नई दिल्ली (New Delhi) : 2002 में 10 रुपये की कोल्ड ड्रिंक (cold drink) की बोतल खरीदी तो उसमे तो उसमे गुटखा पड़ा मिला | इस पर उपभोक्ता फोरम में केस (consumer case in consumer forum) दायर किया गया | एक वकील ने 16 साल तक केस लड़ा और अब उपभोक्ता फोरम (consumer forum) से फैसला आया | फोरम (Forum) ने कहा है कि उपभोक्ता को उसके 10 रुपये वापस किए जाएं | साथ ही 25 हजार रुपये बतौर केस खर्च अदा करना होगा | दिल्ली (Delhi) के पश्चिम बिहार के इंद्रा एक्लेव निवासी अधिवक्ता ईश्वर कुमार मल्होत्रा ने उपभोक्ता फोरम (consumer forum) में याचिका दायर की थी | इसमें कहा कि उन्होंने जून 2002 में कोल्ड ड्रिंक की चार बोतल खरीदी थी | जब घर आये तो देखा कि एक बोतल में गुटखा पड़ा था | इसकी शिकायत (complain) दुकानदार से की गई | दुकानदार से जवाब मिला कि उसका काम सिर्फ बेचने का है, वह शीतल पेय को बनाता नहीं है | इसके बाद कोल्ड ड्रिंक कंपनी (cold drink company) को उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) दी गयी | कंपनी के नुमाइंदे ने उनके घर आकर बोतल का निरक्षण किया |
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Voxya ने किया कई उपभोक्ता शिकायतों का निपटारा जानने के लिए देखिये वीडियो | (File a complaint online at Voxya to resolve consumer complaint quickly.)
अगर आपकी कोई उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) है और आप उसका निपटारा चाहते है तो अपनी शिकायत Voxya पर तुरंत दर्ज करे :-
नई दिल्ली (New Delhi) : निजी एयरलाइन्स इंडिगो (Airlines Indigo) उपभोक्ताओं के लिहाज से "सबसे खराब" कंपनी है, जबकि राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया की लगेज पॉलिसी (Air India Luggage Policy) देश में सबसे अच्छी है | यह टिप्पणी नागरिक उड्डयन पर बनी संसदीय समिति के अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के सासंद डेरेक ओ ब्रायन की है | पर्यटन, संस्कृति, सड़क, शिपिंग, व उड्डयन पर बनी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष ब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा समिति ने त्योहारी सीजन में सामान्य दिनों की अपेक्षा 10 गुना तक अधिक किराया वसूले जाने को लेकर ऐतराज जताया है |
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समिति की ताज़ा रिपोर्ट को लेकर ओ'ब्रायन ने कहा, उपभोक्ता हितो (Consumer Interests) के हिसाब से सबसे खराब प्रदर्शन इंडिगो एयरलाइन्स (Indigo Airlines) का होने के मुददे पर समिति के सभी 30 सदस्य एकमत है | इंडिगो बहुत सारी प्रक्रिया की बावजूत प्रतिक्रिया नहीं देती | उसका अपने उपभोक्ता के साथ व्यवहार और एयर बैगेज में महज एक या दो किलोग्राम अधिक वजन होने के मामले में समिति का हर एक सदस्य सभी निजी एयरलाइन्स (Airlines) के तरीके से नाराज है, लेकिन इनमे सबसे ज्यादा विरोध इंडिगो (Indigo) को लेकर है | इंडिगो एयरलाइन्स (Indigo Airlines) छोटे छोटे मामलो में जुर्माना वसूलती है और समिति इस मुददे पर बेहद गंभीर है | ओ ब्रायन ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह उनके अकेले विचार नहीं बल्कि समिति में अलग-अलग राजनितिक दलों से शामिल सभी सस्दय इस बात से सहमत है | Content source: Amar Ujala News Below Images
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अगर आपकी भी शिकायत किसी भी एयरलाइन्स के खिलाफ (complaint against Airlines )है तो Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम पर शिकायत दर्ज करे (File Complaint) और जल्द से जल्द अपनी समस्या से निजात पाए | Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम उपभोक्ता संरक्षण (online consumer complaint forum for consumer protection) के लिए तटपर |
If you any complaint against Airlines company then file a complaint online at Voxya to get damages and loss from the company as soon as possible. Try it once for quick redressal of consumer complaints.
