र सरकार इस मामले में कोई कानून नहीं ले आती तब तक यही दिशानिर्देश मान्य होंगे |
12 दिशानिर्देश कौन कौन सी है जो कि लव मैरिज करने वाले युगल के पक्ष में की गयी है |
Supreme Court ने अपना एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए अंतरजाति (intercaste) Marriage करने वाले युगल के मामले में खापपंचायत जैसे गैर कानूनी समूहों के दखल अंदाजी को पूरी तरह से गैर कानूनी करार देते हुए उस पर पाबन्दी लगा दी है | Court ने यह भी कहा कि अगर दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे है तो इसमें कोई दखल देने का कोई हुक नहीं बनता है | Supreme Court के आदेश के मुताबिक जबतक केंद्र सरकार कोई कानून नहीं लेकर आएगी तब तक यह ही आदेश प्रभावी रहेगा |
इसका उल्लंघन करने वाले को कठोर सजा दी जाएगी और court ने 2010 में NGO शक्तिवाहनी द्वारा दायर कि गयी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया था | इसी केस कि सुनवाई करते हुए कुछ दिशानिर्देश भी जारी की |
यह दिशानिर्देश कुछ इस प्रकार है |
- राज्य सरकार ऐसे गांव/इलाको की पहचान करे जहा पिछले 5 साल में प्रेमी जोड़ो की हत्या या उनके साथ मारपीट की घटनाये हुए हो | वहां के प्रभारी पुलिस अधिकारी खास चौकसी बरते |
- अगर खाप पंचायत या जातीय समूह की प्रस्तावित बैठक की जानकारी पुलिस अधिकारी को मिले तो वह तुरंत वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दे | DSP या कोई आला अधिकारी बैठक करने जा रहे समूह को बताये कि प्रेमी जोड़ो के खिलाफ किसी भी प्रकार की बैठक गैरकानूनी है |
- बैठक में DSP खुद मौजूद रहे और सुनिश्चित करे कि प्रेमी जोड़ो या उनके परिवार को नुकसान पहुंचने जैसा कोई फैसला न लिया जाये | बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाये |
- अगर बैठक से पहले यह अंदेशा हो जाये कि इसमें प्रेम विवाह करने वाले किसी जोड़े को नुक्सान पहुंचाने का फैसला होगा और खाप वाले बैठक रोकने को तैयार न हो तो जिला प्रशासन धारा 144 लगाए | समूह से जुड़े लोगो को एहतियातन हिरासत में ले |
- केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकारे आपस में चर्चा करे | पुलिस और दूसरी एजेंसियों को ऐसे अपराधो की रोकथाम ओर संवेदनशील बनाने में उपाय करे |
- अगर ऐसी बैठक हो जाने के बाद पुलिस को उसकी जानकारी मिले तो तुरंत F.I.R. दर्ज करे | बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर धराये लगाई जाए | खतरे में आये जोड़े/ परिवार को सुरक्षा दे |
- प्रशासन ऐसे प्रेमी जोड़ो या प्रेम विवाह करने वाले जोड़ो को सुरक्षित जगह पर रखे, जिन्हे पंचायत और परिवार से खतरा हो | अगर पंचायत जातीय समूह में चलते प्रेमी जोड़े के परिवार वालो को खतरा हो तो उन्हें भी शरण दी जाए | राज्य सरकारे इस काम के लिए हर जिले में सेफ होम बनाने पर विचार करे |
- प्रशासन इस बात को भी देखे कि लड़का और लड़की वयस्क है या नहीं | अगर दोनों व्यस्क शादी करना चाहते है तो अपनी देख रेख और सुरक्षा के मध्य शादी करवाए | अगर वो जोड़ा सेफ होम में रहना चाहता हो तो मामूली किराये पर एक महीने में रहने दिया जाए | जरूरत पड़ने पर रहने की इजाजत बढ़ायी जाए, इसकी अधिकतम सीमा एक शाल तक हो सकती है |
- अगर कोई प्रेमी जोड़ा या प्रेम विवाह करने वाला जोड़ा प्रशासन के पास आये तो उनकी शिकायत की एसीपी रैंक के अधिकारी जाँच करे | शिकायत में कही गयी बातो की पुष्टि होने पर F.I.R. दर्ज हो और जोड़े के लिए खतरा बन रहे लोगो को हिरासत में लिया जाए |
- जानकारी मिलने पर भी प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने और दूसरी जरूरी करवाई करने में नाकाम रहने वाले अधिकारियो
- के खिलाफ विभागीय करवाई हो | 7 महीने में विभागीय कार्यवाही ख़त्म की जाए |
- हर जिले में SSP और समाज कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में विशेष सेल बनाया जाए | इस सेल में प्रेमी जोड़े अपनी शिकायत रख सकते है | ये विशेष सेल 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन सुविधा भी दे |
- हॉनर किलिंग यानि झूठी शान के लिए प्रेमियों की हत्या और उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने के मामलो की सुनवाई के लिए विशेष अदालते बनाई जाए और इन मामलो की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक में हो |
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