Monday, 29 April 2019

Chandigarh Consumer Case - Consumer Forum Ordered Insurance Company To Pay Rs.25000 As Compensation (77 वर्षीय बुजुर्ग का मेडिकल दावे के निपटाने में हुई देरी, Insurance Company को पड़ी भारी)

चंडीगढ़ (Chandigarh): District Consumer Disputes Redressal Forum ने एक बीमा कंपनी United India Insurance को निर्देश दिया है कि वह अपनी बीमा पॉलिसी के निबंधन एवं शर्तों के अनुसार क्लेम का निपटारा नहीं करने के लिए सेक्टर 37, Chandigarh के निवासी को क्षतिपूर्ति के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान करे |  

77 वर्षीय शिकायतकर्ता (complainant), राजिंदर कुमार मल्होत्रा ने अपनी याचिका में forum को बताया कि ने Forum को बताया कि उन्होंने 15 अक्टूबर, 2015 में ओवरसीज मेडिकल पॉलिसी (overseas medical policy) ली थी | जोकि अक्टूबर 19, 2015 से मार्च 6, २०१६ तक वैध थी जिसकी प्रीमियम के लिए उन्होंने 26,910 रुपये दिए थे | 

अक्टूबर 19, 2015 को वह Australia के लिए रवाना हुए थे | 10 दिनों के बाद वह बीमार पड़ गए थे, जिसके लिए उन्होंने डॉक्टर से नवंबर 2, 2015, संपर्क किया और डॉक्टर ने उन्हें कुछ मेडिकल जांचो (Tests) की सलाह दी | 

मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद डॉक्टर ने उनको भर्ती होने की सलाह दी क्योकि उनके खून में सोडियम की मात्रा काफी कम हो गयी थी | शिकायतकर्ता (complainant) ने कहा कि वह 3  दिन और 2 रात वहा पर भर्ती रहे और वहा पर X-Ray, ECG और कई अन्य तरह की जाँच हुई | उन्हें 5 नवंबर, 2015 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था |  
   
उन्होंने Consumer Forum को बताया कि उनके इलाज पर 3.07 लाख रुपये खर्च किए गए | बाद में, उन्होंने उन्होंने एक Forum के समक्ष परिवाद दायर किया, जिसका निपटारा इस मई 17, 2017, जिसमे कंपनी को यह  निर्देश दिया गया कि वह आदेश में दिए गए तरीक से एक महीने पहले दावों को निपटारा करे |  

उन्होंने बताया कि कंपनी ने बिना किसी ब्याज के 28 जुलाई 2017 में 3.05 लाख रुपये का क्लेम जारी किया | जिसमे शिकायतकर्ता (complainant) ने यह भी कहा कि वह November 03, 2015 से  April 12, 2018 तक के लिए वह Rs 1.79 लाख रुपये के भी हकदार थे |  

कंपनी ने अपने जवाब में बताया कि क्लेम का निपटारा कर दिया गया है और 3.05 लाख रुपये पूर्ण और अंतिम समझौते की राशि $100 काट कर वापस कर दिए गए है |

दोनों पक्षों को सुनने के बाद, Consumer Forum ने माना कि शिकायतकर्ता (complainant) कि क्लेम को निपटारे में देरी हुई है जिसके कारण शिकायतकर्ता को जिसकी वजह से उन्हें मानसिक व्यथा से गुजरना पड़ा साथ ही साथ उन्हें कानूनी कार्यवाई के लिए खर्च भी करना पड़ा जिसके लिए उन्हें मुआवजे के तोर पर 25,000 रुपये दिए जाये | हालंकि Forum शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए ब्याज की दलील को ठुकरा दिया |

Content Source: TOI



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Friday, 26 April 2019

Consumer court के निर्देश पर, Bata India कंपनी को देने पड़े 9003/- रुपये /-


Chandigarhक्या कोई तीन रुपये के लिए किसी से लड़ाई करेंगे या फिर Consumer Court तक चले जायेंगे, ज्यादातर लोग नहीं जाते है | चंडीगढ़ के दिनेश प्रसाद रतोड़ि ऐसे लोगो में से नहीं है | उन्होंने तीन रुपये के लिए Consumer Court  में केस दर्ज किया और बदले में उनको मिले 4003 रूपये |

कुछ ही दिन पुरानी न्यूज़ में हमे ऐसा पता चला है कि दिनेश प्रसाद रतोड़ि एक BATA के शोरूम से, Chandigarh में जुटे के शॉपिंग कर रहे थे | Shoes उन्होंने खरीद लिए, जब shoes को बिल बना तो 3 रुपये अलग से एक पेपर बैग के जोड़े गए | उस पेपर बैग पर Bata का Logo भी बना हुआ था | दिनेश प्रसाद ने सरल सा एक सवाल किया शोरूम वालो से की मैं carry bag के लिए 3 रुपये क्यों भुगतान कर रहा हूँ, आज तक किसी शोरूम ने पेपर बैग और carry bag के पैसे नहीं लिए, तो आप क्यों ले रहे है, खासतौर पर ऐसा बैग जिसपर BATA की ही ब्रांडिंग है | आप Consumer के पैसे से ही आप अपनी branding क्यों कर रहे है | जब शोरूम ने वह तीन रुपये वापस करने से मना कर दिया, तो दिनेश प्रसाद ने वह मामला वही ख़तम होने नहीं दिया | उन्होने Consumer court मे complaint file की | 

Consumer court मामले की सुनवाई के बाद BATA  को निर्देश दिया कि वह 3 रुपये तो उनको वापस करे ही, साथ ही साथ सेवाओं मे कमी होने के कारण हुई उपभोक्ता को मानसिक व्यथा के लिए 3,000 रुपये मुआवजे के रूप मे और 1000 रुपये कानूनी लगत के लिए अदा करे | 

इतना ही नहीं Consumer Court ने Bata को यह भी आदेश दिया कि वह 5,000 रुपये Legal Aid Of State Consumers Disputes Redressal Commission मे जमा करे | 

इस केस से हम आपको यह बताना चाहते है कि आपके आस पास ऐसे कई Unfair Trade Practice (अनुचित व्यापार अभ्यास) होते है, पर हम आम लोग ऐसे अभ्यास को नजरअंदाज कर देते है | लेकिन आपका नजरअंदाज करना इस तरह के अभ्यास को बढ़ावा देना होता है | 

अगर आप भी किसी कंपनी की किसी भी प्रकार की सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो आप जवाब मांग सकते है और जवाब न मिलने पर आप भी आवाज उठा सकते है | आप अपनी उपभोक्ता शिकायत को ऑनलाइन Voxya Consumer forum मे दर्ज करके उचित समाधान प्राप्त कर सकते है |   

Thursday, 25 April 2019

Protection Of Children From Sexual Offenses Act (POCSO Act in Hindi)

