Tuesday, 17 March 2020

चेन्नई उपभोक्ता फोरम ने डुप्लीकेट एयर कंडीशनर बेचने पर 30 हजार रुपए जुर्माना (Chennai Consumer Forum fined Rs 30,000 for selling duplicate air conditioners)


Chennai: एक स्थानीय consumer dispute redressal forum ने Ambattur में एक रिटेल स्टोर को ब्रांडेड एयर कंडीशनर के डुप्लीकेट उत्पाद को बेचने के लिए दंडित किया |  

Thirunindravur के याचिकाकर्ता वी लक्ष्मीपति ने जून 2014 में Surya Stores से एक टन क्षमता AC को अपने घर के लिए 35,000 रुपये में खरीदा था | लेकिन जब उस को डिवाइस स्थापित किया गया तो वह ठीक से काम नहीं क्र रहा था और घंटो तक स्विच चालू रखने के बाद भी वह कमरे के तापमान को पूरी तरह से परिवर्तित नहीं कर पा रहा था |

लक्ष्मीपति ने Thiruvallur consumer forum में कहा, कि जब उन्होंने Ambattur में स्टोर से संपर्क किया तो स्टोर ने कहा कि वह किसी प्रकार के दोष के जिम्मेदार नहीं है और स्टोर ने  O-General’s authorised service centre से संपर्क करने का निर्देश दिया |

निर्माता के सेवा अभियंताओं ने कूलिंग सिस्टम की जांच की और लक्ष्मीपति को सूचित किया कि एसी का निर्माण ओ-जनरल द्वारा नहीं किया गया है और इसमें लगाए गए उपकरण असली नहीं है | 

Outdoor unit और indoor models में बताए गए मॉडल नंबर अलग-अलग थे | ओ-जनरल ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा, Air conditioner parts को बेईमान लोगों ने अवैध रूप से आयात किया और Surya Stores के जरिए बाजार में धकेल दिया है |

स्टोर ने कहा, इस मामले में शिकायतकर्ता बार-बार अनुरोध के बावजूद बिल की प्रति भेजने में नाकाम रहा और अपनी छवि धूमिल करने के लिए पुलिस और Forum से संपर्क किया | Consumer Forum ने 19 फरवरी को Surya Stores  को निर्देश दिया कि Duplicate AC को एक महीने के भीतर नए और ओ-जनरल एसी से बदलें और शिकायतकर्ता को 35,000 रुपये की खरीद राशि वापस करें |

इसके अलावा, स्टोर को मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में 20,000 रुपये और मुकदमेबाजी और अन्य खर्च के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया |  





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Friday, 13 March 2020

Mumbai: Consumer forum directed builder to pay compensation for delay (उपभोक्ता फोरम ने बिल्डर से देरी के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया)

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Mumbai: Maharashtra State Consumer Redressal Forum ने एक builder को निर्देश दिया है कि वह बिक्री मूल्य का 95 प्रतिशत स्वीकार करने के बाद भी दस साल तक फ्लैट का कब्जा नहीं सौंपने पर फ्लैट खरीदार को 75,000 रुपये मुआवजे में भुगतान करे | 

नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी अनिल शर्मा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने मुंबई (Mumbai) के पास कर्जत में Star India Project द्वारा विकसित की जा रही योजना में 13,74,600 रुपये में एक फ्लैट बुक किया था |

उन्होंने फर्म को 13,32,870 रुपये जुलाई 2010 से अप्रैल 2014 के बीच तक भुगतान किया | शर्मा ने आरोप लगाया, मई 2012 तक फ्लैट को सौंपा जाना था, लेकिन निर्माण अचानक बंद हो गया और फ्लैट खरीदारों को इस बारे में सूचित नहीं किया गया | 

अंत में, वह और उसकी पत्नी Consumer Forum चले गए और वहां पर भुगतान किए गए पैसे की वापसी की मांग की |