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Voxya ने किया कई उपभोक्ता शिकायतों का निपटारा जानने के लिए देखिये वीडियो | (Voxya Resolved Consumer Complaints Online)
अगर आपकी कोई उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) है और आप उसका निपटारा चाहते है तो अपनी शिकायत Voxya पर तुरंत दर्ज करे :-
उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुदृढ़ बनाने, उत्पादों और सेवाओं में दोषो और कमी से सम्बंधित उपभोक्ताओं की शिकायतों (consumers complaints) के निवारण (redressal) के लिए लोक सभा ने गुरूवार 20 दिसंबर को एक विधेयक (bill) पारित किया |
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 (Consumer Protection Bill 2018), उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (Consumer Protection Act1986) की जगह लेगा, जिसको अब पारित होने के लिए राज्यसभा में जाना होंगा |
विधेयक (bill) पर एक संक्षिप्त बहस के जवाब में, उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि पिछले तीन दशक से कानून में संशोधन नहीं हुआ था और उपभोक्ताओं के अधिकारों (consumer's rights) को मजबूत बनाने के लिए बदलाव की जरूरत है |
यह कावेरी मुद्दे पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) के सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शनों के बीच पारित किया गया और कांग्रेस ने फाइटर जेट सौदे की जाँच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की मांग की |
इस विधेयक में, अन्य बातों के अलावा, उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग (Consumer Dispute Redressal Commission), और फोरम (Forum) को जिला स्तर (District Level), राज्य स्तर (State Level) और राष्ट्रीय स्तर (National Level) पर उपभोक्ता शिकायतों (consumer complaints) पर निर्णय की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया |
यह केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (central consumer protection authorization) को बढ़ावा देने, रक्षा करने और और उपभोक्ता अधिकारों को एक वर्ग (class) में रखेगा |
तथागता सत्पथी (BJD) ने कहां यह नौकरशाही तथागत सत्यपथी (बीजद) ने कहा कि विधेयक नौकरशाही को अतिरिक्त शक्ति देता है और सूर्यास्त के प्रावधान होने चाहिए जिसके तहत संशोधन के लिए विधेयक संसद में आ सकता है |
उन्होंने कहा कि विधेयक (bill) में ऐसे प्रावधान थे जो संघीय ढांचे के खिलाफ थे |
सदस्य की चिंता शांत करने की मांग करते हुए पवन ने कहा कि बिल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था और इसके बदले ढांचे को मजबूत किया जाएगा और उपभोक्ताओं (consumers) को इसका लाभ मिलेगा |
एनसीपी, टीएमसी, और जेडीयु सस्दय भी इस विचार-विमर्श में शामिल थे | Content Source: ET.IT
फिर भी अगर आपको किसी प्रकार की धोखाधड़ी और फ्रॉड का सामना करना पड़ता है तो आप अपनी शिकायत Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम (complaint forum) पर दर्ज करना न भूले |
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Voxya ने किया कई उपभोक्ता शिकायतों का निपटारा जानने के लिए देखिये वीडियो | (Voxya Resolved Consumer Complaints Online)
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रियल एस्टेट (Real Estate) के घोटालो और चोरो का पर्दा फास, आपका पैसा कही दूब न जाये और कई लोगो का डूब चूका है | ये वो कॉम है आसानी से, आत्मविश्वास के साथ, उत्साह से झूठ बोल देते है | अगर कोई ग्राहक (customer) पूछता है प्रोजेक्ट डिलीवरी (project delivery) कब होंगी तो कहेगा अप्रैल में होंगी, या मार्च में भी हो सकती है | इसमें गलती उसमे उसकी नहीं आपकी होती है क्योकि आपने पूछा ही नहीं कौन से सन का अप्रैल मार्च में |
में इसको तीन हिस्से में रखूंगी,
एक प्रोजेक्ट बनने से पहले,
एक प्रोजेक्ट बनने के दौरान और