POCSO का पूरा नाम है The Protection Of Children From Sexual Offenses Act, यह खास कानून सरकार ने 2012 में बनाया था, जोकि पूरे भारत में लागू होता है | इस कानून के जरिये नाबालिग बच्चो के साथ होने वाले sexual offenses और छेड़छाड़ के मामले में कार्यवाई की जाती है | यह एक्ट बच्चो को Sexual harassment, Sexual assault, pornographic जैसे गंभीर अपराध से सुरक्षा प्रदान करता है |

वर्ष 2012 के बनाये गए इस क़ानून के तहत अलग अलग अपराध के लिए अलग अलग सजा तय की गयी है |

पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि मामले को 24 घंटो के अंदर अंदर Child Welfare Commitee के निगरानी में लाये ताकि CWC बच्चे की security and protection के लिए सही कदम उठा सके | इस कानून में बच्चे की मेडिकल जाँच के लिए भी प्रावधान है, जो कि बच्चे लिए कम से कम कष्टदायक हो | मेडिकल जाँच बच्चे के माता पिता या फिर ऐसे व्यक्ति के सामने होनी चाहिए जिसपर बच्चे का विश्वास हो | अगर शिकार अगर लड़की हो तो उसकी जाँच महिला डॉक्टर के द्वारा ही की जानी चाहिए |

इस तरह के case सुनवाई बंद कमरे में किये जाने का प्रावधान है और इस दौरान बच्चे की पहचान को गुप्त रखना भी जरूरी है | Special Court उस बच्चे को दिए जाने वाली मुआवजे की राशि को भी तय कर सकती है |

POCSO ACT सजा का क्या प्रावधान है ?

  • 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के करने पर मौत की सजा होंगी | 
  • 16 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप करने पर कम से कम 10 साल या फिर 20 साल की सजा होंगी |
  • अगर अपराधी ने कुछ ऐसा अपराध किया है जो कि बाल अपराध कानून के अलावा किसी दूसरे कानून में भी अपराध है तो अपराधी को सजा उस कानून में होंगी जिसमे सजा सबसे सख्त हो |
Content source & all credit goes to Ishan LLB



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Consumer Forum Orders Travel Firm To Pay 30K For Spoiling Family's Trip - MakeMyTrip Complaint Resolved


चंडीगढ़ (Chandigarh)District Consumer Disputes Redressal Forum ने MakeMyTrip India Pvt. Ltd. को निर्देश दिया कि वह 6 सदस्यों के परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 5,000 रुपये मुआवजे के साथ साथ 20,000 रुपये कानूनी लगत को सेवाओं में कमी के लिए अदा करे | 

Consumer Forum में की गयी शिकायत में संदीप अरोड़ा और उसके परिवार के पांच अन्य सदस्यों जोकि सेक्टर 33, चंडीगढ़ के निवासी है, उन्होंने अपने शिकायत को Consumer Forum में करते हुए कहा कि उन्होंने accommodation (सुविधा) की फोटो को MakeMyTrip की वेबसाइट पर देख कर उन्होंने 4 से 5 जून, 2018 तक, जोशीमठ के टोटवा रिसॉर्ट में, 5 से 7 जून तक बर्डसांग में और उससे आगे खुले आकाश, पोखरी, और 7 से 8 जून तक उत्तराखंड में वी रिसॉर्ट्स कैम्प, लैंसडाउन के साथ अपने प्रवास को अंतिम रूप दिया |  उन्हें MakeMyTrip पर रिसॉर्ट्स की बुकिंग की  पुष्टि (confirm) मिल गया | 


Travel Firm द्वारा किए गए ऑनलाइन क्लेम के अनुसार, complainants को यह बताया गया कि जोशीमठ से पोखरी की दूरी 41.5 km है जबकि वास्तव में यह दूरी 41.5 km की बजाय 117 km थी जिसमें कई घंटे का सफर होता है | थकावट भरी यात्रा करने के बाद, जब शिकायतकर्ता खुले आसमान से जब बर्डसांग पहुंचे तो वे मैनेजर से यह जानकर चौंक गए कि 5 से 7 जून तक उनके लिए कोई बुकिंग नहीं हुई और MakeMyTrip को पहले से ही कमरे की अनुपलब्धता के बारे में सूचित किया गया है | शिकायतकर्ताओं ने Travel Firm से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ | इस तरह की मजधार में पडने पर, शिकायतकर्ताओं को अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ आधी रात में वही पर रुकना पड़ा | 

V Resorts, Lansdowne पहुंचने पर, शिकायतकर्ताओं को पता चला यह घटिया व्यवस्था थी जिसकेलिए उन्होंने संपर्क नहीं किया था | Car Parking करने के बाद उन्हें नदी के पानी में उतर कर जाना पड़ा | आवास और सुविधा के नाम पर उन्हें फटे टेंट उपलब्ध कराया गया था, जिसमें टेबल फैन और कम वाट का बल्ब था | कोई भी संलग्न वॉशरूम नहीं था | शौचालय गंदे और सभी मेहमानों के लिए आम थे | 

इस मामले की जानकारी MakeMyTrip को दी गई | बुकिंग की पूरी रकम को वापस करने के बजाय Firm ने केवल 14,838 रुपये चुकाए | अपने जवाब में MakeMyTrip ने कहा कि उसने शिकायतकर्ताओं के लिए वैकल्पिक रहने की सुविधा तलाशने के लिए अपने स्तर पर भरसक प्रयास किया गया |  

दलीलें सुनने के बाद Consumer Forum ने निष्कर्ष निकाला कि यह सेवा में कमी का स्पष्ट मामला है | इसके तहत छह शिकायतकर्ताओं को मुआवजे के रूप में 5,000 रुपये 20,000 का भुगतान करने का निर्देश दिया गया | 

Content source: TribuneIndia



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Tuesday, 23 April 2019

Labour Court Me Shikayat Kaise Karen (कंपनी अगर आपको नौकरी से निकाले तो जानिए Labour Court में कैसे जाये |)

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जब हम किसी कंपनी या फैक्ट्री में काम करते है तो कुछ कंपनी ऐसा भी होता है कि किसी कर्मचारी को सैलरी नहीं दिया गया और उसको ऐसे ही नौकरी से निकाल दिया गया | तो उस स्थिति में एक ही चारा होता है  कि वह Labour Court में जाये |

आजकल हर परिवार में कोई न कोई सदस्य किसी तरह की जॉब या फिर किसी बिज़नेस पर पूरी तरह निर्भर है | हर कोई पढ़ने के बाद अच्छी से नौकरी की तलाश करता है | बहुत ही कम लोगो को अच्छी नौकरी मिल पाती है, जिन लोगो को अच्छी नौकरी मिल भी जाती है तो इसका मतलब यह नहीं है की वह उसके खुश है |      

