Thursday, 31 January 2019

एनसीडीआरसी ने डॉक्टर को लापरवाही से इलाज और गलत बिलिंग के लिए मरीज को 3 लाख रुपये देने का निर्देश (NCDRC Ordered To Pay Rs.3 Lakhs For Medical Negligence and Wrong Billing )

consumer complaint

नई दिल्ली (NEW DELHI): National Consumer Dispute Redressal Commission (NCDRC) ने एक डॉक्टर को निर्देश दिया है कि इलाज में लापरवाही और गलत तरीके से बिलिंग के कारण मरीज को मानसिक व्यथा और दर्द का सामना करना पड़ा जिसके लिए कंस्यूमर फोरम ने एक मरीज को 3 लाख रुपये देने का निर्देश दिया | एपेक्स कंज्यूमर कमीशन (Apex Consumer Commission) की एक बेंच में शामिल प्रेसिडेंट आर. के. अग्रवाल और मेंबर एम. श्रीशा ने डॉक्टर, गीता जिंदल से कहा कि मरीज द्वारा किए जाने वाले मेडिकल खर्चे और गलत तरीके से बिलिंग के लिए मुआवजे का भुगतान किया जाए | 

पीठ ने कहा, 'न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा क्योकि डॉक्टर क्षतिपूर्ति नीति के अंतर्गत शामिल था |"   

न्यायाधिकरण ने कहा, डॉक्टर ने सिर्फ इलाज में लापरवाही नहीं की बल्कि गलत तरीके से बिल का भी शिकार हुआ है, जो कि पूरी तरह से अनुचित व्यापार अभ्यास है | 

न्यायाधिकरण ने हरियाणा (Haryana) निवासी दिनेश जोशी की याचिका को संशोधन किया जिसमे State consumer  disputes redressal commission ने उपभोक्ता के द्वारा धन वापसी और बिना जरूरत के उपचार और पैसे को वसूलने के मामले को दिनांक मई 10, 2016 में ख़ारिज कर दिया था | 

याचिका के अनुसार, जोशी के कूल्हे में गंभीर दर्द हुआ था जिसके कारण वह जिंदल क्लिनिक पंचकूला, हरियाणा (Panchkula Haryana) 4 अक्टूबर  2011 गए थे | जिंदल ने उन्हें दवाएं देते हुए कहा था कि वह दरारों (fissures) से पीड़ित हैं और यह दर्द दो दिन के भीतर कम हो जाएगा |


हालांकि, दो दिनों के बाद भी उनका दर्द कम नहीं हुआ और उनके फिर से जिंदल ले जाया गया जहां पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया |  जहां उनसे इलाज के लिए 36,450 रुपये वसूले गए, जबकि उन्होंने ने मरीज को आश्वाशन दिलाया था कि इलाज कि लगत 7,000 से जायद नहीं आएगी | 

डॉक्टर ने उनके ICU का मूल्य भी उसमे जोड़ा जबकि उन्हें ICU में रखा नहीं नहीं गया था और सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किये गए उपकरण का भी मूल्य जोड़ा गया जबकि किसी भी प्रकार के उपकरण का प्रयाग इलाज में हुआ ही नहीं था और डॉक्टर के द्वारा किये गए सरे दावे झूठे थे | 

कंस्यूमर फोरम (Consumer Forum) ने पाया की इस केस में सर्जरी नहीं हुई थी, जो दवाये और उपकरण बिल में बताये गए थे उनका भी इतेमाल नहीं हुआ था | हॉस्पिटल कोई भी सबूत फोरम में सामने नहीं रख पाए जिससे यह साबित हो कि मरीज को ICU में रखा गया था |  

"असलियत में इस केस में सर्जरी की कोई जरूरत नहीं थी, और मरीज को ICU में क्यों रखा गया या जाता इसका प्रश्न का भी जवाब नहीं मिला, इसलिए ICU को लेकर किये गए बिल गलत थे | इसलिए मरीज से इस तरह का बिल देने और राशि लेने एक अनुचित व्यपार अभ्यास है |", फोरम (Forum) ने कहा | 

जिला (District) और राज्य उपभोक्ता फोरम (State Consumer Forum) ने चिकित्सक की ओर से किसी भी चिकित्सकीय लापरवाही की बात से इंकार किया था और वह संयुक्त रूप से स्कैनिंग सेंटर था जिसने जोशी का निदान किया था और इसलिए बीमा कंपनी को  मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी ठहराया था |



File Consumer Complaint Online At 
Voxya To Resolve Complaints Online

Tuesday, 29 January 2019

ऑनलाइन शॉपिंग के खिलाफ उपभोक्ता की शिकायत इ-पर्स की जगह मिला बेकार और बहुत सस्ता वाला पर्स (Consumer Complaint Against Online Shopping - Voxya Consumer Forum)


जैसा की आप जानते है कि Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forums) एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर लोग अपनी शिकायत (complaint) को दर्ज करके अपनी उपभोक्ता समस्या का हल पा सकते है | कई लोगो ने इस ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम की मदद से अपनी उपभोक्ता शिकायतों को केवल दूर ही नहीं किया बल्कि अपने सामान को बदलने, धन की वापसी पाने साथ साथ कंपनी की तरफ से आपसी समझ से मुआवजा पाने में समर्थ रहे है | 

Voxya टीम केवल ऑनलाइन उपभोक्ता शिकायतों (online consumer complaints) को नहीं सुनती अपितु वह उपभोक्ता लोगो के पास जाकर उनसे फीडबैक लेती है और उनकी शिकायतों को भी सुनती है | 

हाल ही में Voxya टीम ने कई लोगो की उपभोक्ता शिकायतों को सुना जिसमे से एक उपभोक्ता की शिकायत ऑनलाइन शॉपिंग के खिलाफ थी |

उपभोक्ता की शिकायत के मुताबिक उपभोक्ता ने एक ऑनलाइन शॉपिंग करते समय एक E-Wallet पे नजर पड़ी जो कि देखने में सबसे अलग था, उसमे कैसे साडी खुबिया थी और साथ में चार्जिंग डिवाइस में उसी में थी | उस पर्स के कई प्रकार के वीडियो भी उस प्रोडक्ट के साथ संलग्न थे | उपभोक्ता ने उस पर्स को लेने का निश्चय किया और ऑनलाइन पेमेंट करके उस पर्स को खरीद लिए | जब वह पर्स घर पर आया तो वो हैरान रह गए क्योकि वह पर्स बिल्कुल सामान्य पर्स था जिसकी कीमत 100 रुपये से अधिक नहीं होंगी और उपभोक्ता ने उस पर्स के लिए 300 रुपये दिए थे | उन्होने कूरियर बॉय से पता किया, कस्टमर केयर पर कॉल किया पर उनको कोई भी उतार दूसरी तरफ से नहीं मिला और सारी मेहनत करने के बाद उनकी समस्या का निदान नहीं हो पाया |

देखिये इस वीडियो में उपभोक्ता ने अपनी उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) में क्या कहा | 



अगर आपकी भी कोई उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) और उसे दूसरे को बताने और Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम पर शिकायत दर्ज (File complaint on online consumer forum) करने में किसी भी प्रकार का संकोच न करे | 