Star India Project के वकील ने Forum के सामने दलील दी कि वह कब्जा सौंपने के लिए तैयार है लेकिन शिकायतकर्ता ने इसे मानने से इनकार कर दिया | 


लेकिन Forum को  के विवाद में कोई योग्यता नहीं मिली क्योंकि उसने कोई सहायक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया था | 

Real Estate Firm अपने दावे को साबित करने के लिए को सहायक दस्तावेज Forum के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाए |

"आज तक शिकायतकर्ताओं को उनके सपनों के घर का कब्जा नहीं मिला | बिल्डर फ्लैट खरीदार को पूर्ण विचार के भुगतान के बावजूद अपने सपनों के घर का कब्जा प्राप्त करने के लिए अनिश्चित काल की प्रतीक्षा नहीं कर सकता ," Forum ने माना |

इसने Star India Project को 'सेवा में कमी' और "अनुचित व्यापार प्रथाओं' का दोषी ठहराया, जिसमें स्टांप ड्यूटी के लिए भुगतान किए गए 65,100 रुपये और पंजीकरण शुल्क के लिए भुगतान किए गए 14,910 रुपये के साथ 13,32,870 रुपये वापस करने को निर्देश Mumbai Consumer Forum दिया | 




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Friday, 6 March 2020

सावधान! नए तरह के फ्रॉड हो रहे है भारत में (New Fraud Rising in India - Be Aware)


नए तरह के Fraud निकल के आ रहे है सामने, आपको अब रहना होगा काफी सतर्क, आपके दोस्त के फेसबुक आईडी से आ सकते मैसेज है |   

जी हाँ, अगर आप फेसबुक चलाते है तो थोड़ा सा होना होगा सतर्क क्योकि कही कोई आपकी आईडी हैक भी कर सकता है | 

हालहीं, में एक दोस्त को दूसरे दोस्त को मैसेज करता है फेसबुक पर, कि उसको पैसे की तुरंत जरुरत है क्योकि कोई उसका खास व्यक्ति Hospital में है, जसिके लिए उसे पैसे की तत्काल जरुरत है, और सुबह वो वापस कर देगा |

इस तरह के कई केस सामने आये है | 

दिए गए फेसबुक मैसेज को ध्यान से पढ़िए: 

Case 1: 



Case 2: 




इसमें एक दोस्त अपने दोस्त को कहता है की मेरी बेटी का एक्सीडेंट हो गया है, जिसके लिए उसे कुछ पैसे को जरुरत है, यही पर वो फस जाता है, क्योकि जो पैसे की मांग कर रहा है उसके कोई बेटी नहीं है, सिर्फ बेटे है |  पूछने पर वो कहता है कि मेरी भाई कि बेटी है | जिसके पास मैसेज आ रहे थे, जब उन्होंने फ़ोन से अपने दोस्त से बात कि क्या हुआ, कहा भर्ती है तो पता चलता है वो अपने घर पर है और कोई भी घटना नहीं हुई है |

इसी तरह की एक घटना फिर से होती है, जिसमे उनने दोस्त फिर उनके दोस्त 20,000 रुपये मांगते है, और फोटो भी देखते है, लेकिन जब सत्यापन किया जाता है तो उस तरह की कोई घटना नहीं होती है और उन सभी का यही कहना होता है कि ये मैसेज उन्होंने नहीं किये है | 

अगर आपकी उपभोक्ता सम्बन्धी शिकायत है तो अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए क्लिक करे: - File Consumer Complaint Now!