एक सफाई कर्मी से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर तक लोग अपनी जगह परेशान है | परेशान इसलिए है क्योकि उनको किसी न किसी रूप में शोषण हो रहा है | चाहे वह काम के घंटे को लेकर हो, या फिर सैलरी को लेकर हो या फिर बॉस की मनमानी को लेकर हो | अगर आपसे कोई भी कंपनी आपके ऑफिस टाइम के अतरिक्त समय ले रहा है काम कराने के लिए और आपको अतरिक्त पैसे नहीं दे रहे है तो वह आपका एक तरह से शोषण कर रहे है | कभी कभी कंपनी में लोग कहते है कि जाने का समय तय है पर आने का नहीं, ऐसे में आपसे अधिक घंटे काम करते है और उसके लिए अतरिक्त पैसे या राशि नहीं देते है | सभी जगह पर तो नहीं पर कुछ जगह पर लोगो को बॉस की चमचागिरी भी करनी पड़ती है जैसे की कभी कभी वह आपने घर का काम भी करवा लेते है | अगर कोई मना कर देता है तो उसको सीधे बहार का रस्ता दिखाया जाता है | 

इस तरह का शोषण न केवल पुरुष कर्मचारी बल्कि महिला कर्मचारी के साथ भी होता है | कुछ लोग इन चीजों को चुपचाप बर्दास्त करते है जो की एक तरह से गलत है | गलत इसलिए है क्योकि अगर आप नहीं कुछ कहते है तो जो अगला गलत कर रहे उसके हिम्मत को बढ़ावा देते है इतना ही नहीं अगर आप उस काम को छोड़ कर कही और जाते है और कोई दूसरा आता है तोउसको भी आपके जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है |

कुछ लोग ऐसे होते है जो इसका विरोध करते है और उनको नौकरी से निकाल दिया जाता है | अगर आपको लगता है की आपको बिना पहले सूचित किये और बिना किसी वजह के अचानक से नौकरी से निकाल दिया जाये तो आप क्या कर सकते है | 

इसके लिए आप Labour Court में जा सकते है | लेकिन आप सीधे Labour Court में नहीं जा सकते है |  

इसके लिए सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि Central Government के कर्मचारी है या फिर State Government के, अगर आप Central Government के कर्मचारी है तो उसके लिए जो regional level commissioner है उनके पास आपको जाकर लिखित शिकायत दर्ज करनी होंगी | अगर आप State Level के कर्मचारी है चाहे आप सरकारी हो या फिर किसी प्राइवेट कंपनी, या फिर होटल या फिर किसी छोटी दुकान के कर्मचारी उसके लिए आपको State Labour Commissioner  का office वहा पर आपको लिखित शिकायत करनी होंगी | आपको एक सादे कागज में शिकायत लिख कर वहा प्राप्त (receive) कराएँगे | आपके शिकायत देने के बाद कमिश्नर आपके ऑफिस को एक नोटिस भेजते है और उन्हें उपस्थिति होने के लिए कहते है आपके ऑफिस रिकॉर्ड के साथ, उसका एक कॉपी आपको भी मिलता है दोनों कंपनी को और आपको दोनों को एक ही दिन वहा पर उपस्थित होना पड़ता है | उस समय आपको सरे दस्तावेज लेकर जाने होते है जिसमे लिखा होता है कि आपको नौकरी से निकाला जा रहा है |  Labour Commissioner आपके और कंपनी के प्रतिनिधि दोनों के पक्ष को सुनते है और पक्ष को सुनने के बाद, उसको लिखित में रिकॉर्ड में लिया जाता है और दोनों के विवाद को सुलझाने कि कोशिश की जाती है | अगर विवाद नहीं सुलझता है तो खुद ही Labour Court में भेज देते है | कभी कभी इसमें 6 महीने लग जाते है तो कभी कभी इसमें 1 वर्ष भी लग जाता है | अगर 45 दिन हो चुके है और कंपनी विवाद को नहीं सुलझाना चाहता है तो आप कमिश्नर से अनुरोध करके उसको Labour court में ले जा सकते है | Labour Court में जाने के बाद आपकी पेशी होंगी और आपके मुक़दमे की शुरुवात भी होती है | 


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Monday, 22 April 2019

Consumer Fraud on OLX - Consumer Complaints At Voxya (जानिए किस तरह के फ्रॉड OLX के माध्यम से लोग कर रहे, सच्ची घटना पर आधारित | )

online fraud

जानिए किस तरह के फ्रॉड OLX के माध्यम से लोग कर रहे, सच्ची घटना पर आधारित |  

पहला Fraud इस तरह का है की एक व्यक्ति को mobile phone की जरूरत थी Institute के लिए तो उस व्यक्ति ने OLX सर्च किया वहा पर उसे IPhone 6 दिखा जिसकी कीमत थी 11,000 रुपये | जिस व्यक्ति ने विज्ञापन डाला था उससे व्यक्ति ने कॉल किया और उससे पूछा क्या ये उपलब्ध है | उसने कहा, हाँ उपलब्ध है | जब व्यक्ति ने कहा कि वह मोबाइल उसे चाहिए तो विज्ञापन वाले व्यक्ति ने कहा कि मैं Punjab से हूँ | लेकिन व्यक्ति ने कहा कि में Delhi से हूँ | तो विज्ञापन वाले व्यक्ति ने कहा कि मैं आप पोस्ट के माध्यम से आपको भेज सकता हूँ | तो जो खीरदना चाहता था उसने कहा एक फोटो और एक वीडियो फ़ोन का बना कर whatsapp पर भेज दीजिये | उसने सभी फोटो और वीडियो को भेज दिया | इसके साथ ही उसमे अपना आधार कार्ड भी भेज दिया और कहा कि मैं एक सिख हूँ और सिख कभी झूठ नहीं बोलते और मैं बहुत ईमानदार हूँ | इस तरह कि बहुत सारी चीजे बताई | इसके बाद उसने एक बॉक्स कि फोटो भेज कर कहा कि में कूरियर करने जा रहा हूँ और आपको स्लिप दूंगा | कूरियर के बाद उसने एक स्लिप दी | उसने कहा में कूरियर कर दिया है अब आप आधी payment कर दीजिये | जो फ़ोन खरीद रहा था उसने कहा कि जब फ़ोन मेरे पास आ जायेगा तभी मैं पूरी payment करूँगा | उसके कहा चलिए मुझे एक हज़ार रुपये ही भेज दीजिये | जब खरीददार ने कूरियर स्लिप पर दिए गए नंबर को online track किया | तो उसका कोई रिकॉर्ड नहीं था | तब खरीददार ने कहा जब फ़ोन मिल जायेगा तभी मैं payment कर पाऊंगा | तब उसने कहा मैं जा रहा हूँ अपना कूरियर वापस लेने | तभी खरीददार को लग गया कि यह एक Fraud है क्योकि आप किसी भी चीज को कूरियर कर देते है तो आप उसको वापस नहीं ले सकते है | दूसरी वजह वह सिर्फ एक हज़ार रुपये advnace ले रहा था | जब खरीददार ने तुम एक Fraud हो मैं तुम्हारी complaint पुलिस में करूँगा तभी विज्ञापन देने वाले व्यक्ति ने खरीददार को ब्लॉक कर दिया | लेकिन खरीदार ने उसके विषय में जानकारी पुलिस को दे दी थी |