Friday, 25 January 2019

Hyderabad Consumer Case - Consumer Forum Directed SBI To Pay Rs 5 Lakh (कंज्यूमर फोरम ने एसबीआई को 5 लाख रुपये देने का दिया निर्देश)

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हैदराबाद(HYDERABAD): Hyderabad District Consumer Forum ने State Bank Of India को उधारकर्ता के द्वारा लोन की पूरी राशि लौटने के बाद भी उधारकर्ता के द्वारा जमा की गए मूल दस्तावेजों को वापस करने में विफल रहे SBI को निर्देश दिया कि वह उपभोक्ता को 5 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान करे | 

शिकायतकर्ता (complainant) टी बलवंत रेड्डी ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने 4.5 लाख रुपये के लोन के लिए SBI bank से संपर्क किया | 2007 में रेड्डी को लोन कि मंजूरी मिल गयी जिसके लिए उनके मूल (original) दस्तावेज विक्रय विलेख (sale deed), शीर्षक विलेख(title deed) और पासबुक(pattadar passbook) बैंक में जमा किये थे | उन्होंने कहा कि उन्होंने कर्ज की राशि को चुकाया और ऋण खाते को 2011  में बंद कर दिया | 

रेड्डी ने प्रस्तुत किया कि उसकी सम्पति का बाज़ार में मूल्य 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है, उसने एक बहुत अच्छा ऑफर भी मिला था पर दस्तावेजों की कमी के कारण वह उसे बेच नहीं पाए | उन्होने यह भी कहा कि इसी वजह से वह इसी सम्पति पर दूसरा लोन लेने से वंचित रह गए | 


दूसरी ओर बैंक के प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया कि वे बैंक शाखा में उक्त लापता मूल दस्तावेजों की खोज कर रहे है और वे दस्तावेजों की प्रति के लिए राजस्व अधिकारियों को लिख के कहा गया है और हमे ही दस्तावेजों मिलते है हम वैसे जी जल्द से जल्द उधारकर्ता को सौप देंगे | 

सुनवाई के दौरान फोरम (Forum) ने कहा, "बैंक के अधिकारी अभी तक मूल दस्तावेजों का पता नहीं लगा पाए है | यह पूरी तरह से साफ़ मामला है जिसमे अब आगे चर्चा  की जरूरत नहीं है |" 

उपभोक्ता फोरम (consumer forum) ने निर्देश दिया कि 5 लाख रुपये मुआवजे के अतिरिक्त 5000 रुपये कानूनी लगत के लिए दिए जाये और बैंक को यह भी निर्देश दिया कि खोये हुए दस्तावेजों को पता करके शिकायत (complaint) करता को जल्द से जल्द लौटाया जाये, राजस्व अधिकारियों को पत्र लिखें और प्रमाणित दस्तावेजों को प्राप्त करें साथ ही साथ एक न्यूज़ पेपर में इंग्लिश और तेलगु दोनों ही भाषा में  Title Deeds खोने का एक विज्ञापन दे | 

If you have any consumer complaint against the company then file a complaint online at Voxya an online consumer forum to resolve consumer complaint quickly with an optimal solution.

Success Stories Of Voxya Consumer Forum Online




Thursday, 24 January 2019

Punjab Apartment and Property Regulation Act, 1995 का पालन न करने पर बिल्डर पर लगा जुर्माना|

चंडीगढ़(CHANDIGARH): District Consumer Dispute Redressal Forum UT Chandigarh ने इमर्जिंग इंडिया रियल एसेट्स (Emerging India Real Assets) को निर्देश दिया कि बिना किसी अथॉरिटी यानी Greater Mohali Area Development Authority (GMADA) के अनुमति और लाइसेंस के बिना भूखंड बेचने के लिए 35,000 रुपये मुआवजा अदा करें | बिल्डर को यह भी निर्देश दिया गया कि वह 5.03 लाख रुपये 9% प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पैसे जमा करने की तरीख से अभी तक वापस करे | 


शिकायतकर्ता (complainant), सेक्टर 25 पंचकूला के निवासी अजीब कौर ने अपनी शिकायत में कहा कि Landran Highway, Punjab, Banur में उनके प्रस्तावित प्रोजेक्ट के बारे में बिल्डरों के बयानों और अभ्यावेदन पर विश्वास किया जिसमे यह भी कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट GMADA (Greater Mohali Area Development Authority) से मंजूर हो गया है | जिसके बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक आवासीय प्लाट को बुक किया था | 


बाद में शिकायतकर्ता (complainant) को पता चला कि बिल्डर द्वारा बेचे जा रहे आवासीय प्लॉट्स संबंधित अथॉरिटी यानी GMADA से डिवेलपमेंट लाइसेंस के बिना बेचे जा रहे थे | शिकायतकर्ता के अनुसार वह उनके ऑफिस गया और अपने पैसे की मांग करने लगा लेकिन उस विषय में उन लोगो ने कुछ नहीं किया | 

इसके जबाव में बिल्डर ने कहा कि जो प्लॉट शिकायतकर्ता (complainant) द्वारा बुक किया गया है, उसी का भुगतान किस्त लिंक्ड पेमेंट प्लान के तहत शिकायतकर्ता (complainant) द्वारा किया जाना था | शिकायतकर्ता ने 27 लाख रुपये की शुद्ध बिक्री मूल्य के मुकाबले केवल 4.80 लाख रुपये का भुगतान किया है | यह शिकायतकर्ता (complainant) की ही गलती है कि वह पूर्ण रूप से जानने के बाद सभी पेमेंट कथित रूप से करते रहे और यह क़िस्त से जुडी योजना के अंतर्गत था और समय अनुबंध का सार था | 

यह जोड़ा गया कि भूखंड के कब्जे की तारीख से 36 महीने के भीतर दिया जाना था जिसके लिए शिकायतकर्ता (complainant) को विक्रय मूल्य का 90% जमा करना था |  हालांकि, शिकायतकर्ता (complainant) ने केवल शुद्ध बिक्री मूल्य का 20% भुगतान किया था | भुगतान को बनाने में शिकायतकर्ता (complainant) की ओर से नियमित विलंब किया गया | अन्य सभी आरोपों को नकारते हुए और कहा कि उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं है, उन्होंने शिकायत की बर्खास्तगी के लिए प्रार्थना की |  


फोरम (Forum) ने दोनों पक्षों को सुना और मौजूद सभी दस्तावेजों को और सबूतों को देखा और पाया की बिल्डर को सम्बंधित अथॉरिटी डिपार्टमेंट की तरफ से कोई भी अनुमति नहीं मिली थी, जो 2014 में किसी भी प्रोजेक्ट को स्थापना के लिए जरूरी था, जब शिकायतकर्ता (complainant) ने 5.03 लाख रुपये दिए थे | 


"बिल्डर के लिखित बयान कहे गए दावे फ़ैल पूरी तरह से फ़ैल हो गए क्योकि वह कोई भी ऐसा सबूत फोरम के समक्ष नहीं रख पाए जिससे फोरम ये मानती की उन्होंने सम्बंधित अथॉरिटी डिपार्टमेंट से प्रोजेक्ट के लिए अनुमति मिली हुई थी |"  

इसलिए, फोरम ने अपने निष्कर्ष में कहा कि PARA ACT, 1995 के अनुसार इसमें बिल्डर की ही गलती है  और इसलिए, इस स्कोर पर शिकायतकर्ता (complainant) को उचित सेवा प्रदान करने में कमी थी |  

जिसके बाद फोरम ने निर्देश दिया की उपभोक्ता को 25,000 रुपये मुआवजे के रूप में और 10,000 रुपये कानूनी खर्च के लिए दिए जाये |  

Content Source: TOI
जरूर देखे वीडियो




Voxya ने किया  कई उपभोक्ता शिकायतों का निपटारा जानने के लिए देखिये वीडियो | (File a complaint online at Voxya to resolve consumer complaint quickly.)





