Monday 23 July 2018

एनसीडीआरसी ने GSRTC के पूर्व कर्मचारी की विधवा को बीमा भुगतान करने के आदेश दिया (NCDRC orders GSRTC to pay insurance to the widow of former employee)

consumer complaints
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (Gujarat State Road Transport Corporation) (GSRTC) को उसके पूर्व कर्मचारी की विधवा को बीमा राशि (Insurance Amount) का भुगतान करने का आदेश दिया है, जिसने समूह बीमा कंपनी (Group Insurance Company) के लिए नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान किया था । 

हालांकि, GSRTC ने बीमा कंपनी की प्रीमियम राशि (Premium Amount) को जमा नहीं किया था इसलिए GSRTC विधवा को जीवन बीमा (Life Insurance) से इनकार कर रहा था । इसके बजाय, GSRTC ने कर्मचारी के वेतन खाते से केवल अल्प प्रीमियम राशि घटा कर वापस कर दी थी| GSRTC ने भी विधवा के दावे को इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) को अग्रसारित नहीं किया था । 


यह मामला उत्तर गुजरात (South Gujrat) में मेहसाणा जिले के विजापूर कस्बे से संबंधित है| एक GSRTC कर्मचारी कनभाई पटेल ने GSRTC की समूह बीमा योजना में योगदान दिया था | कारपोरेशन ने सैलरी से 40 रुपये काट कर लाइफ इन्शुरन्स प्रीमियम में 2000 से 2004 तक दिया था| 13 जनवरी 2005 में,  पटेल का देहांत हो गया और उनकी विधवा, भगवतीबेन, ने  42,000 रुपये के बीमा की माँगा जिसके प्रीमियम का भुगतान उनके पति ने किया था | 


42,000 रुपये के लिए, GSRTC ने एनसीडीआरसी (NCDRC) में मामला घसीटा, जिसमें यह उजागर हुआ कि GSRTC अपने कर्मचारी के खाते से प्रीमियम राशि घटा कर सैलरी दे रहे थे पर इन्सुरेंस कंपनी के कभी भी भुगतान नहीं किया था | "जब याचिकाकर्ताओं (GSRTC) ने बीमित कर्मचारी के वेतन से बीमा प्रीमियम घटा दिया था तो किस आधार पर याचिकाकर्ता (GSRTC) दवा कर रहा है जबकि कर्मचारी को समूह बीमा योजना का सदस्य बनने का अधिकार नहीं था | इस संबंध में बीमा कंपनी से याचिकाकर्ताओं ने कोई भी आपत्ति दायर नहीं की है | कर्मचारी समूह बीमा योजना (Employee Group Insurance Scheme) को स्पष्ट रूप से  समझते हुए ये निर्णय लिया जा रहा है कि उसका पति  समूह बीमा योजना (Group Insurance Scheme) के एक सदस्य के रूप में अपने प्रीमियम का भुगतान किया है और जिसके प्रीमियम का भुगतान मासिक वेतन से काट के लिया गया है |"  उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने कहा | 


कंस्यूमर कोर्ट (Consumer Court) ने आगे कहा, याचिकाकर्ताओं के रूप में, संगठन ने बीमा कंपनी को जमा किए गए प्रीमियम को न तो अग्रेषित किया है, न ही बीमा कंपनी को कर्मचारी का बीमा क्लेम अग्रेषित किया है, दोनों ही रूप में शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता (complainant) समूह बीमा पॉलिसी के तहत बीमा क्लेम के हकदार है |"

अगर आपकी भी बीमा से सम्बंधित शिकायते (Insurance Complaints) है तो आप अपनी शिकयत ऑनलाइन दर्ज (File Complaint Online) करे और जल्द से जल्द समस्या का समाधान करे |  

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