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दूसरा OLX Fraud कुछ इस तरह का है कि एक व्यक्ति एक DSLR Camera को बेचने के लिए OLX पर एक Ad डाला तो किसी दूसरे व्यक्ति ने पहले व्यक्ति की DSLR की फोटो और उसका बिल लेकर एक नया Ad डाला OLX पर | जिसकी कीमत उस व्यक्ति ने बहुत की कम 15,000 रुपये डाला | जो भी उससे खरीदने के लिए बोलता तो वह यह बात बोलता की मैं आर्मी में हूँ और यह मेरे भाई का कैमरा है जिसे में मजबूरी में 15,000 में बेच रहा हूँ | अगर आपको यह camera चाहिए आप मुझे 15,000 रुपये भुगतान कर दीजिये में आपको पोस्ट के माध्यम से आपके पास यह camera पंहुचा दूंगा | यह बात  कैमरे के मालिक को तब पता चली जब उसको कई लोगो ने कैमरे की रसीद पर लिखे नंबर पर फ़ोन किये, camera खरीदने के लिए, जिसको को दूसरा व्यक्ति बेच रहा था | लगभग 7 दिनों में ऐसी ही 12 लोगो की कॉल आई जिन लोगो ने यह पूछा कि क्या आप 15,000 DSLR कैमरा बेच रहे है | मना करने पर पता चलता कोई आर्मी वाला इस DSLR को 15,000 रुपये में बेच रहा है |

OLX ने आपने दिशानिर्देश को जारी कर रखा है कि आप जिससे भी मिलो एक सुरक्षित जगह पर मिलो और जब तब आपको पैसे न मिल जाये आप उनको प्रोडक्ट न भेजे | यहाँ पर आप सुरक्षा के लिए एक बात हमेशा ध्यान रखिये चाहे कुछ भी हो जाये, आपको इस नियम को नहीं तोडना है | 

  • अगर आप कोई प्रोडक्ट सेल कर रहे है तो जब तक आपको पैसे न मिल जाये आप उसको प्रोडक्ट न दीजिये |
  • अगर आप कोई प्रोडक्ट खरीद रहे है तो तब तक आप पैसे मत दीजिये जब तक आपको प्रोडक्ट न मिल जाये | 

सबसे ज्यादा सुरक्षित आपके लिए यह रहेगा की आप खुद उस व्यक्ति से मिले और और तुरंत पैसे दे और तुरंत सामान ले | पोस्ट के माध्यम से सामान लेने आजकल काफी Fraud देखने को मिल रहे है | 


अगर आपकी किसी भी प्रकार की उपभोकता शिकायत है तो आप Voxya ऑनलाइन कंस्यूमर कंप्लेंट फोरम में शिकायत करके समाधान प्राप्त कर सकते है|

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Friday, 19 April 2019

Ahmedabad Consumer Court Case: Shopping site asked to pay refund, Flipkart Consumer Complaint Resolved


अहमदाबाद (AHMEDABAD): Consumer Court ने online shopping website Flipkart को ग्राहक के पैसे लौटाने और 5000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट (online shopping website) से कुछ सामग्री खरीदी थी और बाद में वापस कर दिया था लेकिन उसको पैसे वापस नहीं किये गए थे | 

थैलतेज (Thaltej) के रहने वाले विजयसिंह बाफना ने 2017 में Flipkart online shopping website पर 2 trousers और एक बैग का ऑर्डर देकर खरीदा था | यह तीनो चीज उनके घर पर पहुंच गयी थी और Cash on delivery माध्यम से इसका भुगतान भी कर दिया गया था | लेकिन उन्होंने जो सामान खरीदा था वह उन्हें उचित या फिर सही नहीं लगा और उन्होंने ने सामान को वापस कर दिया | उन्हें बताया गया कि 3 दिनों के भीतर उनके 3,473 रुपये उनके बैंक खाते में वापस कर दिए जायेंगे | लेकिन बार बार याद दिलाने पर भी उनके पैसे उन्हें वापस नहीं मिले | 

बाफना ने Consumer Dispute Redressal Forum Ahmedabad district  (Rural) से संपर्क करते हुए कंपनी के खिलाफ consumer complaint की |, जहां पर Flipkart Pvt Ltd ने दावा किया कि वह सिर्फ एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है और जिसने प्रोडक्ट दिया था वह तीसरी पार्टी है, इसलिए राशि वापस करने के लिए कंपनी का दायित्व नहीं था | कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट (online shopping website) द्वारा दिए गए बचाव तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता | इसलिए Court ने आदेश दिया कि वह ग्राहक के पैसे वापस करने के साथ साथ 5,000 रुपये का मुआवजा भी ग्राहक को अदा करे | 


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Thursday, 18 April 2019

बीमा कंपनी को 1 लाख का मुआवजा देना देने का आदेश (Insurance Consumer Complaints - Consumer Forum Ask To Insurance Firm to Pay Rs 1L Compensation - Visakhapatnam Consumer Case)


विशाखापट्टनम (Visakhapatnam): विशाखापत्तनम जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-II (Visakhapatnam District Consumer Dispute Redressal Forum-II) ने एक शिकायतकर्ता को Insurance Claim की पूरी राशि का भुगतान करने में विफल रहने के बाद एक Insurance Company को सेवा में कमी का दोषी ठहराया है | 

Consumer Forum ने Insurance Company को निर्देश दिया कि वह Maxworth Plywoods Pvt Ltd  1,00,000 रुपये का मुआवजा दे,  प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ कार्यकारी और प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के मोहम्मद रहमउद्दीन (शिकायतकर्ता) को दावा राशि 8.01 लाख रुपये, 9% वार्षिक ब्याज के साथ दे और कानूनी लगत के लिए 25,000 रुपये का भुगतान करे |

Maxworth Plywoods के मोहम्मद रहमतउद्दीन ने United India Insurance Company Limited के खिलाफ शिकायत और आरोप लगाते हुए Forum से संपर्क किया और कहा कि उन्होंने आग और विशेष खतरों पॉलिसी एक के साल के लिए 84,663 रुपये देकर 5 करोड़ बीमाकृत राशि के लिए था | 12 अक्टूबर 2014 को चक्रवात हुदहुद (cyclone Hudhud) के कारण काफी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी | Insurance Firm को सूचित करने पर एमडी रहमतउद्दीन को कुल 50 लाख रुपये मिले | इसके बाद उन्होंने Right To Information Act के तहत एक अभ्यावेदन दिया और सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रति प्राप्त की | 


रिपोर्ट में पता चला है कि सर्वेक्षक ने क्लेम की राशि 61.19 लाख रुपये आंकी थी और पॉलिसी की ज्यादतियों को काटने के बाद सर्वेक्षक ने शुद्ध देयता का आकलन कर 58,13,433 रुपये कर दिया | Insurance Firm ने 8,01,433  रुपये का बैलेंस रोक रखा था | हालांकि, Consumer Forum ने बीमा कंपनी के दावों में दोष पाया और उन्हें 1 लाख रुपये के मुआवजे के साथ शेष राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया |

Content source: TOI


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Wednesday, 17 April 2019

PhonePe, Google Pay and PayTm : Which is better for you in hindi?(PhonePe, Google Pay और PayTm में से कौन सा सबसे बेहतर है आपके लिए?)