अगर आपकी कोई उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) है और आप उसका निपटारा चाहते है तो
अपनी शिकायत Voxya पर तुरंत दर्ज करे :-






consumer complaint online

Tuesday, 22 January 2019

उपभोक्ता फोरम ने उड़ान में देरी के लिए स्पाइसजेट पर 55,000 रुपये का लगाया थप्पड़ (Consumer forum slaps Rs 55,000 cost on SpiceJet for flight delay)

only for representation use image or content source TOI 
नागपुर (NAGPUR) : कम लागत वाहकों को एक कड़ा संदेश देने के लिए, जहां अक्सर फ्लाइट में का रद्द होना और देरी होना सामान्य शिकायतों के लिए, the additional District Consumer Disputes Redressal Forum ने SpiceJet Limited को 55,000 रुपये का थप्पड़ लगाया | 

आंशिक रूप से गांधी नगर (Gandhi Nagar) स्थित Rasik Nashine की शिकायत पर एक बेंच जिसमें अध्यक्ष चन्द्रशेखर मुळे और सदस्य अविनाश प्रभुणे और दीपि्त बोबडे ने the Gurgaon-headquartered company को 50,000 रुपये शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के लिए और 5,000 रुपये कानूनी लगत के लिए, 1 महीने में भुगतान करने को निर्देश दिया |  

शिकायतकर्ता (complainant) ने 2 फ्लाइट की टिकट, एक अपने लिए और एक अपनी बीवी के लिए MakeMyTrip से 2 जनवरी 2016 में  पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करने के लिए, 1 से 10 अप्रैल तक के लिए बुक किया था | उनकी वापसी यात्रा की योजना बागडोगरा (Bagdogra) से कोलकाता(Kolkata) तक स्पाइसजेट की एक उड़ान में और फिर एक अन्य एयरलाइन (Airlines) में नागपुर (Nagpur) के लिए थी | बागडोगरा से वापसी की उड़ान दोपहर 2.45 बजे से थी, जिससे उन्हें दोपहर 3.45 बजे कोलकाता(Kolkata) पहुंचने के लिए निर्धारित की गई थी | Nashine नागपुर (Nagpur) के लिए अगली उड़ान उसी दिन सुबह 5.55 बजे की थी |

जब Nashines बागडोगरा हवाई अड्डे (Bagdogra Airport) पर पहुँचे, तो उन्हें बताया गया कि उड़ान समय पर है और बोर्डिंग के लिए औपचारिकताएं पूरी करिये | जब उड़ान अपने निर्धारित आगमन के समय के बाद भी नहीं पहुंची, Nashine हवाई अड्डे के कर्मचारियों से जब पूछताछ की तो उन्हें बताया गया कि फ्लाइट "तकनीकी और परिचालन कठिनाइयों" की वजह से 30 मिनट देर है | हालांकि, फ्लाइट (flight) का इंतजार करते हुए तीन घंटे से अधिक हो गए थे और आखिर में फ्लाइट 7:30 बजे पहुंची | जिसके बाद वह कोलकाता (Kolkata) 6 घंटे बाद रात 9.05 बजे पहुंचे | इस समय नागपुर (Nagpur) की फ्लाइट (Flight) पहले से ही उड़ान भर चुकी थी, जिसकी वजह से Nashine टिकट को कैंसिल करने में असमर्थ थे | 

जैसा कि Nashines ने स्पाइसजेट (Spicejet) की बागडोगरा-कोलकाता उड़ान (Bagdogra-Kolkata Flight) में देरी के कारण नागपुर की उड़ान छूट गयी थी, दंपति ने उत्तरदाताओं से अनुरोध किया कि वे कोलकाता में उनके ठहरने के लिए व्यवस्था करें और अगले दिन उन्हें नागपुर की फ्लाइट पर बुक करें, लेकिन एयरलाइन ने मना कर दिया | परेशान दम्पति को रात में होटल खोजना पड़ा, खाने पीने में खर्च करना पड़ा और शहर में सफर करने के लिए खर्च करना पड़ा |

Nashine ने इस देरी के कारण कारोबार में नुकसान और उनकी पत्नी को एक दिन के वेतन का नुकसान सहने का दावा किया | 

शिकायतकर्ता (compliant) ने स्पाइसजेट को कानूनी नोटिस भेजा, जिसका  SpiceJet के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया |  इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया 2.42 रुपये के मुआवजे के लिए प्रार्थना की साथ ही साथ 20,000 रूपये कानूनी लगत का दावा किया जोकि उन्होंने वकील को फीस के रूप में दिया था | 

स्पाइसजेट (Spicejet) ने फोरम (forum) के नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद भी न्यायाधीशों ने मामले को सुना और शिकायतकर्ता के पक्ष में शासन पूर्व बिदाई दी | 

फोरम ने कहा कि स्पाइसजेट और Nashines के बीच सेवा प्रदाता और ग्राहक का वास्तव में संबंध था और ये सभी ऑनलाइन टिकट बुकिंग और प्रस्तुत किये गए सभी दस्तावेजों से साबित होता है |

फोरम (Forum) ने Nashine की इस बात को स्वीकार कर लिया कि वह स्पाइसजेट (SpiceJet) के अधिकारियों द्वारा उड़ान समय के संबंध में दी गई भ्रामक जानकारी के कारण अपनी नागपुर-बाउंड फ्लाइट टिकट रद्द करने में असमर्थ थे और इसे फोरम ने सेवा में कमी के रूप में माना गया | 

फोरम ने स्पाइसजेट (SpiceJet) के इस बहाने को ' तकनीकी/परिचालन कठिनाइयों ' के बारे में भी बताते हुए कहा कि महानिदेशक नागर विमानन (डीजीसीए) ने ऐसी स्थितियों में स्पष्ट रूप से नियम निर्धारित किए हैं, जो इस मामले में पीछे नहीं रहे | 

If also have complaint Airlines company then File a complaint at Voxya an online consumer forum in India to get a replacement, refund and return as soon as possible. It will help to resolve your complaint quickly with an optimal solution. Try it once for quick redressal. 