एक प्रोजेक्ट बनने के बाद
जब आप प्रोजेक्ट (project) को चुनते है तो आपका उस जगह पर ध्यान नहीं जाता है जैसे की आपकी जगह से नौकरिया, पुलिस स्टेशन, हॉस्पिटल, डॉक्टर, मॉल, और बाजार कितनी दूर पर है | अगर ये सब नजदीक है तो ठीक है जिससे आपका रीसेल (बेचने) की दृष्टिकोण से प्रोजेक्ट आपके लिए अच्छा रहेगा | अगर आपने जगह पहले से चुन लिया है तो आप पास के रियल एस्टेट एजेंट्स (Real Estate Agent) और रियल एस्टेट बिल्डर (Real Estate Builder) से और वहा पर रहने वाले और वहां की बाज़ार से उस प्रोजेक्ट के लिए फीडबैक लीजिये और लोगो की राय जानिए कि लोग क्या कहते है उसके बारे में | वहां का जो ब्रोकर होगा, प्रॉपर्टी डीलर होगा उससे फीडबैक लीजिये, जो वहां पर पहले से कस्टमर और ग्राहक बन चुके है उनसे फीडबैक लीजिये | जो वहां पर पहले से रहते है वहां से पता करिये की पोस्ट डिलीवरी मेन्टेन्स कैसा है, कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी कैसी है | इसके बाद आप अपने बिल्डर की मार्केट प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति पर जरूर नज़र रखिएगा | अगर बिल्डर की आर्थिक स्थिति कमजोर है और केवल ग्राहक और बैंक के लोन पर निर्भर है, इसका मतलब बिल्डर अंदर से खोखला है, और बिल्डर के पास पैसा ही नहीं है | MCA और RERA की वेबसाइट पर भी आप जाँच कर सकते है, आप ये देखिये क्या कोई पहले से उनके ऊपर केस तो नहीं चल रहे है | अगर छोटे मोठे केस है तो चल सकता है अगर बड़ी कानूनी कार्यवाई हो रही है तो आप थोड़ा यहाँ पर सम्भलना पड़ेगा | इसमें आपको भूमि अधिग्रहण (land acquisition) और भूमि अतिक्रमण (land encroachment) पर जरूर नज़र रखियेगा | भूमि अधिग्रहण के मामले में वह किसान की जमीन का केवल 10% ही देता है और उसके बाद उसकी Pre Sales और Pre लांच कर देगा | जमीन अभी बिल्डर खरीद नहीं पता है और मार्केट से पैसे लेना शुरू कर देता है | यह भूमि अधिग्रहण आपके काम पूरा होने में असर दिखता है | अगर जमीन ही पूरी तरह से नहीं मिली तो काम कैसे पूरा होगा और भूमि अतिक्रमण (land acquisition) में ऐसा की बिल्डर जमीन लेता है 10 बीघा और दिखता है 13, 16 बीघा | क्या पता वह की जमीन किसान की हो, रेलवे की हो, सरकार की है या ये भी हो सकता है कि वहां की जमीन किसी पर्सनल व्यक्ति की हो | कुछ जमीने ऐसी होती है असलियत की फारेस्ट (forest) की होती है जो आपको पहले से पता कर लेना चाहिए | इसके लिए आपको जमीन का मिलकाना हक किसका ये देखते हुए ही जमीन पे पैसे लगाने चाहिए |
पुरे डॉक्यूमेंट को चेक करना चाहिए |
खतरा नंबर चेक करना चाहिए
RERA के आने के बाद रियल स्टेट में चोरी बंद हो गयी है | RERA के वेबसाइट पर जाइये जो प्रोजेक्ट आपने सेलेक्ट किया है उसका नाम डालिये, और आप नाम डालते ही उसकी सारी जानकारी आपको मिल जाएगी और आपको पता चल जाती है कौन कौन सी चीजे के लिए उस प्रोजेक्ट में मंजूरी मिल गयी है | RERA के विषय में जाने के लिए क्लिक करे : What is RERA (Real Estate Regulation Act) ? (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट क्या है ?) कभी कभी प्रोजेक्ट रजिस्टर हो जाता है और मजूर भी हो जाता है पर नवीकरण की तारिख निकल चुकी होती है |
आपको बिल्डर से ये चीजे मांग लेनी चाहिए |
Renewal Dates
Approval Dates
NGT Approval
Pollution Approval
Environment Approval
Aviation Approval
Plan Layour Approval
अगर आप ये सब मजूरी को देख लेते है तो आप समझये आप पूरी तरह से पूरी तरह से सुरक्षित हो जाते है |
अगर इन चीजों की मजूरी नहीं मिली है तो रियल एस्टेट बिल्डर (real estate builder) को Occpation Certicate और Completion Certificate को नहीं मिलता है तो आप रजिस्ट्री (Registry) नहीं मिल पायेगी. आपको लोन मिलने में हमेशा दिक़्क़्क़त का सामना करना पड़ेगा |
Parking Space
Road Passage
Common Area
Kids Play Area
Club House
Power Backup
