रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) लोगो के सम्पति से सम्बंधित मुख्य आवश्यकताओं को पूरा करने सबसे प्रथम स्थान रखता है | यह सेक्टर के मुख्य क्षेत्रों में आवासीय अचल संपत्ति (residential real estate), वाणिज्यिक अचल संपत्ति (commercial real estate), और औद्योगिक अचल संपत्ति (industrial real estate) मुख्य है | लोगो की जरूरते बढ़ने के साथ साथ इस सेक्टर में धोखाधड़ी के बहुत ज्यादा ही सुनने में मिलती है | बहुत से रियल एस्टेट कम्पनीज और बिल्डर्स अपने वादों को पूरा करने में कामयाब हो जाते है लेकिन बहुत बिल्डर्स नहीं हो पाते या फिर वो जान बूझ कर उपभोक्ताओं को उचित सेवाएँ नहीं देना चाहते है | जिसके चलते उपभोक्ता को कई प्रकार की दिकतो का सामना करना पड़ता है |
देखिये इस वीडियो में किस प्रकार उपभोक्ता शिकायते रियल एस्टेट बिल्डर्स के खिलाफ (Consumer Complaints Against Real Estate Builders) सामने आ रही है |
- अगर आप निम्न समस्याओ से ग्रस्त है तो आप कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) में बिल्डर्स के खिलाफ केस दायर कर सकते है :
- बिल्डर के द्वारा ख़राब क्वालिटी का निर्माण |
- समय पर आपको घर का कब्ज़ा नहीं देना |
- जितना आपसे रुपये लिए है उतने का निर्माण कार्य नहीं करवाना |
- घर बुक करते वक्त जितनी कीमत आपको बताई गयी थी उससे कीमत वसूल करना |
- आपको सब डाक्यूमेंट्स नहीं देना जैसे पावर ऑफ़ अटॉर्नी, रसीद, इत्यादि |
- जितने समय में घर बना के देने को कहा गया था उतने समय में आपको घर बना के न देना या कब्जा न देना या देरी करना |
- बिल्डर के द्वारा आपके लिए अलग वाटर स्टोरेज टैंक नहीं बनाया गया |
- बिल्डर के द्वारा लाइट कनेक्शन नहीं दिया गया |
- आपने जितने रूपये दिए घर की बुकिंग के लिए उसकी रसीद नहीं दी गयी हो |
- आप आपने घर की बुकिंग कैंसिल करवाना चाहते है और आप अपने पैसे वापस लेना चाहते है पर बिल्डर देने से मन कर रहा हो या नहीं दे रहा हो |
- परिसर की भीतर मुफ्त पार्किंग का स्थान नहीं होना |
- अगर आपको इस तरह की समस्या दिखती है तो आप अपनी शिकयत रियल एस्टेट बिल्डर्स और रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ कर सकते है |
आप अपनी शिकयत के लिए ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (consumer forum) का चयन कर के भी अपनी शिकयत को कंस्यूमर फोरम या कंस्यूमर कोर्ट तक ले जा सकते है | RERA के अंतर्गत भी आप अपनी शिकयतों को दर्ज कर सकते है |
किसी भी प्रकार की उपभोक्ता शिकयत होने पर या दिक्कतों का सामना करने पड़े तो धैर्य बनाये रखे क्योकि आपकी समस्या के निवारण के लिए उपभोक्ता अदालत (consumer court) और ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) दोनों ही तटपर है |
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