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आरबीआई की रोक, यस बैंक में 50 हज़ार से जयादा की निकासी नहीं(YES Bank Crisis News in Hindi - RBI sets limit for Yes bank Consumers, they cannot withdraw amount more than Rs.50,000/- )

image source: the Indian express

Reserve Bank ने 5 मार्च को संकट में फंसे Yes Bank पर मौद्रिक सीमा लगा दी | इसके तहत खाताधारक अब Yes Bank से 50 हज़ार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकल सकेंगे | निकासी की यह सीमा 5 मार्च से 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी | इसके अलावा Central Bank ने Yes Bank निदेशक मंडल के अधिकारियो पर रोक लगाते हुए, एक महीने के लिए SBI के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार की प्रशासक के रूप में नियुक्ति भी कर दी है |  

RBI ने कहा, Yes Bank की एनपीए की समस्या और पूंजी जुटाने में उसकी अक्षमता को देखते हुए यह फैसला लेना पड़ा | RBI द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, यश बैंक में बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से एक महीने के दौरान 50 हज़ार रुपये से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी | इसके अलावा यदि किसी के यस बैंक एक से ज्यादा खाते है, तब भी 50 हज़ार की धनराशि से आधी राशि नहीं निकाली जा सकेगी | हालांकि, कुछ मामलो में छूट दी गई है |

इलाज शिक्षा के लिए छूट 

हालाँकि Central Bank ने इलाज और शिक्षा जैसे कार्यो के लिए रहत दी गई है | इसके तहत, अगर जमाकर्ता को अपने ऊपर निर्भर किसी व्यक्ति के इलाज या शिक्षा के उद्देश्य से पैसो की जरुरत होती है तो निकासी की सीमा में छूट दी जा सकती है | इसके साथ ही खाताधारक को किसी निर्भर व्यक्ति के विवाह या अन्य समारोह या किसी अन्य अपरिहार्य कारणों से भी सीमा से ज्यादा पैसा निकलने की छूट दी जाएगी | 

सरकार ने बीमा कंपनी LIC से SBI के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी कहा है | LIC के पास पहले से यस बैंक को 8 फीसदी हिस्सेदारी है | कुछ हफ्ते पहले पहले यस बैंक को उबरने से जुडी अटकलों पर SBI चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था, "उसे नाकाम नहीं होने दिया जायेगा |" अब यह सौदा पूरा होता है तो SBI के कंर्सोटियम को संचालन का जिम्मा मिलेगा |

content source: amarujala newspaper

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Thursday, 5 March 2020

मैरिज ब्यूरो को लेटने होंगे ग्राहक के पैसे (Consumer Forum Directed Marriage Bureau To Return Full Amount To Consumer)

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दुल्हन की तलाश में आये हुए एक व्यक्ति ने अनुचित व्यपार अभ्यास और सेवा में कमी के लिए Marriage Bureau पर मुकदमा किया, क्योकि Bureau उसके लिए एक आदर्श जीवनसाथी खोजने या किसी भी संभावित उमीदवार के साथ बैठक करवाने में विफल रहा |

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (District Consumer Dispute Forum) के आदेश के अनुसार Marriage Bureau की सेवा में काफी कमी पायी और ब्यूरो को premium marriage services की फीस के रूप में शिकायतकर्ता द्वारा भुगतान किये गए 31,000 रुपये वापस करने और 5,000 रुपये मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया |

शिकायतकर्ता ने Forum से कहा कि उसने वर्ष 2016 में दक्षिण दिल्ली स्थित मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था | उन्होंने कहा कि premium marriage services के लिए 31,000 रुपये का भुगतान करने के बावजूद Bureau न केवल  एक परिपूर्ण रिश्ता खोजने में असमर्थ रहा, बल्कि किसी भी किसी संभावित रिश्ते के लिए एक भी बैठक नहीं करवाई | 

आरोप यह था, कि वह सेवा प्रदान करने के दावे से पीछे हट गया था और शिकायतकर्ता के फ़ोन कॉल को उठाना और उस पर जवाब देना बंद कर दिया था | 

Bureau के खिलाफ एक तरफा दे दिया, जिसमे रेखा रानी और किरण कौशल की पीठ न कहा, "रिकॉर्ड पर मिले श्मिट पत्र के अनुसार Marriage Bureau Profile साझा करने, अनुकूलित सेवा देने और लॉउंज में भावी उमीदवार के साथ बैठक करवाने के लिए प्रतिबद्ध था, साथ ही वह शिकायतकर्ता के द्वारा शॉर्टलिस्ट किये गए प्रोफाइल के लिए ज्योतिष मंगनी प्रदान करने वाला था" | 

