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चंडीगढ़(Chandigarh):
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (District Consumer Dispute Redressal Forum) ने भारती एयरटेल लिमिटेड (Bharti Airtel Limited) को क्रेडिट लिमिट 7,200 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने के लिए और उसकी अमेरिका की यात्रा के दौरान बिना उपभोक्ता की अनुमति के अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पैक (international roaming pack) को सक्रिय करने के लिए 30,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया |
शिकायतकर्ता (complainant) कर्नल शिव कुमार आनंद, सेक्टर 34 चंडीगढ़ (Chandigarh) के निवासी, उम्र 74 साल ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने एयरटेल (Airtel) के दो नंबरों पर पोस्टपेड कनेक्शन लिया हुआ था और जिसका महीने का बिल 500 से 600 के बीच में आता था | नवंबर 15, 2017 में वह अपनी पत्नी के साथ अमेरिका गया था और फरवरी 3, 2018 तक वो वहां पर रहे |
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान सेवाओं के इस्तेमाल के लिए एयरटेल (Airtel) से कोई अनुरोध नहीं किया था, लेकिन उनको तीन महीने के अतिरंजित टेलीफोन बिल प्राप्त किए, जोकि इस प्रकार है, 9,216 रुपये, 10,892 रुपये और 7,206 रुपये क्रमानुसार मिले |
उन्होने यह भी कहां कि जब वो भारत लोटे तो फरवरी 7, 2018 को उन्होंने ने एयरटेल (Airtel) को मेल भी किया बिल को सही करने के लिए लेकिन उनलोगो ने कुछ नहीं किया |
इसमें कहां गया था कि शिकायतकर्ता (complainant) की क्रेडिट लिमिट 7,200 रुपये थी और एयरटेल (Airtel) बिना उपभोक्ता की सहमति और बिना किसी अनुरोध के क्रेडिट लिमिट नहीं बढ़ा सकता या अधिक नहीं हो सकती, लेकिन अपने दम पर टेलीकॉम कंपनी ने अपने गलत बिलों को कवर करने के लिए शिकायतकर्ता की लिमिट बढ़ा दी | उन्होंने फिर से बिल को सही करने के लिए एयरटेल (Airtel) को ईमेल भेजा, लेकिन इसके बजाय, टेलीकॉम कंपनी (telecom company) ने मोबाइल कनेक्शन मनमाने ढंग से और अवैध रूप से 11 अप्रैल, 2018 की सेवाओं को बंद कर दिया |
उनके जवाब में एयरटेल (Airtel) के अधिकारियों ने कहां कि कुमार को नियम और उपयोग के अनुसार मूल्य या दाम बताया गया है |
यह प्रस्तुत किया गया था कि मामले में ग्राहक कॉल प्राप्त करने के द्वारा सेवाओं का उपयोग करता है, जबकि विदेशों में, अंतरराष्ट्रीय रोमिंग (International Roaming) सक्रिय हो रही बिना प्रति दिन 649 रुपये का पहले से तय पैक वसूला जाता है और सक्रिय , एक ही कॉल के माध्यम से अत्यधिक बिलिंग से बचने के लिए किया जाता है, डेटा उपयोग आदि, करने के लिए किया गया था वरना बिल बहुत ज्यादा आ जाता |
यह कहा गया है कि शिकायतकर्ता (complainant) के उपयोग के अनुसार चार्ज किया गया है और सेवा में कोई कमी नहीं की गयी थी | यह भी कहां गया की क्रेडिट लिमिट उपभोक्ता के पिछले रिकॉर्ड और स्थिति ध्यान में रखते हुए किया गया था अंयथा सेवाओं डिस्कनेक्ट कर दिया गया होता |
इसमें आगे कहा गया कि विदेशी देश में कॉल प्राप्त होने पर भी रोमिंग सुविधा विदेशों (roaming facility in overseas)में सक्रिय हो जाती है |
उपभोक्ता फोरम (consumer forum) ने दोनों पक्षों को सुनाने के बाद पाया कि निस्संदेह क्रेडिट लिमिट को बढ़ाना अवैध अतिरंजित टेलीफोन बिलो को शिकयतकर्ता से वसूलने के लिए था | फोरम (Forum) की अगली बैठक में भी एयरटेल अधिकारी कोई भी दस्तवेज या सबूत सामने रख पाए जिससे यह साबित हो कि जब उपभोक्ता विदेश गया था तब किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय पैक शुरू किया हो और क्रेडिट लिमिट को बढ़ाया गया हो |
सेवा और अनुचित व्यापार अभ्यास में एक कमी होने के लिए अधिनियम के बारे में बताते हुए, एयरटेल ने दोनों मोबाइल नंबरों की सेवाएं बहाल करने का निर्देश दिया गया, और अधिक आये हुए बिल को ख़ारिज करते हुए नवंबर 15, 2017, से फरवरी 3, 2018 तक के प्रत्येक माह 498 रुपये शुल्क लेने को कहां गया | उन्हें आगे के बिलों में 9216 रुपये की पहले से जमा की गई राशि को समायोजित करने को कहा गया |
निर्णय के आखिर में, मानसिक व्यथा और प्रताड़ना के लिए 25,000 रुपये के मुआवजा देने के लिए और मुकदमेबाजी लागत के लिए 5,000 रुपये देने को कहां गया |
Content source: TOI
voxya
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