Friday, 4 May 2018

रेलवे को 75000 रुपये देने पड़े जिनकी सीट दूसरों के कब्जे में थी (Consumer Court Ordered Railway To Pay Rs. 75,000 To Passenger)

consumer forum online
नयी दिल्ली (New Delhi): राज्य उपभोक्ता आयोग (State Consumer Commission) ने भारतीय रेल को उस असुविधा के लिए एक आदमी को  75,000 रुपये का भुगतान करने को कहा है जिनकी आरक्षित सीट यात्रा के अधिकांश हिस्से पर अनधिकृत व्यक्तियों का कब्जा था| 

दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग [Delhi State Consumer Dispute Redressal Comission (SCDRC)] ने जिला फोरम (District Forum) के आदेश को संधारित किया है और रेलवे कहां कि टिकट चेकर के वेतन से मुआवजे की एक तिहाई  राशि को घटा कर पीड़ित को देने को कहां क्योकि टिकट चेकर पीड़ित की आरक्षित सीट सुनिश्चित करने में विफल रही और पैसेंजर के द्वारा आरक्षित सीट (researved birth) का इस्तेमाल नहीं किया गया था|

"जिला फोरम (District Forum) के द्वारा 75000 रुपये के मुआवजे से सम्मानित करना उचित और उपयुक्त है | इसलिए इस मामले कि परिस्थिति को देखते हुए पीड़ित को सम्मानित मुआवजे को पीड़ित को देने को कहां |" इसकी सुनवाई अध्यक्ष जस्टिस वीणा बीरबल की अध्यक्षता में हुई |

हालांकि आयोग (commision) ने दिल्ली (Delhi) निवासी वीरेंद्र विजय कुमार को दिए गए मुआवजे में वृद्धि करने से इनकार कर दिया । कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने 30 मार्च, 2013 को विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) से नई दिल्ली (New Delhi) तक दक्षिण  एक्सप्रेस (Dakshin Express) से यात्रा की, तो उनकी आरक्षित सीट (reserved seat) किसी और के कब्जे में थी । 

कुमार ने कहा कि वे घुटने-जोड़ों के दर्द से ग्रस्त हैं और उन्होंने नीचे वली शीत को बुक की थी लेकिन कुछ अनधिकृत व्यक्तियों ने डिब्बे में प्रवेश कर लिया और बीना स्टेशन मध्य प्रदेश (Beena Station Madhya Pradesh) में उनकी सीट पर कब्ज़ा कर लिया |

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अनाधिकृत रूप से यात्रियों ने उपद्रव की बहुत सी रचना की और उनके साथ-साथ उनके सह यात्रियों को भी असुविधा का कारण बताया । कुमार ने बताया कि उन्होंने TTE या किसी अन्य रेलवे अधिकारी से शिकायत (complaint) करने की कोशिश की लेकिन कोई भी नहीं मिल सका, कुमार ने अपनी शिकायत (complaint) में यह दावा किया था । 

जिला फोरम (District Forum) ने रेलवे द्वारा इसे आपुर्ति सेवा का दोषी बताने से पहले प्रकट करने में विफल रहने के बाद यह आदेश पारित किया ।

जिला फोरम (District Forum) ने आदेश को पारित कर दिया जब रेलवे खुद को दिखने में असफल रही इससे पहले कि वो बता पाते कि वे आपुर्ति सेवा के दोषी है |


सामग्री स्रोत : news18.com

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अगर आपकी कोई भी उपभोक्ता शिकयत है तो आप अपनी शिकयत Voxya कंस्यूमर फोरम ऑनलाइन (consumer forum online) पर दर्ज करके अपनी समस्या का उचित और जल्द से जल्द समाधान कर सकते है | 

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