ब्यूरो 31,000 रुपये लेने के बावजूद सेवा प्रदान करने में विफल रहा, इसलिए फोरम ने माना  सेवा में काफी कमी रही, जिसके लिए फोरम (Forum) ने आदेश दिया कि Bureau 31,000  रुपये पंजीकरण की तारीख से 6% ब्याज की दर से वापस किये जाये | इसके अतिरिक्त, ब्यूरो को मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया | 

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Tuesday, 3 March 2020

Supreme Court Judgment on Medical Negligence (कोर्ट ने कहा डॉक्टर की लापरवाही के लिए अस्पताल जिम्मेदार, अस्पताल को देना पड़ा 76,00,000 रुपये का मुआवजा)

Medical Negligence

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि Doctor को इलाज के दौरान पूरी तरह से सावधानी बरतनी होंगी, लेकिन अगर Doctor की तरफ से लापरवाही बरती गयी तो उसके लिए Hospital भी पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा | 

National Consumer Disputes Redressal Commission के दिए गए एक आदेश के अनुसार Doctor के द्वारा इलाज में बरती गयी लापरवाही के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया था | उसी फैसले को ध्यान में रखते हुए जस्टिस उदय और जस्टिस इंदु की बेंच ने यह फैसला सुनाया था | 

यह मामला था, Maharaja Agrasen Hospital का, इस मामले में डॉक्टरों ने कथित रूप से pre-term baby के रेटिनोपैथी को अनिवार्य नहीं किया, जिसके कारण वह अंधा हो गया | Medical negligence पर बोलाम टेस्ट और अन्य फैसलों का हवाला देते हुए Court ने कहा कि Premature Baby की देखभाल के लिए बने उचित मानक के मुताबिक ROP की जाँच अनिवार्य है | 

Court ने आगे यह भी कहा कि एक डॉक्टर को अपने पेशे में होने वाले खतरे और जोखिम के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए और जो भी वो काम कर रहा है, उसमे उचित कौशल भी होना चाहिए | 

इसलिए Supreme Court ने  National Consumer Disputes Redressal Commission कि जाँच को बरकरार रखा और बेंच ने लड़के और उसकी माँ को 76,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया | 

Court ने अपनी बातो में यह भी जोड़ते हुए कहा कि यह सामान्य बात है कि जब भी कोई मरीज Hospital में जाता है, तो वह Hospital की प्रतिष्ठा के आधार पर वहां जाता है और इस उम्मीद के साथ में जाता है कि अस्पताल के अधिकारियो के द्वारा उसकी उचित देखभाल की जाएगी | लेकिन अस्पताल अपने डॉक्टर के माध्यम से कोई लापरवाही करता है है तो उसकी जिम्मेदारी भी अस्पताल की होंगी |  

मेडिकल लापरवाही (Medical Negligence) में किन किन बातो को रखा जाये: -
  • किसी भी डॉक्टर का अपने मीरज का ध्यान रखना एक कानूनी कर्तव्य है |
  • इलाज में शामिल जोखिमों के बारे में मरीज को पूरी तरह से न बता पाना |
  • किसी भी डॉक्टर के द्वारा अपने मरीज को अज्ञात जोखिम की जानकारी न देना |
  • अगर जोखिम के विषय में पहले से पता होता है तो मरीज चोट खाने से बच जाता है |
  • ये सभी लापरवाही ही दावे को जन्म देती है | 


अगर आप भी किसी प्रकार की चिकित्सा लापरवाही का शिकार हुए है  या फिर आपसे डॉक्टर या अस्पताल इलाज के लिए अधिक राशि ले ली है, तो आप अपनी शिकायत को Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (Online Consumer Forum) पर दर्ज कर सकते है |

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Voxya Consumer Testimonials

Complaint resolved against online food delivery company



Complaint Resolved Against Online Shopping Store at Voxya.com