Consumer Complaint Resolved Against Spicejet At Voxya online consumer complaint forum: View

Monday, 21 January 2019

बिना अनुरोध के मासिक शुल्क बढ़ाने पर DTH firm को लगा 8,000 रुपये का जुर्माना (Chandigarh Consumer Case: DTH firm fined Rs 8,000 for increasing monthly charges without request)

चंडीगढ़(Chandigarh): जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (District Consumer Dispute Redressal Forum) ने एयरटेल डीटीएच कार्यालय (Airtel DTH Office) और गुरु नानक रेडियो को निर्देश दिया है कि वे ग्राहक से बिना किसी अनुरोध के मासिक शुल्क में वृद्धि के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 8,0000 रुपए का भुगतान करें | 

फिर फर्म (Firm) को आदेश देते हुए कहा कि उपभोक्ता के प्लान को पुनःस्थापित करे और कानूनी लागत के लिए 2,000 रुपये देने का निर्देश दिया |

अंकुर सोनी, शिकायतकर्ता (Complainant) ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने 6 मार्च, 2017 को गुरु नानक रेडियो से एयरटेल डिजिटल टीवी कनेक्शन (Airtel DTH TV Connection) खरीदा था | 

शिकायतकर्ता (Complainantने कहा कि उन्हें अपने खाते को 298 रिचार्ज करना चाहिए था जैसे कि उसने पहले महीने किया था पर उन्हें फ़ोन पर बताया गया कि आपका चालू प्लान 349 का है | जब उन्होंने पूछा कि कैसे मेरा प्लान 298
से 349 रुपये बाद सकता है, तब उन्हें बताया गया कि फ़ोन पर बताया गया कि उन्होंने 349 का विकल्प चुना था | 

उन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई | हालांकि, एयरटेल डीटीएच (Airtel DTH) के एक अधिकारी ने उन्हें जानकारी दी कि यह एक आउटसोर्स किए गए व्यक्ति द्वारा किया गया और उन्होंने अपनी बातचीत का रिकॉर्ड कायम नहीं रखा | अनुचित व्यापार प्रथा का आरोप लगाते हुए अंकुर ने कंपनी से कहा कि वह अपनी मूल योजना बहाल करे और हर्जाना अदा करे |

एयरटेल डीटीएच अधिकारियों (Airtel DTH Officers) ने अपने जबाव में कहा कि योजना में परिवर्तन किया गया और शिकायतकर्ता के अनुरोध के अनुसार 298  रुपये से 349  रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई | गुरु नानक रेडियो (Guru Nanak Radio) की ओर से इस मामले में कोई दिखाई नहीं दिया | 

फोरम (Forum) ने सभी पक्षों को सुनने के बाद, कहा कि "एयरटेल और गुरु नानक रेडियो रिकॉर्ड (Guru Nanak Radio) पर दिखाने में विफल रहा था कि किसी कॉल के चलते उनके प्लान और योजना में परिवर्तन किया गया है | केवल कहने के सिवाय उनके पास कोई भी सबूत या दस्तावेज नहीं थे | "

अक्टूबर 5, 2017, शिकायतकर्ता (Complainantने अपने और Airtel DTH कर्मचारी के मध्य हुई बातचीत को सबूत के रूप में  फोरम (Complainant) के सामने रखा |  

फोरम (Forum) ने पाया कि "जब उपभोक्ता ने पूछा कि क्यों उनके प्लान में वृद्धि हुई है तो Airtel DTH कर्मचारी ने कहा ये आउटसोर्स कर्मचारी के द्वारा हुआ है जो Airtel के लिए ही काम करता है | ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला जिसमे उपभोक्ता ने खुद से प्लान या योजना में वृद्धि करने का अनुरोध किया हो | जो भी प्लान एयरटेल (Airtel) ने एक्टिवेट किया था वह खुद के लाभ के लिए किया था जो कि शिकायतकर्ता (Complainant) के द्वारा लगाए गए आरोप अनुचित व्यापार अभ्यास को सही साबित करता है |"

फोरम (Forum) ने अपने आदेश में कहा कि फर्म (Firm) उपभोक्ता को अनुचित व्यापार अभ्यास के लिए 5,000 रुपये मुआवजे के रूप में, 3,000 रुपये मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए और 2,000 रुपये कानूनी लागत के लिए अदा करे |
  

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File Complaint Now!



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Content source: Times Of India

Friday, 18 January 2019

बिना तौल उपभोक्ता को दिया सिलिंडर तो कटेगा चालान (LPG Cylinder Gas Latest News 2019)

image source: the Hindu only for representation

एडीएम आपूर्ति का निर्देश, एआरओ संभालेंगे कार्यवाई की कामान 

लखनऊ (Lucknow): घलेरू एलपीजी वितरण में  घटतौली रोकने को अब प्रशासन गैस एजेंसी संचालको (gas agency manager) सहित हांकरो पर शिकंजा कसेगा | गैस एजेंसी संचालको को चेताया गया है कि बुकिंग सिलिंडरो की डिलीवरी के लिए उपभोक्ताओं के घर पहुंचे हाँकर के पास तौल के लिए इलेक्ट्रॉनिक कांटा अनिवार्य रूप से हो | यदि हाँकर ने बिना तौल के उपभोक्ता को सिलिंडर दिया तो सम्बंधित गैस एजेंसी के संचालक के खिलाफ चालान काटकर जुर्माना वसूला जायेगा | यह जानकारी एडीएम आपूर्ति चंद्र प्रकाश ने दी |

उन्होंने में बताया कि इस सम्बन्ध क्षेत्र पूर्ती अधिकारी की अगुवाई में गैस एजेंसियो के हँकारो की जाँच पड़ताल को औचक निरीक्षण का निर्देश दिया गया है | निरीक्षण के दौरान जिस एजेंसी का हँकार भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन के पकड़ा जायेगा उसके खिलाफ मोके पर ही जुर्माना लगाया जायेगा | इस सख्ती से अवैध रिफिलिंग बाद घरो में बिना तौल घटतौली के सिलिंडर की आपूर्ति रोकने में प्रभावी मदद मिलेगी | गैस एजेंसीयो के संचालको को चेताया गया है कि घटतौली और अवैध रिफिलिंग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगी | अवैध रिफिलिंग के दौरान जिस एजेंसी संचालक को भी सह आरोपी बना आपूर्ति विभाग कार्यवाई होगी |

एडीएम आपूर्ति ने एजेंसी संचालको को यह भरोसा दिलाया है कि प्रशासन वितरण कार्य से जुडी उनकी परेशानी दूर करने में भी हर संभव मदद करेगा | इसके लिए अवैध रिफिलिंग रोकने को घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर फूलप्रूफ टैंपर सील लगाने और सप्लाई व्यवस्था को नियमित बनाने के लिए सप्लाई से जुडी तेल कंपनियों को भी ताकीद कि जाएगी |