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PhonePe, Google Pay और PayTm यह तीनो ही UPI को सपोर्ट करते है | यानि आप इन तीनो में अपने Bank Account को लिंक करके बिना किसी charges के कही भी पैसे ट्रांसफर कर सकते है |

इन तीनो में से PhonePe और PayTm में आपको वॉलेट (Wallet) भी मिलता है | जबकि Google Pay में आपको Wallet नहीं मिलता है |

Google Pay: Google Pay Google का अपना एप्लीकेशन है जो पहले Tez नाम से लांच किया गया था और उसके बाद में इसका नाम बदल दिया गया | Google Pay में आपको High Security मिलती है | इसमें fraud होने के सम्भावना न के बराबर होते है | Google Pay में आपको टिकट बुक करने पर, बिजली का बिल बुक करने पर, या राशि ट्रांसफर करने पर काफी ऑफर मिलता है | साथ ही आपको इसमें आपको एक कैश मोड मिलता है जिससे आप किसी भी मर्चेंट को payment कर सकते है | Google Pay में आप एक साथ कई बैंक अकाउंट को लिंक कर सकते है जिसकी वजह से आपके लिए कई bank account संभालना काफी सरल हो जाता है | Google Pay में दो खामिया है, इसमें किसी भी प्रकार का wallet नहीं मिलता है | अगर आप कही से पैसे ट्रांसफर करते है तो वह सीधे आपके बैंक से कट जायेंगे | इसका User Interface थोड़ा कठिन है कुछ लोगो को इसे समझने में समय लग सकता है | 
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PhonePe: PhonePe में आपको काफी सुविधाएं मिलती है | यह UPI को भी सपोर्ट करता है | इसमें आपको wallet भी मिलता है | इसमें आप मोबाइल फ़ोन रिचार्ज करने से लेकर गोल्ड भी खरीद सकते है | इससे आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल का भी भुगतान कर सकते है |  इसमें भी आपको कई तरह के काफी ऑफर दिए जाते है | सुरक्षा के मामले में भी PhonePe काफी अच्छा है | इसमें भी Fraud होने की सम्भावना काफी कम होती है | इसमें आपको Ticket Support और Call Support दोनों मिलते है | यानि आप कोई ट्रांससेशन कर रहे है और वह फ़ैल हो जाता है तो आप इसके माध्यम से संपर्क कर सकते है | 

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PayTm: Paytm में आपको UPI Support, Wallet, और Shopping का विकल्प भी मिलता है | इसमें आप अपने bank account को लिंक कर सकते है और उससे कही भी बिना किसी चार्ज के transaction कर सकते है | Wallet में भी आप राशि जोड़ सकते है | PayTM की security बाकि दोनों से कमजोर है, कई बार आपने इसके डाटा लेक होने की खबरे सुनी होंगी | 

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PhonePe complaint resolved at 
Voxya consumer complaint forum website. It is trusted by more than 15,000 consumers across India.


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Tuesday, 16 April 2019

इंजीनियर ने रेरा में जीती अंसल के खिलाफ लड़ाई, खुद की पैरवी (Engineer's fight against Ansal won in Rera, Real Estate Complaint Resolved in RERA)

बिल्डर ने मानी हार, 22 महीने में विला का निर्माण क्र कब्ज़ा देंगी कंपनी

consumer complaint

लखनऊ (Lucknow) : अंसल एपीआई (Ansal API) जैसी बिल्डर कंपनी (Builder Company) के खिलाफ मैकेनिकल इंजीनियर ऋतुराज मिश्रा ने रेरा (RERA) में खुद अपना केस लड़ा | बिल्डर (Builder) की लीगल टीम (legal team) के सामने अपने तर्क रखे | रेरा (RERA) ने जब शिकायतकर्ता के तर्क सही पाए तो बिल्डर को ही आड़े हाथ लिया | अब बिल्डर कंपनी (Builder Company) देरी के लिए हर्जाने के साथ अगले 22 महीने में शिकायतकर्ता (complainant) का गोल्फ सिटी में विला बनाकर देने के लिए तैयार हो गई है |

Know more about RERA (Real Estate Regulation Act

वकील की फीस कहा से देता इसलिए पढ़ा कानून 

विवेकखंड निवासी ऋतुराज मिश्रा का कहना है कि पहले इस केस के लिए वकील की मदद लेने के लिए कहा गया | इसके उलट मैने खुद पूरे, रेरा एक्ट (RERA Act) की स्टडी कर अपने तथ्यों को चेयरमैन राजीव कुमार के सामने रखने का फैसला लिया | इस एक वजह यह थी कि बिल्डर (builder) को पूरा देने के बाद आर्थिक तंगी के चलते वकील की फीस का भी खर्च उठाने की स्थिति मेरी नहीं थी | पत्नी के कहने पर कानून की पढ़ाई कर खुद ही केस लड़ने की तैयारी की | कुछ दिन तक समस्या आई, पर बर्बाद में रेरा (RERA) की टीम और चेयरमैन की मदद से दिक्कते दूर हुई |     

रेरा (RERA) की नई टीम के अधिकारियो और प्रमुख रूप से चेयरमैन का जब सहयोग मिला | इसके बाद दस्तावेजों को तर्क के साथ रखना भी आसान हो गया | ऋतुराज मिश्रा का कहना है कि रेरा कानून (RERA Law) बहुत कठिन नहीं है | इसे अगर ठीक से पढ़ लिया जाए तो आवंटी खुद अपने केस में पैरवी कर सकते है |

सात साल से इंतज़ार रिफंड लेने से इंकार 

शिकायतकर्ता से रेरा को बताया कि पाइनवुड विला प्रोजेक्ट में एक यूनिट उन्होंने बुक कराई | 34 लाख रुपये के विला के लिए बिल्डर को अब तक 21.50 लाख रुपये मे दे चूका हूँ | अब सात साल के बाद भी बिल्डर विला को नहीं दे सका | रेरा मे शिकायत (Complaint in RERA) कर इस मामले में विला पर कब्ज़ा और विलम्ब के हर्जाना की मांग की गई | बिल्डर (builder) पैसा वापस करने की बोलता रहा | मेरा कहना था कि मे कोई कमाई करने के लिए विला नहीं खरीदा था | ऐसे मे रिफंड की बात करना बेकार है |  


बिल्डर का तर्क, नोटबंदी ने फंसाया प्रोजेक्ट 

रेरा (RERA) मे बिल्डर (builder) ने तर्क दिया कि नोटबंदी होने की वजह से प्रोजेक्ट को पूरा करने मे दिक्कते आयी | वही आवंटी को मय ब्याज के 24 किस्तों मे पैसा वापस करने का विकल्प भी दिया गया | बिल्डर (builder) ने पहले दिसंबर 2021 तक विला देने के लिए कहा | रेरा (RERA) की सस्ती के बाद अब बिल्डर ने दिसंबर 2020 मे विला का काम पूरा कर कब्ज़ा देने की लिए कहा है | रेरा (RERA) के चेयरमैन ने बिल्डर (builder) को 22 महीने मे विला देने के अलावा कब्ज़ा के समय तक जमा पर नियम अनुसार ब्याज के रूप मे हर्जाना देने का आदेश दिया | यह हर्जाना कब्ज़ा देने के समय बाकी देनदारी मै बिल्डर समायोजित करेगा |  