और भी चीजों जो उसमे अपनी शीट बनाई थी उसको आप जाँच करे |
आपको internal Flat के विषय में जानकारी होनी चाहिए क्योकि आपको वहां पर रहना है जो आपको दिखाया था क्या काम उसकी एक अनुसार हो रहा है या नहीं |
Electrical Fitting
Electrical Cable
Fire Extinguishing
Lift Brand
Fan & lights
Noise Proof Windows
जो आपको दिखाया था क्या काम उसकी एक अनुसार हो रहा है या नहीं |
कभी कभी दिखाते तो बहुत अच्छा पर, बनता खराब है | जैसे की आपको तस्वीर में वाश बेसिन दिखाते तो अच्छे ब्रांड (brand) का है पर लगते कुछ अलग है | मॉडल में किचन दिखाते है बहुत कुछ लेकिन खली एक स्लैप देके छोड़ देते है | ब्रोचर में मार्बल का फर्श दिखाते है पर असलियत में नार्मल मार्बल लगा के काम चला देते है | आप को घर के अंदर कुछ चीजों को सुनिश्चत कर लेना चाहिए |
तीसरे हिस्से की बात करे जब प्रोजेक्ट का काम हो चुका है और माकन आपको मिलने वाला है, तो आपको sub registar office में जाकर आपने घर के दस्तावेजों को फिर से चेक करा लीजिये | आपको रजिस्ट्री को और प्रोजेक्ट के टाइटल को चेक करना बहुत जरूरी है |
भारत में उपभोक्ता के अधिकारों (consumer rights) में काफी काफी प्रगति हुई है, फिर भी लोग अभी पूरी तरह से नहीं जानते है कि उपभोक्ता शिकयतों को उपभोक्ता फोरम (consumer forum) में कैसे दर्ज करे | Voxya एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म (online platform) है, जहां से आप कंपनी को सूचना दे सकते है कि आप कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाई (legal action) करने जा रहे है, अगर आपकी सूचना और लीगल नोटिस (legal notice) का जवाब नहीं आता है तो Voxya, कानूनी शिकायत (legal complaint) दाखिल करने की प्रक्रिया में आपकी सहायता करेगा |
Voxya ब्रांडों के खिलाफ उपभोक्ता शिकायतों (consumer complaints) को जल्द से जल्द हल करने के लिए एक अनूठा ऑनलाइन प्लेटफार्म मंच है | हम अन्याय, धोखाधड़ी, और घटिया ग्राहक सेवा के खिलाफ लड़ने में उपभोक्ताओं की मदद करते है | उपभोक्ता विवाद (consumer dispute) सुलझाने के लिए हम सोशल मीडिया (social media), बिजनेस नेटवर्क (business network) और लीगल फ्रेमवर्क (legal framework) का इस्तेमाल करते हैं ।
नई दिल्ली (New Delhi) : इंडोनेशिया (Indonesia) में उपभोक्ता संरक्षण (consumer protection) के नियम कानूनों के क्रियान्वयन की हकीकत भारत परखेगा | इस कदम को दक्षिण एशियाई देश (South Asian Country) की मांग पर उपभोक्ता मामलों (consumer affairs) का मंत्रालय अंजाम देगा | मंत्रालय वह लागू नियम कानून की समीक्षा करेगा |
इंडोनेशिया (Indonesia) के उपभोक्ता विभाग (consumer department) ने भारत से उपभोक्ता संरक्षण (consumer protection) के लिए वहां लागू व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की मांग की थी | यह प्रस्ताव उपभोक्ता विभाग (consumer department) के कानूनी मामलों की अधिकारी पीयरी होम द्वारा उपभोक्ता मंत्रालय (consumer ministry) को भेजा गया था | विमर्श के बाद मंत्रालय ने इस मामले में सहमति जताते हुए विदेश मामलों के मंत्रालय को इंडोनेशिया (Indonesia) का प्रस्ताव भेजा | एक अधिकारी ने कहा कि दो देशो के बीच कई बार नियम-कानून, दिशा-निर्देश तथा व्यवस्था को बेहतर बनाने को ऐसी कार्यवाही की जाती है | यह संभव है कि इंडोनेशिया में (Indonesia) लागू व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कुछ नई चीजे सामने आए, जो हमारे लिए लाभप्रद हो |
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 होगा अहम : (Consumer Protection bill, 2018 will be important)