तौल मशीन में गड़बड़ी पर भी कार्यवाई होगी 

उन्होंने ने बताया कि घटतौली रोकने को संचालित कार्रवाई में आपूर्ति विभाग के साथ ही बाट माप विभाग के जिम्मेदारों को भी शामिल किया जाएगा | एआरओ की अगुवाई में बाटमाप के निरीक्षक घरो में होम डिलीवरी पहुंचाने (home lpg cylinder) वाले हँकारो के पास मौजूद तौल मशीन की शुद्ता को भी मोके पर जाचंगे | अगर जाँच में तौल मशीन ख़राब मिली अथवा किसी तरह की अन्य गड़बड़ी मिली तो इसके लिए सम्बंधित गैस एजेंसी के संचालक को जिम्मेदार मान कार्यवाई होगी |   

image source: AmarUjala News paper
अगर आपको फिर भी किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ता है तो आप अपनी उपभोक्ता शिकायत Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) पर दर्ज करके अपनी शिकायत को जल्द से जल्द दूर करे | 


To Resolve Complaint Online

Wednesday, 16 January 2019

Television (TV) Scam Case, TV Fraud - File Complaint Now! (टीवी स्कैम का पर्दाफाश )

मैं आज आप एक scam और fraud के विषय में बताने जा रही हूँ, शायद आप पहले से भी जानते हो लेकिन ये बाते जो आपको बताने जा रही हूँ वो आपके साथ होने वाले धोखे से आपको बचा सकता है |  जिससे आपको भविष्य में कंस्यूमर फोरम (consumer forum) के चक्क्र न काटना पड़े |

यह scam और fraud टीवी के विषय में है, जहां  पर बड़ी बड़ी कंपनी जैसे Samsung और Sony के साथ भी sacam और fraud हो रहा | यहाँ पर यह है कि ये कंपनी अपनी टीवी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से लोगो को TV पहुंचाने का काम करती है | इसलिए ग्राहक को अगर टीवी चाहिए तो वह ऑनलाइन (Online) यह फिर  किसी भी स्टोर पर जा के TV खरीद सकता है | लेकिन कभी कभी होता क्या है कि ग्राहक को लगता है कि अगर कंपनी टीवी के 10,000 रुपये भी ले रहा है तो वो ज्यादा लगने लगता है और ऐसे में ग्राहक पैसे को बचाना चाहता है और पैसे बचाने के लिए वह किसी चीप लोकल मार्केट, किसी रिश्तेदार या फिर किसी केबल कनेक्शन वाले के जरिये टीवी ले लेते है | 

इसी तरह का एक केस मेरी दोस्त के साथ हुआ है, जिन्होंने बिना यह सोचे कि टीवी सही आएगा या नहीं, अपने केबल वाले से बात की और केबल वाले ने कहा की में आपको TV दिला दूंगा वो भी सैमसंग का जो टीवी आएगा वो 10,000 रुपये का आएगा जिसकी मार्केट में कीमत 15,000  से 16,000 रुपये है | ऐसे में उस केबल ऑपरेटर ने उनके साथ धोखेबाजी की और उस धोखेबाजी में उनको दे दिया एक नकली टीवी |

जी हाँ, मैं बात क्र रही हूँ नकली टीवी की जो देखने में samsung जैसे बॉक्स में आता है, जो की देखने में पुरे सैमसंग के असली बॉक्स की तरह ही लगता है साथ ही साथ इस टीवी के बॉक्स के अंदर कुछ भी हो सकता है और किसी भी कंपनी के स्टीकर के साथ टीवी आपको मिल सकती है | यह टीवी बनते है थाईलैंड में और थाईलैंड से यहाँ आते है किस तरह ये तो स्पष्ट नहीं है लेकिन आपको टीवी लेने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर ले  जो टीवी ले रहे है वो असली है यह नहीं | 


कैसे जाने की टीवी नकली है, अगर टीवी के अंदर लगी स्क्रीन सही से फिट नहीं होती है और बॉक्स पर सही तरीके से प्रिंटिंग नहीं मिलेगी | जबकि असली टीवी में प्रॉपर तरीके से प्रिंटिंग मिलेगी आपको  

अगर आपको किसी प्रकार से कोई भी नकली टीवी बेचता है तो आप उसकी शिकायत Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) पर करके आप उसके खिलाफ कार्यवाही कर सकते है और लीगल एक्शन भी ले सकते है |

Voxya की टीम आपको पैसे वापस दिलाने, नया टीवी दिलाने और आपकी उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) को दूर करने में आपकी मदद करता है |  




Ccontent source: unknow

Monday, 14 January 2019

कंस्यूमर फोरम ने 3 रुपये की गलती के लिए कंपनी को 4000 रुपये उपभोक्ता को देने के लिए कहा, जानिए पूरा मामला 1 मिनट में (Firm told to pay Rs 4,000 for Rs 3 mistake)

लुधिअना (Ludhiana): पहले से डिस्काउंट प्रोडक्ट पर 3.15 रुपये का value added tax (VAT) लगाना रिटेल स्टोर पर भारी पड़ गया और जिसकी वजह से रिटेल स्टोर को 4,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा | 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (District Consumer Dispute Redressal Forum) ने लाइफस्टाइल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड MBD नियोपोलिस मॉल, फ़िरोज़पुर रोड, राजगुरु नगर, निवासी चंडीगढ़ (Chandigarh) फोरम (Forum) में शामिल अध्यक्ष G K धीर और सदस्य ज्योत्स्ना जी ने 2,000 रुपये मानसिक उत्पीड़न और व्यथा के लिए और 2,000 रुपये कानूनी खर्च के लिए सेक्टर 23C, चंडीगढ़ निवासी गगनदीप सिंह को क्षतिपूर्ति के रूप में देने को कहा है |    

पिछले साल 2 जुलाई को शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत उपभोक्ता फोरम (complaint consumer forum) में की, जिसमे गगनदीप सिंह ने जिसमे उपभोक्ता ने एम.आर.पी. 90 रुपये में जून 28, 2017 में डिस्काउंट प्राइस पर 66.25 रुपये में 5% VAT राशि 3.15 रुपये भी उसी में शामिल था | शॉप आउटलेट में उस प्रोडक्ट पर 30% का डिस्काउंट था जिसके बाद उसकी कीमत 63 रुपये होती है, पर उन्होंने VAT की अधिक कीमत ले ली थी | 


शिकायतकर्ता (complainant) ने दावा किया कि अतिरिक्त वैट की राशि लेना की वजह से मानसिक पीड़ा और व्यथा का सामना करना पड़ा | जिसके लिए उन्होंने 18% वार्षिक ब्याज के साथ अधिक भुगतान राशि वापसी की मांग की | साथ ही साथ 35,000 रुपये का मुआवजा मानसिक पीड़ा और व्यथा के लिए और 25,000 रुपये कानूनी खर्च का दावा किया | 

अपने लिखित उत्तर में रिटेल स्टोर ने कहा कि "पहले से बने सिद्धांत के अनुसार, वैट अंतिम ' बिक्री मूल्य ' पर वसूला जाता है और केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम (Central Sales Tax Act) और पंजाब वेट अधिनियम, 2005 (Punjab VAT Act 2005) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सरकार को भुगतान किया जाता है |"

कंस्यूमर फोरम (consumer forum) ने कहा कि रियायती मूल्य पर वैट वसूलने के अधिनियम को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, नई दिल्ली (National Consumer Dispute Redressal Commission, New Delhi) द्वारा पदावनत किया गया है | यह भी कंस्यूमर फोरम (consumer forum) ने कहा कि "इस मामले में दिए गए उत्पाद में वैट कि राशि एम.आर.पी. में पूर्ण रूप से शामिल थी इसलिए अतरिक्त वैट लेना एक अनुचित व्यापार अभ्यास को दर्शाता है |" 