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Friday, 12 April 2019

Indian Penal Code Section 503 (भारतीय दंड सहिंता की धारा 503) (पत्नी या गर्ल फ्रेंड सुसाइड की धमकी दे तो जानिए क्या करे? )

भारतीय दंड सहिंता की धारा 503 यह कहती है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को, या उसकी प्रतिष्ठा को, संपत्ति को, चोट पहुंचने कि धमकी देता है | यह किसी ऐसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को खराब करने की धमकी देता है | जिसपे उस पहले व्यक्ति का दिलचस्पी है यानि उसके माँ बाप, उसके भाई, या बहन को या फिर कोई ऐसा काम करने की धमी देता है, जिसको करने के लिए वह कानूनी तौर बाध्य नहीं है, तो यह आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) का केस बनता है |     

Criminal Intimidation (आपराधिक धमकी) : अगर कोई व्यक्ति आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) का क्राइम करता है | तो उसको क्या सजा होंगी यह भारतीय दंड सहिंता की धारा 506 (Indian Penal Code Section 506)  में बताया गया है | 

अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कोई ऐसी धमकी देता है जो  भारतीय दंड सहिंता की धारा 503 (Indian Penal Code Section 503)में बताई गयी है | तो उसे दो साल तक की सजा या जुर्माना या फिर सजा और जुर्माना दोनों हो सकती है | लेकिन अगर धमकी गंभीर चोट (grievous hurt) पहुंचाने की या फिर जान से मरने की दी गयी है तो उसमे 10 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों ही होने का प्रावधान है | 

अगर किसी की पति या फिर गर्ल फ्रेंड या फिर कोई व्यक्ति आत्महत्या (suicide) करने की धमकी देता है तो सबसे पहले आपको उनसे बात करनी चाहिए और कोई हल निकलना चाहिए | लेकिन आप उससे बात नहीं करना चाहते है या फिर आपने बात की है पर कोई हल नहीं निकल रहा है | तब आप कानून का सहारा ले सकते है | 


अगर पत्नी या गर्ल फ्रेंड या कोई भी व्यक्ति आपको आत्महत्या (suicide) करने की धमकी देता है | कोई भी ऐसा काम कराने के लिए जिसके लिए आप कानूनी रूप से बाध्य नहीं है | जैसे कि आपकी बीबी आपसे कहे कि मुझे गहने दिलवाइये या फिर मुझे अलग घर दिलवाइये वरना में आत्महत्या (suicide) कर लूंगी या फिर आपकी प्रेमिका आपसे कहती है कि मुझसे शादी कर लो नहीं में आत्महत्या (suicide) कर लूंगी तो यह सब Criminal Intimidation (आपराधिक धमकी) में आता है | इसके लिए आप Police Station में शिकायत कर सकते है | अगर कोई आपको आत्महत्या (suicide) करने कि धमकी दे | तो आपको एक आवेदन देना चाहिए डिटेल में क्या मामला था और क्या इसमें हो रहा है | इसके बाद आपको पुलिस स्टेशन में जाकर दे देना चाहिए कि यह व्यक्ति  आत्महत्या (suicide) करने की धमकी दे रहा है | अगर यह आत्महत्या (suicide) कर लेता है तो इससे मेरा कोई भी लेना देना नहीं होगा | 

इसी तरह से शादी के बाद कोई पत्नी 498A केस करने की धमकी देती है यह फिर कहती है कि पुरे परिवार को जेल में डलवा दूंगी तो यह भी Criminal Intimidation (आपराधिक धमकी) में आता है | इसके लिए भी आप पुलिस स्टेशन में केस कर सकते है | 


अगर कोई आत्महत्या (suicide) कर लेता है और सुसाइड नोट छोड़ता है या फिर घर वाले यह इल्जाम लगते है कि आपने ही सुसाइड के लिए उकसाया था या फिर आपने ही उसकी मौत का कारण है तो पुलिस आपको गिरफ्तार करेगी Indian Penal Code Section 503 के तहत लेकिन किसी के कह देने या फिर सुसाइड नोट से आप क्रिमिनल नहीं हो जाते है | बल्कि पुलिस पहले जाँच पड़ताल करेगी और उसमे देखेगी कि आपको उस व्यक्ति से क्या सम्बन्ध था | आपके उनके साथ कैसे रिश्ते थे और आप उनके सुसाइड के लिए जिम्मेदार है या नहीं | 

अगर जिम्मेदार मने जाते है तो आपके ऊपर 306 का केस चलेगा और नहीं माने जाते है तो उससे बरी कर दिया जायेगा | 

यहाँ पर आपको एक चीज और जानने कि जरूरत है Indian Penal Code Section 503 और Section 506 सिर्फ सुसाइड की धमकी के लिए नहीं है | बल्कि कोई भी व्यक्ति आपकी प्रतिष्ठा को ख़राब करने की धामी देता है, या फिर आपकी प्रॉपर्टी को नुकसान पूछने की धमकी देता है या फिर आपको जान से मारने की धामी देता है  या चोट पहुंचाने की धमकी देता है तो आप उसके खिलाफ केस दर्ज कर सकते है |

अगर आपकी किसी भी प्रकार की उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) का समाधान चाहते है तो Voxya consumer complaint website पर शिकायत दर्ज करे |


IF YOU ARE LOOKING FOR SOLUTION 
OF CONSUMER COMPLAINT THEN 

Thursday, 11 April 2019

What is Code of Conduct in Elections - आचार संहिता क्या होती है? Lok Sabha Election 2019

लोक सभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के तारीखों का ऐलान हो चुका है और इसी के साथ आचार सहिंता (Code of Conduct) भी लागू  हो चुकी है | 

इस बार आम चुनाव की गिनती 23 मई 2019 को होनी है और आचार सहिंता (Code of Conduct) 10 मार्च से शुरू होकर 23 मार्च 2019 तक जारी रहेगी | 

चुनाव आचार सहिंता (Code of Conduct) का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और  उसके उम्मीदवार को करना होता है | अगर कोई उम्मीदवार इन नियमो का पालन नहीं करता है | तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्यवाई कर सकता है | उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है | उमीदवार के खिलाफ F.I.R. दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसको जेल भी जाना पड़ सकता है | 

राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही उस राज्य में चुनाव आचार सहिंता भी लागू हो जाती है | चुनाव आचार संहिता (Election Code of Conduct) के लागू  होते ही राज्य सरकार और एडमिनिस्ट्रेशन यानि प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते है | सरकारी कर्मचारी चुनाव की प्रक्रिया होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते है | वे election commission के तहत रह कर उसके दिशा निर्देश पर पर काम करते है | 

