Thursday, 4 October 2018

कैसे कंस्यूमर कोर्ट में जीत हासिल करे (How To Win Case in Consumer Court?)

कोई भी केस जितने के लिए लिखित बयान बहुत महत्वपूर्ण होता है | लिखित बयान (written statement) बहुत सोच समझ कर और वकील के सलाह लेकर दिया जाता है जिससे केस कोई जितने में कोई परेशानी नहीं आती है | 

1. कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) में केस केस बिना वकील (Lawyer) के लड़ा जा सकता है पर आम आदमी को कानूनी भाषा की जानकारी नहीं होने की वजह से वो बयान आधे- अधूरे तरीके से ही दे पाते है | जिससे उनको केस जितने के बजाये उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है | अगर आपका केस मजबूत है पर अपने लिखीं बयान कानूनी भाषा (legal language) में सही से नहीं लिखा है तो आपके केस (case) को काफी लम्बा खींचा जाता है |जिसके करना सामने वाले पार्टी को आप परेशान करने का मौका मिल जाता है | 

2. अगर आपने कानूनी भाषा (legal languageमें सही लिखी है और सभी डाक्यूमेंट्स सही तरीके से एक ही बार में कंस्यूमर कोर्ट (consumer court) या कंस्यूमर फोरम (consumer forum) में जमा करवा दिया तो आप न्याय जल्दी मिल सकता है | लेकिन आम लोग अपना केस खुद ही लड़ना चाहते और समय पर सही डाक्यूमेंट्स नहीं जमा करते है जिसके कारण उनको न्याय मिलने में देरी होती है और बार बार एक नई तरीक सुनवाई के लिए मिलती है | जिससे केस काफी दिनों तक लम्बा खींचता है | 

3. आम लोग जो बिना वकील की सलाह लेके केस दर्ज (File a Case) करवाते है उनको सबसे बड़ी समस्या यही आती है कि वो अपने लिखित बयान (Written Statement) में यही लिखते है कि हमने जो चीज खरीदी थी बस उसके बदले में वो चीज मिल जाये | वो केस का आधार लिखा भूल जाते है कि किस आधार पर उन्होंने ने केस दर्ज किया है | जिसकी वजह से दूसरी पार्टी को जीतने का मौका मिल जाता है | 

4. कोई भी केस कोर्ट (court) में दर्ज करवाते वक़्त किस आधार (Legal Grounds) पर आपने केस दर्ज करवाया है यह बताना बहुत जरूरी होता है | जो आम लोग कानूनी भाषा (legal language) की जानकारी न होने के आधार (legal grounds) नहीं बता पाते |  

5. जो उत्पाद (Product) आपने ख़रीदा है और वो अगर ख़राब निकले तो उसकी वजह से आपको कितनी मानसिक परेशानी (mental agony) का सामना करना पड़ा ये बताना जरूरी होता है | 

6. ख़राब उत्पाद (Product) की वजह से आपको जो मानसिक और शारीरिक परेशानी (mental agony) हुई है उसके लिए आपको कितना मुआवजा चाहिए ये कोर्ट (Court) और फोरम (Forum) को बताना जरूरी है |   

7. आपने जितना भी खर्च किया है कंस्यूमर कोर्ट में केस (case in consumer court) लगाने के लिए वो सब आपको सामने वाली पार्टी से मिल सकता है | अगर आपका केस सच है और आपके पास सब डाक्यूमेंट्स है बस आपको लिखित बयान (written statement) सही तरीके से दर्ज करवाना चाहिए और सभी आधार कोर्ट को सही तरीके से बताने चाहिए |

अगर आपको लिखित बयान या फिर किसी कंपनी को लीगल नोटिस (legal notice) भेजने में किसी भी प्रकार की सहायता चाहिए तो आप Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online conaumer forum) की मदद ले सकते है | 


voxya.com
an online consumer forum in India


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