उपभोकत फोरम (consumer forum) ने आदेश दिया कि जितनी भी अधिक राशि ली गयी है उसे 6% वार्षिक ब्याज के साथ उपभोक्ता को वापस किये जाये चूकि इस मामले की वजह से उपभोक्ता को मासिक पीड़ा और व्यथा का सामना करना पड़ा इसलिए उन्हें 2,000 मुआवजा के रूप में और 2,000 रुपये कानूनी कार्यवाही की लागत के लिए दिए जाये |


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Thursday, 10 January 2019

कंस्यूमर फोरम ने आयोजन रद्द होने पर होटल को बुकिंग के रुपये वापस करने का आदेश दिया(Hotel asked to refund booking amount of cancelled event)

Wedding Law India

लुधियाना (Ludhiana): जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (District Consumer Dispute Redressal Forum) ने शादी रद्द होने के बाद एक ग्राहक की बेटी के विवाह के लिए बुकिंग राशि वापस न करने पर एक होटल (Hotel) को दंडित किया | जिसमे होटल को 5,000 रुपये देने की सजा,  फोरम के अध्यक्ष GK लेखमाला और सदस्य विनोद गुलाटी ने पखोवाल रोड (Pakhowal Road) पर स्थित मिराज होटल (Miraj Hotel) को आदेश कि वह पार्शियल चौक, लुधिअना(Partial Chowk, Ludhiana) निवासी जसवंत सिंह को 3,000 रुपये मानसिक व्यथा और 2,000 रुपये कानूनी लगत के लिए देना होगा |   

Image & Content Source Times Of India
शिकायतकर्ता (complainant) ने अपनी उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) में कहा कि उनकी बेटी की शादी पिछले साल 10 और 11 फरवरी में थी | जिसके लिए उन्होंने 15 कमरे इन दिनों के लिए 45,000 रुपये की राशि में बुक किया था | 

शिकायतकर्ता (complainant) की शिकायत की मुताबिक उसने 11 जुलाई 2017 में 20,000 रुपये की राशि का भुगतान किया था | किसी कारणवश जसवंत की बेटी की शादी अगस्त 2017 में रद्द हो गयी, जिसकी सूचना उन्होंने होटल के मैनेजर और पार्टनर को दी | जसवंत ने कहा कि उन्होंने अग्रिम भुगतान राशि को वापस देने का निवेदन किया और यह भी कहा कि होटल रुपये को वापस करने के लिए सदस्यों की बैठक में सहमत भी था | इतना ही नहीं फ़ोन की बात चीत में भी होटल के प्राधिकारी रुपये वापस करने के लिए सहमत थे |

जसवंत ने दोनों पार्टियों के बीच हुई बात चीत की एक सीडी बनाई और 1 जून 2018 में उन्होंने यह सबूत संलंग्न करते हुए उन्होंने उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कर दिया | जिसमे होटल के पदाधिकारियों द्वारा होटल whatsapp मैसेज पर रुपये को वापस करने के लिए जसवंत से खाता नंबर मांगा था उसको भी स्क्रीनशॉट उन्होंने रखा | 

समझौता के मुताबिक अगर function के 2 महीने के पहले किसी भी वजह से रद्द होता है तो बुकिंग के लिए दी गयी पूरी राशि वापस कर दी जाती है | उपभोक्ता के इस मामले में उपभोक्ता ने होटल को बुकिंग तारीख से 4 महीने पहले ही बता दिया था | फिर भी उनकी पहले से भुगतान राशि को होटल ने वापस नहीं किया |  जिसके लिए उपभोक्ता ने 20,000 रुपये की राशि के साथ साथ 50,000 रुपये मानसिक उत्पीड़न और व्यथा के लिए और 22,000 रुपये कानूनी लागत का दावा किया | 


फोरम (Forum) ने पाया कि 20,000 रुपये की राशि वादे के अनुसार वापस नहीं किये गए है जो कि होटल की सेवाओं में कमी  है | यह देखा गया कि चूंकि राशि वापस नहीं किया गया था, शिकायतकर्ता (complainant) को इस राशि की वापसी के लिए 1 सितंबर 2017 से  9%  प्रति वर्ष की दर पर ब्याज के साथ भुगतान करने के लिए हकदार था, क्योंकि अगस्त 2017 में रद्द करने के बारे में सूचना की एक विशिष्ट तिथि शिकायत (complaint) या हलफनामे में उल्लेख नहीं किया गया था | 

फोरम (Forum) ने ये भी पाया कि होटल के द्वारा पैसे वापस न करने पर उपभोक्ता मुक़दमे को होटल में घसीटना पड़ा | इसलिए वह मुआवजे का हकदार है इसलिए उपभोक्ता को मानसिक परेशानी और कानूनी खर्च के लिए 5,000 रुपये देने का आदेश दिया |

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Tuesday, 8 January 2019

District Court Recruitment Notification 2019 - 62 Posts, No Application Fee Require - Government Jobs India

District Court Recruitment Notification

District Court Recruitment Notification 2019-20 for 62 vacancies computer operator posts, examiner posts, and various posts. All interested and eligible candidates apply on or before  21-Jan-2019.  We have mentioned information about the District Court recruitment jobs, exams, vacancies details, salary details, online form, job application fee, educational qualifications, require experience, and all other details or information about these posts are given as below:


Job Location: Tamil Nadu


Posts and Number of vacancies for District Court Recruitment 2019

  • Scavenger - 01 
  • Senior Bailiff - 01
  • Xerox Machine Operator - 03
  • Office Assistant - 24
  • Night Watchman - 07
  • Junior Bailiff - 03
  • Sweeper - 03
  • Computer Operator - 06
  • Sanitary Worker - 01
  • Examiner - 02
  • Reader - 01 
  • Driver - 01
  • Massager - 09


Salary and Grade Pay For Post

For computer operator posts:  Salary will be Rs 20,600 - 65,500/month

For senior bailiff, examiner, reader and driver posts:  Salary will be Rs 19,500 - 62,000/month

For Junior bailiff posts:  Salary will be Rs 18,500 - 58,600/month

For xerox machine operator post:   Salary will be Rs 16,600 - 52,400/month

For all remaining posts:  Salary will be Rs 15,700 - 50,000/month


Age Limit: 

Candidate age must lie between 18 to 30 years.

consumer complaint online forum
only for advertisement purpose


Educational Qualifications: 

Candidates have done 10th (matriculation)/ 12th, a graduate degree in computer science/ computer applications or its equivalent/relevant/higher qualification from a recognized board or university. If you are not graduated then, click here for 10th and 12th based jobs.


Selection Method: 

For District Court recruitment, the candidate will be selected on the performance basis of the written exam. Shortlisted candidate will go for the personal interview round. If you are going to apply for these posts of District Court Recruitment 2019 then must prepare for these exams.


Require Experience: 

No experience required for these posts, fresher candidates also apply for these posts of District Court Recruitment 2019.



