चंडीगढ़ (Chandigarh): District Consumer Disputes Redressal Forum ने एक बीमा कंपनी United India Insurance को निर्देश दिया है कि वह अपनी बीमा पॉलिसी के निबंधन एवं शर्तों के अनुसार क्लेम का निपटारा नहीं करने के लिए सेक्टर 37, Chandigarh के निवासी को क्षतिपूर्ति के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान करे |
77 वर्षीय शिकायतकर्ता (complainant), राजिंदर कुमार मल्होत्रा ने अपनी याचिका में forum को बताया कि ने Forum को बताया कि उन्होंने 15 अक्टूबर, 2015 में ओवरसीज मेडिकल पॉलिसी (overseas medical policy) ली थी | जोकि अक्टूबर 19, 2015 से मार्च 6, २०१६ तक वैध थी जिसकी प्रीमियम के लिए उन्होंने 26,910 रुपये दिए थे |
अक्टूबर 19, 2015 को वह Australia के लिए रवाना हुए थे | 10 दिनों के बाद वह बीमार पड़ गए थे, जिसके लिए उन्होंने डॉक्टर से नवंबर 2, 2015, संपर्क किया और डॉक्टर ने उन्हें कुछ मेडिकल जांचो (Tests) की सलाह दी |
मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद डॉक्टर ने उनको भर्ती होने की सलाह दी क्योकि उनके खून में सोडियम की मात्रा काफी कम हो गयी थी | शिकायतकर्ता (complainant) ने कहा कि वह 3 दिन और 2 रात वहा पर भर्ती रहे और वहा पर X-Ray, ECG और कई अन्य तरह की जाँच हुई | उन्हें 5 नवंबर, 2015 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था |
उन्होंने Consumer Forum को बताया कि उनके इलाज पर 3.07 लाख रुपये खर्च किए गए | बाद में, उन्होंने उन्होंने एक Forum के समक्ष परिवाद दायर किया, जिसका निपटारा इस मई 17, 2017, जिसमे कंपनी को यह निर्देश दिया गया कि वह आदेश में दिए गए तरीक से एक महीने पहले दावों को निपटारा करे |
उन्होंने बताया कि कंपनी ने बिना किसी ब्याज के 28 जुलाई 2017 में 3.05 लाख रुपये का क्लेम जारी किया | जिसमे शिकायतकर्ता (complainant) ने यह भी कहा कि वह November 03, 2015 से April 12, 2018 तक के लिए वह Rs 1.79 लाख रुपये के भी हकदार थे |
कंपनी ने अपने जवाब में बताया कि क्लेम का निपटारा कर दिया गया है और 3.05 लाख रुपये पूर्ण और अंतिम समझौते की राशि $100 काट कर वापस कर दिए गए है |
दोनों पक्षों को सुनने के बाद, Consumer Forum ने माना कि शिकायतकर्ता (complainant) कि क्लेम को निपटारे में देरी हुई है जिसके कारण शिकायतकर्ता को जिसकी वजह से उन्हें मानसिक व्यथा से गुजरना पड़ा साथ ही साथ उन्हें कानूनी कार्यवाई के लिए खर्च भी करना पड़ा जिसके लिए उन्हें मुआवजे के तोर पर 25,000 रुपये दिए जाये | हालंकि Forum शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए ब्याज की दलील को ठुकरा दिया |
Content Source: TOI
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