भारत सरकार उपभोक्ता हितो की रक्षा के सम्बन्ध में उठाये कदमो से भी इंडोनेशिया (Indonesia) को अवगत कराएगी | वर्तमान में प्रयोग हो रही तकनीकों, व्यवस्थाओ और सावधानियों के बारे में भी बताया जाएगा | ऐसे में संसद में लंबित उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 (consumer protection bill) भी महत्वपूर्ण होगा | मंत्रालय द्वारा तीन दशक बाद इस कानून में किए जा रहे संशोधन को शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिलने की उम्मीद है | गौरतलब है कि यह विधेयक भ्रामक विज्ञापनों डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स से जुडी समस्याओ को बेहतर तरीके से दूर करके उपभोक्ता संरक्षण (consumer protection) को मजबूती प्रदान करेगा |
अगर आपकी किसी भी प्रकार की उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) है तो आप अपनी शिकायत Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम (online consumer complaint forum) पर दर्ज कर सकते है और अपनी शिकायत का निपटारा जल्द से जल्द पा सकते है |
ऑटोमोबाइल प्रमुख टाटा मोटर्स और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) स्थित कंपनी के डीलर को सर्वोच्य उपभोक्ता अदालत ने ग्राहक के वाहन की मरम्मत वारंटी समय के अंदर न करने पर 41,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है |
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (NCDRC) ने कहा कि अभ्यास के अनुसार, डीलर वारंटी के तहत वाहन की मरम्मत करते हैं लेकिन निर्माता भी इसके लिए "समान रूप से जिंमेदार" है |
एनसीडीआरसी (NCDRC) ने राज्य आयोग (State Commission) के आदेश को संशोधित करते हुए, जिसमे टाटा मोटर्स को मुआवजा देने से बरी थे, किसी भी मुआवजे का भुगतान करने से, निर्माता और डीलर दोनों को संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ निवासी नीरज तिवारी को एक माह के भीतर भुगतान करने को कहां |
"मैं याचिकाकर्ताओं (डीलर) द्वारा उठाए गए मुद्दे से सहमत हूं कि वारंटी टाटा मोटर्स द्वारा जारी किया गया है और वे वारंट के तहत मरंमत की अनुमति के लिए जिंमेदार है" एनसीडीआरसी (NCDRC) के पीठासीन सदस्य प्रेम नारायण ने अपने आदेश में यह कहा |
तिवारी ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) के एक अधिकृत डीलर से ट्रक खरीदा था | हालांकि, वाहन वारंटी में था, डीलर ने ट्रक में हुई थी कुछ दोषों की मरम्मत करने से मना कर दिया, जिसके बाद तिवारी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम का रुख किया था |
जिला फोरम (District Forum) के बाद उनकी शिकायत खारिज हो गयी, जिसके बाद उनका केस राज्य आयोग (State Commission) में चला गया था, जहां पर उन्होंने अपील की, जिसमे केवल डीलर को मुआवजे का भुगतान करने को कहां गया | राज्य आयोग ने आगे कहा था कि चूंकि वाहन में कोई निर्माण दोष नहीं था, इसलिए निर्माता की ओर से कोई कमी नहीं हुई है |
डीलर ने फिर किया सर्वोच्य कंज्यूमर कमीशन (Apex Consumer Commission) की तरफ रुख किया और कहां कि अगर वारंटी के तहत रिपेयरिंग की कोई जिम्मेदारी थी, यह निर्माता की होंगी और वे अपने वहन के खर्च को उठाने के लिए उत्तरदाई होना चाहिए |
टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने सुप्रीम कमीशन (Supreme Commission) से पहले यह बहाना किया था कि वाहन को ठीक से बनाए रखने में ग्राहक की लापरवाही के मुख्य कारण था, इसलिए वारंटी पहले ही वापस आ खड़े हुए | इसमें कहां गया था कि वाहन के निर्माण में कोई दोष नहीं था, इसलिए निर्माता वारंटी के तहत मरम्मत के लिए जिम्मेदार नहीं है |
इस पर, शीर्ष आयोग ने कहा कि स्टेट कमिशन (state commision) कि शायद भूल है जिसके तहत टाटा मोटर्स (Tata Motors) के दायित्व दोषमुक्त किया |
"जाहिर है, निर्माता के खिलाफ की गई शिकायत की बर्खास्तगी ही इस हद तक जायज है कि राज्य आयोग ने वाहन में किसी भी प्रकार का निर्माण दोष नहीं पाया था | हालांकि, जहां तक वारंटी का सवाल है तो टाटा मोटर्स और याचिकाकर्ता (डीलर) समान रूप से जिंमेदार है |", ये कहां गया |
इसलिए दोनों को सामान रूप से ग्राहक को मुआवजा देने का आदेश, सर्वोच्च उपभोक्ता अदालत (Supreme Consumer Court) ने दिया |