How To Apply: 

All eligible and interested candidate can download an application form from the official website of district court districts.ecourts.gov.in, you can also through following given link:

Candidate have to take a printout of application form.  After printout, the candidate must have filled the form and to send will require documents along with needed / relevant /required testimonials (which is mentioned in detailed advertisement) superscribing the envelope "Application for the post of 'Name of Post' " to the given desired address.


Address:

The Principal,
District and Sessions Court,
Perambalur District - 621212

Last date for application: 21-01-2019


Application Fee: 

No application fee required for any category for any kind of candidates.

Important Note - Application forms received after due date will not be entertained under any circumstances. Incomplete or late applications without enclosures will summarily be rejected without any reasons and correspondence. Therefore application forms must reach before the last date. Belated/Incomplete applications are liable to be rejected.

Click Here for District Court Recruitment 2019 Detailed Advertisement and Application Form


Content source and all credit goes to jobsgovind


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Monday, 7 January 2019

एलांते शॉप ने कैर्री बैग के लिए पैसे मांगे, भरना पड़ा जुर्माना| (Elante Shop Charge For Carry Bag, Pay Fined - Chandigarh Consumer Case)

consumer forum India
चंडीगढ़ (Chandigarh): जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (District Consumer Dispute Redressal Forum) ने एलांते मॉल (Elante Shop) में एक दुकान को, एक दंपति को कैरी बैग के लिए 5 रुपए रिफंड करने और 13,000 रुपये  क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिसमें से 10,000 रुपये उपभोक्ता के द्वारा कानूनी खर्च भी शामिल है | 

फोरम (Forum) ने पाया कि सीधे साधे उपभोक्ता को कागज के बैग के लिए पैसे लेना सेवा और अनुचित व्यापार अभ्यास में कमी को दर्शाता है | 

पंकज चांदगोठिअ और उनकी पत्नी संगीता चांदगोठिअ, सेक्टर २८ के निवासी ने लाइफस्टाइल स्टोर (LifeStyle Store) से कुछ सामान  खरीदा था | बिलिंग काउंटर पर, कैशियर ने उन्हें बिना कैर्री बैग के ही सामान दे दिया | जब उन्होंने कैर्री बैग की मांग की तब कैशियर ने 5 रुपये उनसे देने को कहा | दम्पति ने कहा कि आपने कही पर भी ये नहीं बताया है कि आप कैर्री बैग के भी पैसे लेंगे | लेकिन केशियर ने 5 रुपये देने के लिए कहा | कोई विकल्प नहीं होने पर उन्हें 5 रुपए का भुगतान किया | दुकान पर सेवा और अनुचित व्यापार अभ्यास में कमी का आरोप लगाते हुए दंपति ने उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) में शिकायत दर्ज (Complaint File) कराई | 

हाथ में आइटम नहीं ले जा सकते: अदालत (Court)

दूसरी ओर, स्टोर की ओर से दलील दी गई कि प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिबंध के बाद, उन्होंने कागज के बैग खरीदे, जो प्लास्टिक वालों की तुलना में महंगा है और भुगतान करने पर ग्राहकों को उन्हें उपलब्ध कराना शुरू किया | उन्होने दलील में दावा किया कि वह आइटम के साथ कोई भी कैर्री बैग देने के लिए कानूनी तोर पर बाध्य नहीं है | फोरम (Forum) ने देखा, "इस पृष्ठभूमि में, इस तरह की चीजों के आरोप (पेपर बैग) अलग से उपभोक्ताओं पर थोपा नहीं जा सकता है और यह सिर्फ ज्यादा वसूलने की राशि होगी","...कोई भी ग्राहक से यह उम्मीद नहीं की जाती है वह खिड़ी हुई वस्तु को अपने हाथ में ले जायेगा " उसके बाद फोरम (Forum) ने यह कहा |  फोरम (Forum) ने सभी स्टोर को आदेश दिया कि सभी ग्राहकों को सामान के साथ मुफ्त में कैर्री बैग दिए जाये और शिकार हुए उपभोक्ता को 5 रुपये वापस दिए जाये, और 1500 रुपये मानसिक उत्पीड़न और 1500 रुपये कानूनी खर्च (Legal Expenses) के लिए उपभोक्ता को दिए जाये और उपभोक्ता कानूनी सहायता खाता (consumer legal aid account) के 10,000 रुपये जमा किये जाये |

Content Source: TOI

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Thursday, 3 January 2019

मैगी में था लेड, लगेगा 640 करोड़ का जुर्माना (Supreme Court revives Centre's Rs. 640 crore class action against Nestle in Maggi noodles case)

कोर्ट ने नेस्ले के खिलाफ कार्रवाई को दी मंजूरी 

नई दिल्ली (New Delhi) : खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मैगी में लेड (सीसा) होने की बात स्वीकार कर ली है | साथ ही राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (NCDRC) में 640 करोड़ रुपवाये हर्जाना की मांग को  लेकर सरकार की ओर से दर्ज कराए गए मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को नेस्ले इंडिया (Nestle Indiaके खिलाफ आगे की कार्रवाई की इजाजत दे दी | मामला तीन साल से कोर्ट में लंबित था | 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में मैसूर के केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) की रिपोर्ट कार्यवाही का आधार होगी | इसी संस्थान में मैगी के नमूनों की जाँच की गयी थी | उपभोक्ता मामलो मंत्रालय (consumer affair ministry) ने 2015 में तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून (Consumer Protection Law) के एक प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए नेस्ले इंडिया (Nestle India) के खिलाफ एनसीडीआरसी (NCDRC) में शिकायत दर्ज (complaint file) कराई थी | सरकार ने कथित अनुचित व्यपार तरीके अपनाने, झूठी लेबलिंग व भ्रामक विज्ञापनों को लेकर 640 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है |

पहली बार: यह पहली बार है कि जब सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) की धारा 12-1-डी के तहत कार्रवाई की है | इसके तहत केंद्र ओर राज्य दोनों के पास शिकायत दर्ज करने का अधिकार है | एनसीडीआरसी (NCDRC) के तहत दायर याचिका में उपभोक्ता मामलों (consumer affair) के मंत्रालय (ministry of consumer affairs) ने आरोप लगाया था की मैगी नूडल्स (Maggi Noodles) के स्वास्थवर्धक होने ("टेस्ट भी, हैल्थी भी") का दावा कर नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने उपभोक्ताओं को गुमराह किया |  


     

किडनी खराब कर सकता है लेड का सेवन 

डॉक्टरों के मुताबिक, लेड सेहत के लिए खतरनाक है | इसके अधिक सेवन से किडनी ओर नर्वस सिस्टम ख़राब हो सकता है | तय मानक के अनुसार किसी फ़ूड प्रोडक्ट में लेड की मात्रा 2.5 पीपीएम तक होनी चाहिए, लेकिन मैगी के नमूने में मात्रा काफी अधिक थी |  



