Surat Consumer Court: Surat की एक consumer court ने एक निजी स्कूल को उसकी बेटी की 'मोटी' फीस वापस करने का निर्देश देने वाली एक व्यवसायी की अपील को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में विफल रहा है |
Surat Consumer Disputes Redressal Commission ने फैसला सुनाया कि "Education Institute Consumer Protection Act के तहत नहीं आता है" और 84,700 रुपये की वापसी के अलावा ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए 35 वर्षीय व्यवसायी की अपील को खारिज कर दिया |
Parvat Patiya क्षेत्र के व्यवसायी ने 2018 में court का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि स्कूल ने CBSE मानकों के अनुसार शिक्षा प्रदान नहीं की, जबकि उसने 'बहुत अधिक' शुल्क लिया | उन्होंने स्कूल पर बच्ची पर मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया |
अपील को आयोग के अध्यक्ष पीपी मेखिया और सदस्यों पूर्वी जोशी, तीर्थेश मेहता ने खारिज कर दिया |
व्यवसायी ने district education officer (DEO) से यह कहते हुए संपर्क भी किया था कि स्कूल नियमों का उल्लंघन कर छात्रों को किताबें 'बेच' रहा है |
स्कूल के वकील श्रेयस देसाई ने तर्क दिया कि स्कूल और छात्र के बीच का रिश्ता व्यापारी और उपभोक्ता का नहीं है | अदालत ने इस तर्क को स्वीकार कर लिया और complaint को खारिज कर दिया | देसाई जोर देते हुए कहा स्कूल एक ट्रस्ट है कोई व्यक्ति नहीं |
Commission ने इस दलील को भी स्वीकार कर लिया कि Education Institute consumer protection act के तहत नहीं आता है |
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