आचार सहिंता (Code of Conduct) लागू होने के बाद कौन से काम नहीं कर सकते है | 

1. आचार संहिता (Code of Conduct) लागू होते ही प्रदेश का मंत्री या मुख्यमंत्री जनता के लिए जनता के लिए कोई नई घोषणा नहीं कर सकते है | इस दौरान राज्य में न तो शिलान्यास या भूमिपूजन नहीं किया जाता |

2. सरकारी खर्च से ऐसा कोई भी पार्टी विशेष को लाभ नहीं पंहुचा सकते |

3. चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी राजनैतिक दल और उनके किसी भी नेता को लाउडीस्पीकर का इस्तेमाल करने से पहले उनके स्थानीय अधिकारी से अनुमति लेना जरुरी है | 

4. किसी भी राजनैतिक पार्टी उम्मीदवार, राजनीतिज्ञ, या फिर समर्थक को कोई भी रैली करनी हो तो उसकी अनुमति पुलिस से लेनी होंगी | ताकि सुरक्षा से पुख्ता इंतजाम किये जा सके |

5.  किसी भी रैली में धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे जा सकते | 

6. आचार संहिता (Code of Conduct) का सबसे मुख्य सन्देश है कि उम्मीदवार किसी भी कीमत पर मतदाता को किसी भी प्रकार का लालच नहीं दे सकते है | अक्सर उम्मीदवार के द्वारा शराब और पैसे के साथ साथ कई तरह के उपहार देने की बात सामने आती है | ऐसा करना पूरी तरह से वर्जित है | 

7. आचार संहिता (Code of Conduct) के लागू होने के बाद से सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान, या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है | 

8. चुनाव के दिन उम्मीदवार आपने राजनैतिक दल के चुनाव चिन्ह को पोलिंग बूथ के आस पास नहीं दिखा सकते है | चुनाव समित के द्वारा दिए गए वैध पास के बिना कोई भी पोलिंग बूथ में नहीं घुस सकता |


आचार सहिंता Election Commission Of India के द्वारा बनाये गए कुछ नियम होते है, जिन नियमो को चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही लागू कर दिया जाया है | आचार संहिता (Code of Conduct) को इस लिए लागू कर दिया जाता है ताकि सभी Political Parties candidates और समर्थक एक दायरे में रहे और चुनाव को शांति के साथ पूरा कराया जा सके | आचार संहिता लागू होने के बाद सभी राजनैतिक दल, उमीदवारो और समर्थको को उसे मानना ही होता है | अगर कोई भी आचार संहिता में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करता है तब उसके खिलाफ Election Commission Of India को कार्रवाई करने का अधिकार है | जिसमे उसके खिलाफ F.I.R. हो सकती है और उसको जेल भी जाना पड़ सकता है | 

अगर आपको कही भी आपको आचार संहिता (Code of Conduct) का उल्लंघन देखने को मिलता है तो आप इसकी शिकायत सीधे आप Election Commission Of India को कर सकते है |     

     
अगर आपकी किसी भी प्रकार की उपभोक्ता शिकायत (consumer complaint) है तो इसकी शिकायत Voxya online consumer complaint website पर कर सकते है और आप अपनी शिकायत का जल्द से जल्द समाधान भी पा सकते है |  

Tuesday, 9 April 2019

Supreme Court Guidelines on Love Marriage 2018 (लव मैरिज करने वाले युगल के लिए Supreme Court की दी गयी दिशानिर्देश)

Supreme Court की तरफ से लव मैरिज करने वाले युगल को एक बड़ी रहत दी गयी है | कोर्ट ने कहा कि अगर दो बालिग अपने मर्जी से शादी करते है तो कोई भी इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकता है | Court ने यह भी कहा कि जब केंद्र सरकार इस मामले में कोई कानून नहीं ले आती तब तक यही दिशानिर्देश मान्य होंगे | 

12 दिशानिर्देश कौन कौन सी है जो कि लव मैरिज करने वाले युगल के पक्ष में की गयी है |

Supreme Court ने  अपना एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए अंतरजाति (intercaste) Marriage करने वाले युगल के मामले में खापपंचायत जैसे गैर कानूनी समूहों के दखल अंदाजी को पूरी तरह से गैर कानूनी करार देते हुए उस पर पाबन्दी लगा दी है | Court ने यह भी कहा कि अगर दो बालिग अपनी मर्जी से शादी कर रहे है तो इसमें कोई दखल देने का कोई हुक नहीं बनता है | Supreme Court के आदेश के मुताबिक जबतक केंद्र सरकार कोई कानून नहीं लेकर आएगी तब तक यह ही आदेश प्रभावी रहेगा | 

इसका उल्लंघन करने वाले को कठोर सजा दी जाएगी और court ने 2010 में NGO शक्तिवाहनी द्वारा दायर कि गयी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया था |  इसी केस कि सुनवाई करते हुए कुछ दिशानिर्देश भी जारी की | 

यह दिशानिर्देश कुछ इस प्रकार है |
  • राज्य सरकार ऐसे गांव/इलाको की पहचान करे जहा पिछले 5 साल में प्रेमी जोड़ो की हत्या या उनके साथ मारपीट की घटनाये हुए हो | वहां के प्रभारी पुलिस अधिकारी खास चौकसी बरते | 
  • अगर खाप पंचायत या जातीय समूह की प्रस्तावित बैठक की जानकारी पुलिस अधिकारी को मिले तो वह तुरंत वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दे | DSP या कोई आला अधिकारी बैठक करने जा रहे समूह को बताये कि प्रेमी जोड़ो के खिलाफ किसी भी प्रकार की बैठक गैरकानूनी है |  
  • बैठक में DSP खुद मौजूद रहे और सुनिश्चित करे कि प्रेमी जोड़ो या उनके परिवार को नुकसान पहुंचने जैसा कोई फैसला न लिया जाये | बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाये | 
  • अगर बैठक से पहले यह अंदेशा हो जाये कि इसमें प्रेम विवाह करने वाले किसी जोड़े को नुक्सान पहुंचाने का फैसला होगा और खाप वाले बैठक रोकने को तैयार न हो तो जिला प्रशासन धारा 144 लगाए | समूह से जुड़े लोगो को एहतियातन हिरासत में ले | 
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकारे आपस में चर्चा करे | पुलिस और दूसरी एजेंसियों को ऐसे अपराधो की रोकथाम ओर संवेदनशील बनाने में उपाय करे | 
  • अगर ऐसी बैठक हो जाने के बाद पुलिस को उसकी जानकारी मिले तो तुरंत F.I.R. दर्ज करे |  बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर धराये लगाई जाए | खतरे में आये जोड़े/ परिवार को सुरक्षा दे | 
  • प्रशासन ऐसे प्रेमी जोड़ो या प्रेम विवाह करने वाले जोड़ो को सुरक्षित जगह पर रखे, जिन्हे पंचायत और परिवार से खतरा हो | अगर पंचायत जातीय समूह में चलते प्रेमी जोड़े के परिवार वालो को खतरा हो तो उन्हें भी शरण दी जाए | राज्य सरकारे इस काम के लिए हर जिले में सेफ होम बनाने पर विचार करे | 
  • प्रशासन इस बात को भी देखे कि लड़का और लड़की वयस्क है या नहीं | अगर दोनों व्यस्क शादी करना चाहते है तो अपनी देख रेख और सुरक्षा के मध्य शादी करवाए | अगर वो जोड़ा सेफ होम में रहना चाहता हो तो मामूली किराये पर एक महीने में रहने दिया जाए | जरूरत पड़ने पर रहने की इजाजत बढ़ायी जाए, इसकी अधिकतम सीमा एक शाल तक हो सकती है | 
  • अगर कोई प्रेमी जोड़ा या प्रेम विवाह करने वाला जोड़ा प्रशासन के पास आये तो उनकी शिकायत की एसीपी रैंक के अधिकारी जाँच करे | शिकायत में कही गयी बातो की पुष्टि होने पर F.I.R. दर्ज हो और जोड़े के लिए खतरा बन रहे लोगो को हिरासत में लिया जाए | 
  • जानकारी मिलने पर भी प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने और दूसरी जरूरी करवाई करने में नाकाम रहने वाले अधिकारियो 
  • के खिलाफ विभागीय करवाई हो | 7 महीने में विभागीय कार्यवाही ख़त्म की जाए | 
  •  हर जिले में SSP और समाज कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में विशेष सेल बनाया जाए | इस सेल में प्रेमी जोड़े अपनी शिकायत रख सकते है | ये विशेष सेल 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन सुविधा भी दे | 
  • हॉनर किलिंग यानि झूठी शान के लिए प्रेमियों की हत्या और उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने के मामलो की सुनवाई के लिए विशेष अदालते बनाई जाए और इन मामलो की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक में हो | 
If you are looking for solution of consumer complaint then 