Content Source: cutting of Amarujala Newspaper



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Wednesday, 2 January 2019

पुणे उपभोक्ता फोरम ने भविष्य आयुक्त को शिकायतकर्ता को 25,000 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया| (Pune consumer forum directs provident commissioner to pay Rs 25,000 to complainant)

consumer complaint
Pune Maharashtra: पुणे जिला उपभोक्ता निवारण फोरम (Pune District Consumer Dispute Redressal Forum) ने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (Regional Provident Fund Commission) को निर्देश दिया है कि वह आदेश जारी करने की तिथि से आठ सप्ताह के भीतर शिकायतकर्ता (complainant) को Rs25, 247 का भुगतान करे और उसे क्षतिपूर्ति व कानूनी लागत के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है | इस मामले में शिकायतकर्ता (complainant) की पहचान संतोष दत्तात्रय आहेर के रूप में हुई है |

आहेर ने फोरम (Forum) में दिनांक 18 मई, 2018 को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि वह अगस्त 2004 से जून 2007 तक मैसर्स/एस किर्लोस्कर ऑइल इंजन्स लिमिटेड खड़की में काम कर रहा था | अपनी सेवा की अवधि के दौरान, भविष्य निधि (पीएफ) की राशि नियमित रूप से उसके वेतन से कट रही थी | 2007 में अहेर ने Kirloskar Oil Engines Ltd कागल प्लांट, कोल्हापुर (Kolhapur) में नौकरी करना शुरू कर दिया |  तद्नुसार कंपनी ने पीएफ खाते के स्थानांतरण के लिए आवेदन किया लेकिन दोहराया गए अनुरोध और व्यक्तिगत रूप से कहने के बावजूद पीएफ शाखा ने पीएफ खाते का स्थानांतरण नहीं किया | 

2010 में, अहेर ने कंपनी में इस्तीफा दिया और 2011 में  Force Motors Ltd अकुर्दि (Akurdi) में नौकरी की शुरुवात की | फिर से उसने पीएफ एकाउंट के ट्रांसफर के लिए आवेदन किया लेकिन पीएफ ऑफिस (PF Office) उसका अकाउंट ट्रांसफर करने में नाकाम रहा | इसलिए, आहेर ने यह स्थानांतरण होने के बजाय पीएफ राशि वापस लेने का निर्णय लिया और एक हलफनामा दायर किया जिसका प्रभाव 19 मई, 2015 तक था |  उनके आहरण आवेदन पत्र (Withdraw Application Letter) को पीएफ कार्यालय (PF office) द्वारा इस बात का उल्लेख करते हुए अस्वीकार कर दिया गया था कि आहेर के पीएफ खाते का मामला पहले से ही सुलझा लिया गया था और उनके पीएफ का ट्रांसफर खाते कोई MH/120356 116 जो कि आहेर से संबंधित नहीं था | बाद में शिकायतकर्ता (complainant) ने पीएफ कार्यालय (PF Office) को 24 नवंबर, 2016 को एक पत्र के माध्यम से अपने खाते के संबंध में आवश्यक कार्य करने का अनुरोध किया | पीएफ कार्यालय (PF Office) ने कहा कि उनके दावे का निपटारा कर दिया गया है |  

सेवा में कमी के कारण, आहेर ने मामला दायर किया और 1, 07000 रुपये की वापसी 9 प्रतिशत ब्याज के साथ साथ 75,000 रुपये का मुआवजा और 25000 रुपये की लागत के रिफंड के लिए दावा किया |

इसके उपलक्ष्य में पीएफ कार्यालय (PF Office) ने यह स्वीकार किया कि आहेर के बही खाते में कुछ शेष राशि थी और ब्याज के साथ उसी को अपडेट करके उसे वापस कर दिया जाएगा । तदनुसार फोरम (Forum) ने आदेश पारित किया |

Content Source: hindustaintimes


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Tuesday, 1 January 2019

खाली स्नैक पैकेट के लिए पेप्सिको को 60,000 रुपये देने पड़े (Empty snack pack costs PepsiCo Rs 60,000)

image source: timesofindia.indiatimes
चंडीगढ़ (Chandigarh) :  चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (Chandigarh District Consumer Dispute Redressal Forum) ने पेप्सिको को एक खाली स्नैक पैक बेचने के लिए 60,000 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है | 

सारंगपुर गांव के एक निवासी द्वारा दायर याचिका (petition) के मद्देनजर, फोरम ने पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (Pepsico India Holding Private Limited) को कुरकुरे मसाला मंच (Kurkure Masala Munch) के एक खाली पैकेट के निर्माण के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000 रुपये देने को कहा है | उन्होंने आगे शिकायतकर्ता (complainant) को न केवल नुकसान और मानसिक व्यथा के कारण के लिए बल्कि अवांछनीय मुकदमेबाजी को जंम देने के लिए "उपभोक्ता कानूनी सहायता खाते" में 50,000 रुपए जमा करने के निर्देश दिए | 


शिकायतकर्ता (complainant) दीपक नागर ने अपनी शिकायत (complain) में आरोप लगाया था कि 23 मार्च 2017 को वह अपने परिवार के साथ मनीमाजरा में अपनी चाची के घर गए थे, जहां पर उसका नाबालिग बेटा अन्य बच्चों के साथ-साथ एक दुकान पर गया और कुछ खाद्य सामग्रियों खरीदा, जिसमें कुरकुरे (Kurkure) के तीन पैकेट भी शामिल थे | जब उसका बेटा खोलने के लिए कुरकुरे (kurkure) का एक पैकेट लाया, तो नगर को शक हुआ कि न केवल पैकेट का वजन बहुत कम था बल्कि पैकेट के अंदर से नाश्ते के लिए कोई आवाज भी नहीं आ रही थी | सत्यापन करने पर शिकायतकर्ता (complainant) ने पाया कि पैकेट के अंदर नाश्ता नहीं था | शिकायतकर्ता (complainantने जब ये बात उक्त दुकानदार को बताया, तो दुकानदार ने किसी भी प्रकार कि जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया उन्होने कहा मुझे जैसे पैकेट मैन्युफैक्चरर से  मिले थे मैने वैसे ही आपको दे दिए है | 

पैकेट के निर्माण में पेसिको (Pepsico) ने कहा कि ये पैकेट निर्माता के द्वारा नहीं नहीं बनाया गया है |  यह दावा किया गया था कि पेप्सीको (Pepsico) अपने सभी संयंत्रों में गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता के उच्चतम स्तरों को बनाए रखता है और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए निर्धारित सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करता है | 

मंच (Forum) के आदेश पर, पैकेट को विश्लेषण के लिए चंडीगढ़ में एक खाद्य विश्लेषक को भेजा गया | रिपोर्ट में कहा गया है कि "खोलने पर, पैकेट खाली होना पाया गया (किसी भी खाद्य लेख से युक्त नहीं)"| रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि पैकेट कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था | फोरम (Forum) इस प्रकार कंपनी के दावे को खारिज कर दिया कि यह पेप्सी-कं द्वारा निर्मित नहीं किया गया था | 

फोरम (Forum) ने अपने आदेश में यह भी कहा कि घटना से यह साबित होता है कि कंपनी उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देती है, जिसे मुख्य रूप से बच्चों द्वारा खाया जाता है |

Content source: timesofindia.indiatimes

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