Monday, 8 April 2019

आप अपने स्मार्टफोन से ऑनलाइन F.I.R. कैसे दर्ज करे? (How you can file F.I.R. online from your smartphone in Hindi?)

अगर कभी आपका कोई सामान चोरी हो जाता है या खो जाता है तो हमे उसकी online F.I.R. file करनी पड़ती है | जिसके लिए या तो हम Police Station जाकर ऑफलाइन F.I.R. दर्ज कर सकते है या फिर हम घर बैठ कर भी smartphone से online F.I.R. दर्ज कर सकते है | 

Step By Step जानते है की Online F.I.R. Smartphone से कैसे दर्ज करे | 

F.I.R का क्या होता है? (What is F.I.R.)

F.I.R का मतलब होता है First Information Report. यानि हमारे साथ जब भी कोई घटना घटती है जैसे कि कार का चोरी हो जाना, स्मार्टफोन का चोरी हो जाता है तो इन चीजों को हम थाने में जाकर पुलिस को बताते है तो इसी को F.I.R कहते है | 


F.I.R क्यों दर्ज करानी चाहिए? (Why should you file F.I. R?)

जब भी हमारा कोई सामान चोरी होता है या फिर खो जाता है और इसके बाद वह किसी तरह के क्राइम में उपयोग हो सकता है | तो अगर आपने उसे F.I.R. करवा दी है तो फिर उसका आप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है | लेकिन अगर आपने उसकी F.I.R. दर्ज नहीं करवाई होती है तो उसका आप पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ता है | उदहारण के लिए आपकी कोई कार थी जो चोरी हो गयी है या खो गयी है और आपने उसकी F.I.R. दर्ज नहीं करवाई है | तो अगर वह कार किसी क्राइम में इस्तेमाल की जाती है तो आप पर भी उसका प्रभाव पड़ेगा | आपको भी थाने में बुलाया जायेगा और आपको कस्टडी में भी रखा जा सकता है और यह भी संभव है की पुलिस आपकी पिटाई भी कर सकती है |  लेकिन अगर आप उनको F.I.R. की कॉपी दिखा देते है तो उसका आप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा |
  
F.I.R. दर्ज करवाने के दो रास्ते होते है |
  • आप किसी भी पुलिस स्टेशन पर जा कर offline F.I.R. file करवा सकते है|
  • आप हर से भी online F.I.R. file करवा सकते है |


ऑनलाइन F.I.R. कैसे दर्ज करे? (How to file online F.I.R.?)

आपको सबसे पहले अपने मोबाइल पर Google chrome browser खोलना है | 
उसके बाद आपको सर्च करना होता है "Online F.I.R. + City Name" अगर आपने सर्च किया है "Online F.I.R. Delhi" तो आपको सबसे पहले आपको ये वेबसाइट दिखेगी "http://www.delhipolice.nic.in/register.html" और आप सीधे http://www.delhipolice.nic.in/ पर जाकर भी देख सकते है | 

Voxya Consumer Forum


आप जब इसपर जायेंगे तो आपको एक फॉर्म मिलेगा जिसे आपको भरना होगा | 

आप इस फॉर्म को भर के, जमा करेंगे तो तो आपको एक PDF File मिल जाएगी और वही फाइल आपके ईमेल पर भी जाएगी | 

इस pdf फाइल में एक L.A.R. नंबर होता है जिसकी मदद से आप अपनी F.I.R. का स्टेटस भी प्राप्त कर सकते है |  



अगर आप अपनी उपभोक्ता शिकायत ऑनलाइन दर्ज (consumer complaint online file) करना चाहते है तो आप Voxya online complaint website पर शिकायत करे |



File Complaint Now!

Friday, 5 April 2019

फोरम का आदेश, बिल्डर ब्याज सहित लौटाए रकम (Real Estate Consumer Complaint in Lucknow Uttar Pradesh)



लखनऊ (Lucknow) :  जिला उपभोक्ता फोरम (District Consumer Forum) ने निजी बिल्डर स्काईवे इंफ्रास्ट्रक्चर (Skyway Infrastructure) को आदेश दिया है कि आवंटी सुनील कुमार के खरीदे भूखंडो का रिफंड ब्याज सहित करे | आवंटी ने गोमती एस्टेट योजना (Gomti Estate Yojana) में भूखंडो सी - 18, सी - 28 2012 में खरीदे | शिकायतकर्ता (complainant) का कहना है कि कुछ समय बाद बिल्डर ने किस्ते लेना बंद कर दिया | वही उनके भूखंड किसी अन्य को आवंटित कर दिए गए | वही बिल्डर का कहना है कि खुद आवंटी कि मांग पर ऐसा किया गया | फोरम (Forum) के अध्यक्ष अरविन्द कुमार और सदस्य राजर्षि शुक्ला ने अब आदेश दिया है कि बिल्डर कुल जमा 2,10,000 रुपये मय नौ प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करे | इसके अलावा विधिक व्यय के लिए 5000 रुपये अलग से अदा करे |

अगर आपकी भी Real Estate Company, Real Estate Builder, Property Dealer आदि के खिलाफ कोई भी उपभोक्ता शिकायत है तो आप अपनी शिकायत को Voxya online complaint website पर करके के समाधान पर सकते है |